टीकमगढ़ कलेक्टर को शो- काॅज नोटिस और गिरफ्तारी वारंट जारी

खबर नेशन / Khabar Nation  

कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को शो- काॅज नोटिस एवं पांच हजार रूपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी
श्री द्विवेदी को पांच अप्रैल को अनिवार्यतः आयोग में व्यक्तिशः आकर स्पष्टीकरण देने के आदेश

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा तीन अलग-अलग मामलों में कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को पांच अप्रैल 2023 को अनिवार्यतः आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिये गये हैं। आयोग द्वारा सुभाष कुमार द्विवेदी को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ के माध्यम से कराई जायेगी। आयोग के प्र.क्र. 3228/टीकमगढ/2020, प्र.क्र. 8230/टीकमगढ़/2021 एवं प्र.क्र. 0742/टीकमगढ़/2022 में कई पदीय स्मरण पत्र एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन न देने के कारण कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को पांच अप्रैल 2023 को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

मालूम हो कि आयोग के प्र.क्र. 3228/टीकमगढ/2020 के अनुसार आयोग ने एक खबर पर संज्ञान लिया था। खबर के अनुसार टीकमगढ जिले के पलेरा जनपद के सगरवारा गांव के कालूपाल की पिछले दस साल से तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। इसी बीच कालू की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी। अजीब हरकतें करने लगा। इलाज मिलने पर हालत ठीक हो जाती, जैसे ही इलाज बंद होता, तबीयत फिर बिगड़ जाती। मानसिक स्थिति बिगड़ने पर कालू कभी घर से निकल जाता, तो कभी लोगों पर पत्थर फेंकने लगता, कभी कुएं में कूद जाता। कालू की पत्नी जयकुंवर ने बताया कि उसका पति किसी को नुकसान न पहुंचा दें इसलिये उसे घर में ही बांधकर रखना मजबूरी थी। कालू एक कमरे में कैद है। इस कमरे से अगर कुछ बाहर आता है, तो सिर्फ उसकी चीखें, वह कभी नहीं निकल पाता। नित्य क्रिया भी कमरे में ही होती है। कालू की यह हालत इसलिए है, क्योंकि गरीबी के कारण उसके मानसिक रोग का इलाज नहीं हो पा रहा है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ से प्रतिवेदन मांगा था।

प्र.क्र. 8230/टीकमगढ़/2021 के मुताबिक मामौन दरवाजा, वार्ड नं. 26, टीकमगढ़ निवासी आवेदक शरीफ खां पिता हमीद खां आयोग में आवेदन लगाया था कि पीएम आवास योजना में उसका नाम नहीं जोड़ा गया, उसके खाते में पैसे भी नहीं भेजे गये। कच्चा माल उपलब्ध होने के बावजूद भी उसे पीएम आवास योजना के तहत आवास मंजूर न कर नगर पालिका, टीकमगढ़ द्वारा उसे परेशान एवं प्रताड़ित किया जा रहा है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ से प्रतिवेदन मांगा था।

इसी प्रकार प्र.क्र. 0742/टीकमगढ़/2022 के मुताबिक तिवारी मोहल्ला, वार्ड क्रमांक 09, खरगापुर, जिला टीकमगढ़ निवासी आवेदक मुकुल तिवारी पुत्र रामनरेश तिवारी व अन्य ने आयोग में शिकायत की थी कि अनावेदक भगवानदास पुत्र रामचरण ताम्रकार द्वारा शासकीय रास्ते पर अतिक्रमण कर एक अवैध निर्माण कर लिया गया है। इस अवैध निर्माण को हटाने के संबंध तहसीलदार खरगापुर द्वारा आदेश पारित किये जाने के बावजूद सीएमओ खरगापुर द्वारा यह अतिक्रमण अबतक नहीं हटाया गया है। अतः अवैध कब्जा व अतिक्रमण हटवाया जाये। मामले में आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ से प्रतिवेदन मांगा था।

तीनों ही मामलों में आयोग ने कलेक्टर टीकमगढ़  सुभाष कुमार द्विवेदी को प्रतिवेदन देने के लिये कई पदीय स्मरण पत्र भेजे, परन्तु प्रतिवेदन नहीं मिला। तत्पश्चात् कलेक्टर टीकमगढ़ श्री द्विवेदी को नामजद नोटिस जारीकर उन्हें प्र.क्र. 0742/टीकमगढ़/2022 में दस जनवरी 23 को तथा प्र.क्र. 3228/टीकमगढ/2020 व प्र.क्र. 8230/टीकमगढ़/2021 में 31 जनवरी 23 को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर प्रतिवेदन देने के लिये कहा गया था। यह सभी नामजद नोटिस उन्हें मिल भी गये, परन्तु उनके द्वारा न तो प्रतिवेदन दिया गया और न ही वे तय तारीखों में आयोग के समक्ष उपस्थित हुये। इस पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32ग के अन्तर्गत कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को पूर्व में आयोग में उपस्थित न होने के कारण पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने सम्बन्धी नामजद कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें पांच अप्रैल 2023 को अनिवार्यतः आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से आकर अपना स्पष्टीकरण (जवाब) देने के आदेश दिये गये है । श्री द्विवेदी की पांच अप्रैल 2023 को आयोग में व्यक्तिशः उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारण्ट भी आयोग द्वारा जारी किया गया है। इस कारण बताओ नोटिस एवं नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ के माध्यम से कराई जाएगी।   

बारह मामलों में संज्ञान
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष श्री मनोहर ममतानी एवं माननीय सदस्य श्री राजीव कुमार टंडन ने ’बारह मामलों में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।

