कर्जमाफी के लिए कमलनाथ को धन्यवाद दे भाजपा

जिनकी सरकार में किसानों का एक रुपये का कर्ज माफ नहीं हुआ, खेती
घाटे का धंधा बनी रही, सर्वाधिक किसान आत्महत्या करते रहे,
वह किस मुंह से किसानों की बात कर रहे हैं: नरेंद्र सलूजा.    

खबर नेशन /Khabar Nation


भोपाल, 24 अगस्त 2019
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि किसान कर्ज माफी व मुख्यमंत्री की किसानों के नाम पाती पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव किस मुंह से सवाल उठा रहे हैं? भाजपा की 15 वर्ष की सरकार में किसानों का एक रुपये का कर्ज माफ नहीं हुआ।यहां तक कि 2008 के घोषणा पत्र में किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफ करने की घोषणा कर ,सत्ता में आते ही भाजपा अपने वादे से पलट गयी, अगले 10 वर्षों की सरकार में भी उसने अपने इस वादे को नहीं निभाया।भाजपा के राज में खेती लाभ की जगह घाटे का धंधा बनी रही। 15 वर्ष में 25 हजार किसानों ने आत्महत्याए की।
खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों को खेती छोड़ नौकरी-उद्योग लगाने की सलाह दी।जिन के राज में अपना हक मांग रहे किसानों के सीने पर गोलियां दागी गई।किसानों को अपना हक मांगने पर कपड़े उतार कर थानों में बंद किया गया, उन पर जमकर दमन अत्याचार किए गए।किसानों के नाम पर चलने वाली हर योजना में जमकर भ्रष्टाचार व घोटाले किये गये।चाहे भावांतर योजना की बात करें, या समर्थन मूल्य में खरीदी की बात करें या प्याज खरीदी की बात करें या किसानों को ऋण देने की बात करें ,किसानों के नाम पर चलने वाली हर योजना में भ्रष्टाचार व घोटाले के मामले भाजपा सरकार में सामने आये। इतना सब होने के बाद भाजपा को तो किसानों पर बात करने का कोई हक नहीं है, वह किस मुंह से कांग्रेस की किसानों की ऋण माफी पर सवाल उठा रही है व बात भी कर रही है?
सलूजा ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने जब किसानों की ऋण माफी योजना शुरू की तो भाजपा सरकार में किस प्रकार से सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों के ऋण के नाम पर घोटाला किया गया व जमकर फर्जीवाड़ा किया गया, उसके सारे मामले सामने आये, जिसकी जांच जारी है। किस प्रकार से किसानों के नाम पर झूठे ऋण स्वीकृत कर उसकी राशि निकाल ली गई ,फर्जी नामों से ऋण स्वीकृत किए गये, यह सब कांग्रेस की कर्ज माफी योजना से ही उजागर हुआ है। बेहतर हो भाजपा किसानों की कर्ज माफी पर सवाल उठाने की बजाय उसका स्वागत करें और खाली खजाने के बावजूद भी कांग्रेस सरकार के कर्ज माफी के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए उसे धन्यवाद दें।

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