मालवा निमाड़ के तीन असल किरदार

 

 मध्यप्रदेश और गुजरात  के चप्पे-चप्पे से जुड़े हैं शराब तस्करों के तार

मध्यप्रदेश सरकार के संरक्षण में फलता फूलता है शराब तस्करों का कारोबार

खबर नेशन / Khabar Nation


आप ताज्जुब करेंगे कि मध्यप्रदेश सरकार के संरक्षण में ही शराब तस्करों का अवैध कारोबार फलता फूलता है । कैसे मालवा और निमाड़ के तीन किरदार अपने शराब तस्करी के कारोबार को अंजाम देते हैं ?
गौरतलब है कि मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद मध्यप्रदेश सरकार हर जिले में अवैध शराब व्यापारी और निर्माता के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं । जब अवैध शराब कारोबार की तह में गये तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई । मध्यप्रदेश के मालवा और निमाड़ के तीन किरदार बैखौफ होकर शराब की तस्करी में जुटे हुए हैं । 


गुजरात के सीमा से सटे झाबुआ जिले में आबकारी विभाग के सात शराब के ग्रुप हैं । जिनमें दो पर पिंटू भाटिया और ए के सिंह वैध ठेकेदार के तौर पर काबिज हैं । एक ग्रुप है काली देवी समुह जो झाबुआ जिले का प्रवेश द्वार है । और दूसरा समुह है पिटोल जो गुजरात के लिए शराब तस्करों का एक्जिट पांइट माना जाता है । 
ए के सिंह और दाहोद के रियल स्टेट एव वाहन कारोबारी अल्केश गुजराती की साझेदारी में धार जिले में एक शराब फैक्ट्री है। इसी के साथ ही केडिया समुह की पीथमपुर में ग्रेट ग्लेन डिस्टलरी संचालित की जाती है । जहां पर लंदन प्राइड और रॉयल सिलेक्ट नाम के ब्रांड बनाए जाते है। यहां से शराब धार जिले के बाइडन स्थित शराब दुकान के लिए निकाली जाती है । बाइडन से धार जिले की ही स्थित राजगढ़ दुकान के लिए मैन्युअल टी पी पर आगे बढ़ा दी जाती है । अब यहां से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित काली देवी समुह तक शराब बिना परमिट के ले जाई जाती है । इसके बाद काली देवी से पिटोल तक फिर मैन्युअल टी पी बनाया जाता है । मध्यप्रदेश में आबकारी आयुक्त ने पूर्ण रुपेण मैन्युअल टी पी पर रोक लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस की मदद से यह धंधा बदस्तुर जारी है । पक्ष विपक्ष के स्थानीय राजनेताओं की भी भूमिका समय अनुसार बनी रहती है । और यहां पिटोल से शराब गुजरात निकाल दी जाती है । 
पिटोल की सीमा पर 2 वेअर हाऊस हैं और गुजरात सीमा में 11 बना रखे हैं । 
गौरतलब है कि ए के सिंह के बेटे की शादी इंदौर जिले में पदस्थ डिप्टी कमिश्नर आबकारी धर्मेंद्र भदौरिया की बेटी से हुई है । 
शराब तस्करी के इस पूरे झमेले में ए के सिंह ट्रांसर्पोटेशन का काम देखते हैं और पिंटू भाटिया प्रोडक्शन का । सूत्रों के अनुसार गुजरात भेजी जाने वाली शराब लाइट बनाई जाती है जिससे गुजरात के पीने वालों के स्वास्थ्य को अत्याधिक नुकसान ना हों । अवैध शराब की तस्करी के मामले में पिंटू भाटिया को रीवा पुलिस गिरफ्तार कर चुकी हैं । उस दौरान पुलिस को एक के सिंह सहित तीन अन्य आरोपियों की भी तलाश थी ।
उल्लेखनीय है कि इस अवैध कारोबार को फलने-फूलने के एवज में मध्यप्रदेश सरकार महज सौ रुपए प्रतिपेटी शराब तस्करों से भारतीय जनता पार्टी को पार्टी फंड के तौर पर दिलवाती है। इसको लेकर खबर नेशन ने एक समाचार भी प्रसारित किया था " शराब तस्करों की नज़र में भाजपा की कीमत मात्र 2 रुपए क्वार्टर " ।

जब इस मामले में आबकारी आयुक्त राजीव चंद दुबे से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि फैक्ट्री से शराब के निकालने पर मैन्युअल टी पी पर प्रतिबंध है लेकिन एक शराब दुकान से दूसरी शराब दुकान के लिए मैन्युअल टी पी बनाई जा सकती है । उन्होंने दावा किया कि फैक्ट्री से एक भी मैन्युअल टी पी नहीं काटी जा रही है । अगर एक प्रकरण भी सामने आएगा तो कठोर कार्रवाई की जाएगी ।

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