कर्मचारी असंतोष की आड़ लेकर जिम्मेदारियों से बचती रही है कांग्रेस सरकार

 

 खबर नेशन / Khabar Nation

                भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार की कार्यशैली बताती है कि यह सरकार अपनी जिम्मेदारियों और देनदारियों से बचने के लिए कर्मचारी असंतोष की आड़ लेती रही है। इस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के समय भी ऐसा ही किया था और अब बाढ़ के कारण हुई तबाही के समय भी अपनी जिम्मेदारी से बचने यही तरीका अपना रही है। यह बात भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष  रणवीर सिंह रावत ने प्रदेश में पटवारियों की हड़ताल के कारण बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजा मिलने में हो रही देरी पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कही।

             रणवीर सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले किसानों की कर्जमाफी की घोषणा तो कर दी थी, लेकिन बाद में इससे बचने के लिए तरह-तरह के बहाने किए। कभी प्रक्रिया में बदलाव किया, लाल-पीले फॉर्म बांटे, तो कभी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता और सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल की आड़ ली। अब प्रदेश में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण भारी तबाही हुई है। किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं, घर, ट्रैक्टर तथा मवेशी बाढ़ में बह गए हैं। ऐसे में पीड़ित किसानों को राहत पहुंचाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार के मंत्री और नेता ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे नाराज होकर प्रदेश के पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं। स्वाभाविक है कि जब संबंधित विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे, तो राहत और मुआवजे के काम में देरी तो होगी ही। इस तरह सरकार को अपनी जिम्मेदारी से बचने या उसे टालने के लिए कुछ और समय मिल जाएगा। श्री रावत ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग की है कि वे पटवारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए तत्काल कदम उठायें, ताकि पीड़ित किसानों को तुरंत राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि पीड़ित जनता की सहायता करना और उसे राहत पहुंचाना किसी भी सरकार की जिम्मेदारी है और कमलनाथ सरकार इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

 

Share:


Related Articles


Leave a Comment