कैलाश विजयवर्गीय को दी इस्तीफे की धमकी

  शोभन बैशाखी दोनों को एक ही पद देने से भाजपा का इंकार, 

१४ अगस्त को भाजपा में शामिल हुए थे शोभन-बैशाखी 
२८ अगस्त की शाम कैलाश विजयवर्गीय के घर जाकर की इस्तीफे की पेशकश 

अरविंद मेनन ने किया मनाने का प्रयास

खबर नेशन / Khabar Nation


कोलकाता । भाजपा में शामिल होने के अभी दो सप्ताह भी नहीं गुजरे थे कि दोनों का भाजपा से मोह भंग हो गया। कैलाश विजयवर्गीय से उन दोनो ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। बैशाखी को शोभन चटर्जी के समान मर्यादा का पद देने को लेकर भाजपा को आपत्ति है। इससे शोभन और बैशाखी नाराज हैं। बता दें शोभन चटर्जी कोलकाता के तृणमूल कांग्रेस से महापौर चुने गये थे । भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया । इसके साथ ही देवश्री राय के भाजपा में शामिल होने को लेकर दिलीप घोष की हरी झंडी शामिल है। रायदीघी से तृणमूल विधायक देवश्री राय काफी दिनों से भाजपा में शामिल होने का प्रयास कर रही है। परंतु देवश्री को लेकर शोभन और बैशाखी को अपत्ति है। भाजपा सूत्रों की माने तो बैशाखी के दबाव के कारण ही देवश्री को लेकर शोभन अनिच्छुक है।  परंतु दिलीप घोष ने स्पष्ट कर दिया कि व्यक्ति से पहले पार्टी है।   किसी के साथ किसी व्यक्तिगत मतभेद हो ही सकता है परंतु पार्टी का फैसला उसे मानना होगा। शोभन को कोलकाता व दक्षिण २४ परगना में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के बारे में विचार भाजपा कर रही है  परंतु उनकी तरह ही मर्यादा वाला पद बैशाखी मांग रही है। यहीं पर भाजपा नेतृत्व को आपत्ति है। भाजपा का कहना है कि राजनीति में बैशाखी बंद्योपाध्याय बिलकुल नयी हैं। उनके अनुसार अध्यापक अध्यापिका भाजपा में काफी हैं। रास्ते पर उतर कर पूर्व आईपीएस भारती घोष काम कर रही है। बैशाखी भी वैसे ही करें। उन्हें खुद को तो पहले सिद्ध करना होगा। १४ अगस्त में भाजपा में शोभन-बैशाखी भाजपा में शामिल हुए थे। २८ अगस्त की शाम कैलाश विजयवर्गीय के कोलकाता स्थित घर पर जाकर दोनों ने इस्तीफे की पेशकश भी की है। इसके पहले शोभन के घर जाकर अरविंद मेनन ने भी बात की है। परंतु बैशाखी के आचरण से राज्य भाजपा काफी परेशान है। कैलाश विजयवर्गीय ने कह दिया कि वैशाखी की आपत्ति को स्वीकार नहीं किया जायेगा। देवश्री राय का भाजपा में स्वागत किया जायेगा। इसके साथ ही कैलाश ने यह साफ कर दिया कि बैशाखी को लेकर पार्टी के भीतर ही असंतोष है ने इसके बाद ही शोभन चट्टोपाध्याय ने इस्तीफा देने की इच्छा प्रकट की । कोलकाता के पूर्व मेयर ने कहा कि बैशाखी का अपमान वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं देवश्री राय को लेकर भी उनकी आपत्ति है। बैशाखी बंद्योपाध्याय को लेकर शुरु से ही भगवा खेमें में असमंजस का माहौल है। दिल्ली में भाजपा के सदर कार्यालय में शोभन बैशाखी के योगदान के दिन ही वहां देवश्री राय पहुंच गयी थी। परंतु शोभन की आपत्ति पर रायदीघि से तृणमूल विधायक को भाजपा ने पार्टी ने नहीं लिया। भाजपा खेमे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देवश्री को लेकर बैशाखी ने ही आपत्ति जताई थी।. बाद में भाजपा के प्रदेश कार्यालय से भी एक बार नाटक किया गया। सम्मान देने का आमंत्रण पत्र पर केवल शोभन चट्टोपाध्याय का नाम था। बैशाखी को इसमें स्थान नहीं मिला। राज्य भाजपा नेतृत्व का एक हिस्से का मानना है कि यह वास्तव में दबाव का खेल है. दबाव डाल कर एक पद बैशाखी लेना चाहती है। शोभन के इस्तीफा देने पर भाजपा की किरकिरी होगी। इसी का फायदा दोनों उठाना चाहते हैं। आखिरकार शोभन बैशाखी के दबाव के आगे भाजपा सिर झुकाती है या नहीं यह समय का इंजतार है. ।

 

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