बन पाएगी लाडली बहना या रख पाएंगी नारी सम्मान वीरा राणा ?
अब भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की क्या होगी अगली रणनीति
गौरव चतुर्वेदी/ खबर नेशन/ Khabar Nation
मध्यप्रदेश की नवनियुक्त मुख्य सचिव वीरा राणा को लेकर एक सवाल उठ खड़ा हुआ है। क्या वीरा राणा भाजपा सरकार की लाड़ली बहना बन पाएगी और अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो क्या नारी सम्मान बरकरार रख पाएंगी ? इसकी वजह आगामी दिनों में नई सरकार के बनने पर मुख्य सचिव के कार्यकाल पूरा करने को लेकर कयासबाजी है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की नई मुख्य सचिव वीरा राणा को बनाया गया है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता प्रभावी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1988 बैच की अधिकारी वीरा राणा को वरिष्ठता क्रम के आधार पर मुख्य सचिव बनाया गया है।राणा वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा मंडल में बतौर अध्यक्ष पदस्थ हैं। बतौर मुख्य सचिव वीरा राणा मध्यप्रदेश की दूसरी महिला आय ए एस हैं।
पिछली परंपराओं को देखा जाए तो मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर मुख्यमंत्री अपनी सहूलियत अनुसार मनपसंद अधिकारी को पदस्थ करते आए हैं। यह परंपरा काफी लंबे समय से चल रही है। इस दौरान एक नई परंपरा के तौर पर मुख्य सचिव को सेवावृद्धि देना भी रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो अपने मनपसंद अधिकारी इकबाल सिंह बैंस को दो बार सेवावृद्धि दिलवाने का काम किया।
असमंजस की स्थिति यह है कि चुनाव आचार संहिता के दौरान वीरा राणा की मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति हुई है। इस नियुक्ति के पूर्व संभावना व्यक्त की जा रही थी कि नई सरकार बनने के बाद चाहे वो कांग्रेस की हो या भाजपा की मुख्यमंत्री सहूलियत अनुसार नया मुख्य सचिव चुनेंगे। दोनों ही राजनीतिक दलों ने महिलाओं को लेकर बड़ी बड़ी राजनीतिक घोषणाएं की हैं। शिवराज सरकार जहां लाडली बहना योजना को लागू कर चुकी है तो कांग्रेस नारी सम्मान के सहारे चुनावी मैदान में उतरी थी। ऐसे में देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या दोनों दल अपनी महिला योजनाओं के साथ वीरा राणा को अपना मुख्य सचिव बनाए रखेंगी या फिर अपनी सहूलियत अनुसार नया मुख्य सचिव चुनेंगी।