यजमान क्या होता है ?
गौरव चतुर्वेदी/ खबर नेशन/ Khabar Nation
यजमान क्या होता है ?
वर्तमान दौर में राजनीति अब संतों की कथा के बिना संभव नहीं रह गई है। हाल ही में अपने राजनीतिक चरित्र को बदलने वाली पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के सवाल पर कथा वाचक की व्यवस्था करने वाले एक मैनेजर बगले झांकने पर मजबूर हो गए। हुआ यूं कि उक्त वरिष्ठ नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में पहली बार कथा करवा रहे हैं। मैनेजर ने कहा कि यजमान कौन रहेगा? तो नेताजी पूछ बैठे कि ये यजमान क्या होता है? जब उन्हें यह बताया गया कि यजमान को कथा में पूरे समय उपस्थित रहना पड़ेगा तो उन्होंने कह दिया कि किसी को भी यजमान बना देंगे।
मंत्री उलझेंगे कानून के फेर में
विधानसभा क्षेत्र बदलकर राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए शिवराज मंत्रिमंडल के एक सदस्य कानूनी पचड़े में उलझ सकते हैं। मामला एक भाजपा नेत्री के दैहिक शोषण का है। मंत्री की गलती इतनी है कि आरोपियों को बचाने के फेर में पीड़िता का नाम जाहिर कर गए। शीघ्र ही इस मामले को लेकर पीड़िता कानूनी मदद के साथ साथ भाजपा की महिला सम्मान की असलियत जनता के बीच उजागर करने की तैयारी कर रही है।
कोयले की दलाली
मध्यप्रदेश का एक प्रमुख समाचार पत्र समूह कोयले के धंधे में हाथ आजमाने की तैयारी कर रहा है। सुना है इस व्यवसाय को विदेशी स्तर पर स्थापित किया जाएगा।
तीर्थाटन
भारतीय जनता पार्टी के एक पूर्व सांसद इन दिनों आए दिन तीर्थयात्रा पर जा रहे हैं। कभी उत्तर तो कभी दक्षिण , कोशिश चहुं दिशा के देवी देवता को शीश नवाने की है। संभावना है कि विधानसभा चुनाव में चेहरे बदलने के चक्कर में पूर्व सांसद की लाटरी खुल सकती है।
कलेक्टर को जन्मदिन पर मिला ताना
मालवा के एक जिले के प्रशासनिक राजा मतलब कलेक्टर साहब के जन्मदिन पर राजधानी भोपाल के एक पत्रकार ने फेसबुक पर बधाई संदेश दे डाला। शहर के अवैध निर्माण को लेकर अदालती और प्रशासनिक, राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे एक राजनेता ने कलेक्टर के आचरण को लेकर तीखी टिप्पणी कर डाली। कलेक्टर ने आव देखा न ताव राजनेता को धमकाने की गरज से फोन लगा डाला। कलेक्टर ने सायबर क्राइम की धारा गिना डाली। राजनेता भी कम नहीं निकले बिना डरे कह बैठे कि करा देना प्रकरण दर्ज। बात आई गई हो गई।
कांग्रेस मीडिया सेल में जासूसी के आरोप
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में इसे वास्तुदोष कहें या आनुवांशिक गुण चुनाव आते-आते मीडिया सेल में झगड़े बढ़ जाते हैं। ताजा झगड़ा भाजपा के लिए जासूसी करने का आरोप है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस झगड़े से अजीज आकर सबको अपने अपने सौंपें गये काम करने का फरमान सुना बैठे। वास्तुदोष कमरे में भी है जो वहां बैठता है शिकार हो ही जाता है।
बड़े नेता बच्चों से परेशान
मामला आगामी विधानसभा चुनाव में राजनेताओं के बच्चों के चुनाव लड़ने का नहीं है। इस बार मामला नेताओं की बिगड़ैल संतानों का है। भाजपा में प्रमुख भूमिका निभा रहे कई बड़े नेताओं की संतानें नशाखोरी, फ्लर्टिंग और मारपीट ,वसूली जैसे मामलों में उलझे हुए हैं। चुनाव नजदीक देखकर सत्ता संगठन के माथे पर पसीना छलक रहा है।
पूर्व एसीएस को गरिया दिया गया
मास्टर ब्लास्टर के तौर पर ख्यात एक लिखने पढ़ने वाले आइ ए एस अफसर को सोशल मीडिया पर संभलकर लिखने की सलाह दे डाली गई। साल भर पूर्व बड़ी ही बेरहमी के साथ मध्यप्रदेश शासन ने इस आइ ए एस अफसर को अपर मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त कर डाला था। हांलांकि शिवराज सरकार की कई सफल योजनाएं इसी अफसर की देन हैं। इसके बावजूद पुनर्वास की कोशिश सफल नहीं हो पाई। हाल ही में मणिपुर मामले पर बन रहे नरेटिव को लेकर जब इन्होंने सोशल मीडिया पर यह उद्घोषणा की कि वे जल्दी ही कुछ लिखेंगे तो उन्हें यह सलाह दे दी गई कि नरेटिव क्या होता है। जो लिखना है लिख दो।
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गौरव चतुर्वेदी
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