इंदौर संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा और नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल की भूमिका पर सवाल ?
सोलह करोड़ के घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश लोकायुक्त में इंदौर नगर निगम अपर आयुक्त संदीप सोनी सहित आठ अधिकारियों एवं ठेकेदार के खिलाफ शिकायत
मकान तोड़ने की अप्रत्यक्ष धमकी देते हुए शिकायतकर्ता पर शिकायत वापस लेने का बनाया दबाव
पन्द्रह सालों में पदस्थ रहे इंदौर नगर निगम आयुक्त , शिल्पज्ञ एवं वल्लभ भवन में बैठे अधिकारी डकार गए लगभग 200 करोड़ रुपए
गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation
इंदौर नगर पालिक निगम ने गुजरात की एक कंपनी को दिए गए सीवरेज लाइन रिक्ट्रीफिकेशन कार्य में असत्य एवं कूटरचित दस्तावेज बनाकर निगम को लगभग सोलह करोड़ की आर्थिक क्षति पहुंचा दी। इस मामले को लेकर इंदौर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को दिग्विजय सिंह भंडारी ने मय दस्तावेज शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त को शिकायत होते ही शिकायतकर्ता दिग्विजय सिंह के सर्वानंद नगर स्थित आवास पर निगम के कर्मचारी पहुंच गए और शिकायतकर्ता के मकान को अवैध बताकर तोड़ने की अप्रत्यक्ष धमकी देने लगे। शिकायत कर्ता के उग्र और कानूनी कदम उठाने की धमकी से बौखलाकर टीम वापस लौट गए । गौरतलब है कि इस मामले में संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा जो इन दिनों नगर निगम के प्रशासक भी हैं और निगमायुक्त प्रतिभा पाल भी संदेह के घेरे में आ गई है।
मामला इंदौर के शास्त्री ब्रिज से लेकर राजकुमार ब्रिज एवं माणिकबाग से चोइथराम अस्पताल के बीच बिछाई गई सीवरेज लाइन रिक्ट्रीफिकेशन कार्य का है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि असत्य एवं कूटरचित दस्तावेज बनाकर यह कार्य गुजरात के सूरत की जे एम रमानी एण्ड कम्पनी को दिया गया है। जिसमें 16,07,05,917 रुपए अक्षरी सोलह करोड़ सात लाख पांच हजार नौ सौ सत्रह का अपवंचन किया गया है। शिकायत अपर आयुक्त इंदौर नगर निगम संदीप सोनी , कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता , सहायक यंत्री सेवकराम पाटीदार , कार्यालय अधीक्षक धरमचंद पालीवाल , झोनल अधिकारी धीरेन्द्र बायस , उपयंत्री चन्दन सिंह चंदेल, डी आर ए कंसल्टेंट प्रशांत सिंह मोर्या , डी आर ए कंसल्टेंट अभिषेक शर्मा , मेसर्स जे एम रमानी एण्ड कम्पनी सूरत (गुजरात) द्वारा डा.पवन कुमार शर्मा प्रशासक इंदौर नगर पालिक निगम के विरुद्ध की गई है। शिकायत में संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा एवं निगमायुक्त प्रतिभा पाल की भूमिका को लेकर भी संदेह व्यक्त किया है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि शहर के मध्य क्षेत्र में रियासत कालीन सीवरेज नेटवर्क स्थापित है। इसके बाद जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत 2015 में 307 करोड़ का सीवरेज नेटवर्क बिछाया गया है।
शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि 2006-07 से लेकर अभी तक इंदौर नगर निगम में पदस्थ रहे आयुक्त , परियोजना अधिकारी , शिल्पज्ञ , तथा वल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों ने मिलकर इस तरह के विभिन्न कार्यों में पचास प्रतिशत राशि का अपवंचन किया है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा ने बतौर इंदौर नगर निगम प्रशासक प्रस्ताव क्रमांक 59 को दिनांक 17/03/2021 को स्वीकार किया। इसके पूर्व ही उपर्युक्त आरोपीगण ने 6/3/2021 को मेसर्स जे एम रमानी एण्ड कम्पनी को प्रस्तुत चतुर्थ बिल 1,67,07,569 रुपए का पे आर्डर बनाकर 10/03/2021 को भुगतान कर दिया।
यहां यह गौरतलब है कि उक्त निविदा के कार्यादेश जारी करने की स्वीकृति संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने 15/07/2021 को प्रदान कर दी।
इस मामले को लेकर जब संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा और निगमायुक्त प्रतिभा पाल को पक्ष जानने के लिए फोन लगाया तो अलग अलग समय पर पांच छह बार लगाने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। अपर आयुक्त संदीप सोनी को भी फोन लगाया पर उन्होंने उठाया नहीं । संबंधित खबर का उल्लेख करते हुए संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा , निगमायुक्त प्रतिभा पाल , अपर आयुक्त संदीप सोनी को मैसेज एवं वाट्स एप पर भी मैसेज भेजा पर किसी ने भी रिप्लाई देना उचित नहीं समझा।
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गौरव चतुर्वेदी
खबर नेशन
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