महाभियोग कांग्रेस का सियासी खेल

कांग्रेस के सहयोगियों ने महाभियोग से किया किनारा

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि राम मंदिर जहां भारत की जनता के लिए आस्था का सवाल हैं वहीं कांग्रेस और उसके झंडा बरदारों के लिए यह एक सियासी खेल बन चुका हैं। इसकी सुनवाई के दौरान कांग्रेस और उसके विधिवेत्ता कपिल सिब्बल ने मामले को दो साल के लिए स्थगित करने की मांग कर दी। कांग्रेस ने महाभियोग लाने का तभी अपना मंतव्य जाहिर कर दिया था। महाभियोग का नोटिस देते हुए कांग्रेस ने स्पष्ट संकेत दिया था कि न्यायालय कांग्रेस की अपेक्षित मांग पूरी करे। ऐसा करने के पीछे उसका दुराग्रह यही था कि उसे लोकसभा चुनाव 2019 के लिए न्यायमूर्ति लोया प्रकरण का सहारा चाहिए जो न्याय और नैतिकता की दृष्टि से न तो संभव था और न न्यायालय अपनी स्वायत्तता से विमुख हो सकता था। कांग्रेस संविधान और लोकतंत्र के लिए खतरा हैं, लेकिन संविधान बचाओ का बैनर लगाकर कांग्रेस जनता की आंखों में धूल झोंकने में सफल नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का प्रमुख स्तंभ हैं, लेकिन अपनी हारी हुई लड़ाई जीतने में कांगे्रस न्यायपालिका को भी अखाड़ा बनाने में संकोच नहीं करती। न्यायमूर्ति लोया का प्रकरण इसका सबूत हैं। उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में कांग्रेस की भूमिका किसी से छुपी नहीं हैं। उसने न्यायपालिका पर से जनता का भरोसा डिगाने का पाप किया। मुहं मांगा फैसला पाने के लिए न्यायपालिका को विवादों में धकेला। इसके पहले कांग्रेस निर्वाचन आयोग पर अपना अविश्वास व्यक्त कर चुकी हैं। उसने देश की प्रतिष्ठित संस्था सीएजी को भी विवादों में घसीटा। ईवीएम को अविश्वसनीय बताकर जनता का भरोसा खंडित करने का प्रयास किया। कांग्रेस ने सेना के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को साम्प्रदायकिता के छीटे से बदरंग करने में गुरेज नहीं किया। बजट सत्र के दूसरे चरण को हंगामे में समाप्त करके लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा समाप्त करने में संकोच नहीं किया।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की इस बदनीयत का ही कारण हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, वीरप्पा मोइली जैसे कांग्रेसी नेताओं ने महाभियोग नोटिस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। कांग्रेस की सहयोगी रही तृणमूल कांग्रेस, डीएमके बीजू जनता दल सभी ने किनारा कर लिया और कांग्रेस के सियासी खेल की पोल खोल दी। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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