मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को कौन कर रहा ट्रैप ?

 

 

 आखिर क्यों उतारना पड़ा भारत के निर्वाचन आयुक्त को खंडन करने मैदान में ?

 

 गौरव चतुर्वेदी/ खबर नेशन/Khabar Nation

 

मध्य प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन ? पर संशय बना हुआ है । मध्य प्रदेश में अफवाहों का बाजार गर्म है।  विगत चार-पांच दिन से सोशल मीडिया और मीडिया में इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन की अफवाह जबरदस्त तरीके से प्रसारित हो रही है । जिसके बाद मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग को और मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग को इस तरह की खबरों का खंडन करना पड़ा। 

 सूत्रों के अनुसार भारत के निर्वाचन आयुक्त ने इस तरह की अफवाहों पर सख्त आपत्ति जताई थी । जिसके बाद सरकार एक्टिव मोड में आई । आखिर कौन है ? जो अपवाह प्रसारित करवा रहा है । आखिर किसे फायदा मिलेगा?  इस तरह की अफवाहों का।

मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का 30 नवंबर को एक्सटेंशन समाप्त हो रहा है।  1985 बैच के इकबाल सिंह बैंस को पूर्व में दो बार 6-6 माह की सेवा वृद्धि दी गई है।  हालांकि यह सेवा वृद्धि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने दी थी । 

वर्तमान में मध्य प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव का फैसला सिर्फ और सिर्फ केंद्रीय चुनाव आयोग कर सकता है । प्रक्रियानुसार मध्य प्रदेश शासन से वरिष्ठता क्रम के आधार पर तीन नाम का पैनल चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। जिसमें से एक नाम पर चुनाव आयोग सहमति देगा।  वहीं दूसरी तरफ वल्लभ भवन के सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के एक बार और सेवा वृद्धि के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव आचार संहिता लगने के पूर्व दिल्ली भेज चुके थे । जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है । मध्य प्रदेश शासन ने भी तीन नाम का पैनल ना तो केंद्र सरकार को और ना ही चुनाव आयोग को भेजा है ।

अब मामला मध्य प्रदेश शासन ,केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के बीच फंसा हुआ है । इधर मध्य प्रदेश में तेजी के साथ अफवाह फैल रही है कि इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया है । जिसके बाद चुनाव आयोग को सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा । 

आखिर क्या होगा?  क्या इकबाल सिंह बैंस को एक और एक्सटेंशन मिलेगा ? या फिर नए नाम के पैनल में से ही विचार किया जाएगा ? 

मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्ति वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगर मध्य प्रदेश शासन द्वारा आचार संहिता के पूर्व केंद्र सरकार को भेजे गए एक्सटेंशन प्रस्ताव की बात करें तो केंद्र सरकार को एक्सटेंशन का फैसला पहले लेना था । अब केंद्र सरकार चुनाव आयोग से एनओसी लेकर ही सेवा वृद्धि दे सकती है । अन्यथा तीन नाम के पैनल में से ही आयोग को किसी एक नाम पर ही विचार करना होगा।  हालांकि चुनाव आयोग के संज्ञान में यह बात है कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सेवानिवृत हो रहे हैं । इस आधार पर चुनाव आयोग स्वयं आगे बढ़कर प्रस्ताव नहीं मांग सकता है। प्रस्ताव केंद्र सरकार के मार्फत मध्य प्रदेश शासन ही पैनल बनाकर भेजेगा । जिसे अभी तक मध्य प्रदेश शासन ने तैयार नहीं किया है।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज भोपाल में नहीं है । उनके देर रात तक भोपाल लौटने की संभावना है।  ऐसी स्थिति में औपचारिक अनुमोदन के बिना मुख्यसचिव पैनल नहीं भेजेंगे । आगामी 2 दिन अवकाश है । अब सवाल उठता है कि आखिर अभी तक मुख्य सचिव के तीन नाम का पैनल मध्य प्रदेश सरकार ने तैयार कर क्यों नहीं भेजा ? कहीं मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस एक और एक्सटेंशन प्राप्त करने के मूड में तो नहीं है? वहीं मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उन्हें विश्वसनीय तौर पर जानकारी मिली है कि इकबाल सिंह बैंस को एक्सटेंशन दे दिया गया है। लेकिन यह आदेश सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है । पूर्व की परंपराओं को खासकर इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल के दौरान की परंपराओं को देखा जाए तो आखरी दिन ही अचानक एक्सटेंशन का प्रस्ताव सामने आता है। 

आदेश जारी ना होने की एक वजह यह भी मानी जा रही है कि कांग्रेस इस मामले को लेकर आपत्ति लगा सकती है और ना मानने की स्थिति में न्यायालय की शरण ले सकती है। अगर आदेश 30 नवंबर को ही जारी होता है तो कांग्रेस को न्यायालय की शरण लेने के लिए एक ही दिन मिलेगा। 2 दिसम्बर को शनिवार और रविवार का अवकाश आ जाएगा। 3 दिसंबर को मतगणना रहेगी।

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