वरिष्ठ आईपीएस के बेटे को पीटा, रैगिंग की शिकायत
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के नेशनल लाॅ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआइयू) में इंदौर में पदस्थ एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर के बेटे के साथ रैगिंग होने के मामले में संज्ञान लिया है। बीते रविवार को यहां ओल्ड बाॅयज हाॅस्टल के तीन छात्रों ने फस्र्ट ईयर में पढ़ने वाले वरिष्ठ आईपीएस के बेटे को जबरदस्ती शराब पिलाने की कोशिश की गई। मना करने पर उसके साथ मारपीट किये जाने का भी आरोप है। एनएलआइयू के कुलपति के अनुसार मामले की जांच बोर्ड कर रहा है। दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल तथा रजिस्ट्रार, एनएलआइयू, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में पंद्रह दिन में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने इनसे यह भी पूछा है कि क्या हाॅस्टप परिसर में सुरक्षा के लिये सीसीटीव्ही कैमरे लगे हैं ? हाॅस्टल परिसर में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश न कर सकने के संबंध में सुरक्षा के क्या प्रयास किये गये हैं ?

बेहाल बीमा अस्पताल: एक घंटे में बनता है ओपीडी पर्चा, मरीजों के लिये जंग लगा वाॅटर कूलर
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के बीमा अस्पताल में भारी बदइंतजामी, मरीजों को पंजीयन कराने के लिये पर्चा बनवाने हेतु ओपीडी में एक-एक घंटे तक खड़े रहने, अस्पताल परिसर में गंदगी और पीने के पानी के लिये जंग लगा वाॅटर कूलर जैसी अन्य अव्यवस्थाओं के बारे में प्रकाशित एक विस्तृत मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल परिसर में बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। सबसे अधिक परेशानी बुजुर्ग मरीजों को होती है। मामले में आयोग ने संचालक, राज्य बीमा चिकित्सा सेवायें, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

सरकारी अस्पतालों में बांट दी गईं अमानक दवाएं, 28 कंपनियां ब्लैक लिस्ट
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के जेपी अस्पताल सहित प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों में बीेते साल मरीजो को अमानक स्तर की दवाएं बांट देने के संबंध में प्रकाशित एक विस्तृत मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक मप्र हेल्थ कार्पोरेशन द्वारा की गई जांच में जनवरी 2022 से जनवरी 2023 तक दस दवाएं मापदण्डों के मुताबिक नहीं पायी गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने 28 कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। मामले में आयोग ने आयुक्त, स्वास्थ्य सेवाएं, मप्र शासन, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि माह जनवरी 2022 से जनवरी 2023 तक ऐसी कुल कितनी राशि की दवाएं त्रुटिकर्ता कंपनियों ने सप्लाई कीं ? दवाओं के अमानक होने से ऐसी दवाओं के लिये भुगतान की गई राशि को वापस वसूलने या इस संबंध में कंपनियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई ? ऐसी त्रुटिकर्ता कंपनियों की सूची व की गई कार्यवाही/लंबित कार्यवाही की जानकारी भी प्रतिवेदन के साथ दें।

जेपी में प्रदेश के पहले सेंसरी गार्डन को एक साल से शुभारंभ का इंतजार
मप्र मानव अधिकार आयोग ने भोपाल के एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित उस मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है, जिसमें यह कहा गया है कि जन्म से ही दिल में छेद, टेढ़े पैर, सुनने और देखने में परेशानी जैसी विकृतियों से ग्रस्त बच्चों के इलाज के लिये जेपी अस्पताल में तैयार प्रदेश का पहला संेसरी गार्डन सालभर से सिर्फ शुभारंभ होने की राह देख रहा है। जबकि, राज्य सरकार 40 और जिला अस्पतालों में सेंसरी गार्डन तैयार करा रही है। सिर्फ शुभारंभ न होने के कारण जरूरतमंद को सेंसरी गार्डन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मामले में आयोग ने सीएमएचओ, भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। यह भी पूछा है कि संेसरी गार्डन किस दिनांक तैयार हो चुका था ? इसे अबतक प्रारंभ क्यूं नहीं किया गया है ? यह कब से प्रारंभ होगा या प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है ?

एसएनसीयू रायसेन में बच्चा बदलने का आरोप 

मप्र मानव अधिकार आयोग ने रायसेन जिले के नवजात शिशु चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में बच्चा बदले जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। बच्चे के पिता ने कहा कि तीन दिन से उन्हें उनके बेटे को दूध पिलाने ले जाया जा रहा था। रविवार को नर्सिंग स्टाफ ने उन्हें एक बेटी दे दी। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने आरोपों को नकार दिया है। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

लापरवाही: लाईन लीकेज के कारण एक माह से घरो में आ रहा गंदा पानी
मप्र मानव अधिकार आयोग ने अशोकनगर शहर में पाईप लाईन लीकेज के चलते बीते एक माह से पछाड़ीखेड़ा रोड़ पर घरों में मटमेले पानी की सप्लाई करने, इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाईन से लेकर नगर पालिका, अशोकनगर की हेल्पलाईन में किये जाने के बावजूद यह समस्या अब भी जस की तस बनी रहने के मामले में संज्ञान लिया है। नागरिक फिटकरी से पानी साफ करके पानी पी रहे हैं। उनकी समस्या के निराकरण के लिये अबतक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, अशोकनगर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

राशन दुकान का संचालक रेत और नमक मिलाकर दे रहा, राशन दुकान सील
मप्र मानव अधिकार आयोग ने अशोकनगर जिले के ईशागढ़ क्षेत्र में एक राशन दुकान संचालक द्वारा दुकान से उपभोक्ताओं को बांटी जा रही शक्कर में रेत और नमक की मिलावट कर वितरित किये जाने की शिकायत संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। दुकान बंद होने के कारण शिकायत की जांच नहीं हो सकी। प्रशासन द्वारा यह राशन दुकान सील कर दी गई है। मामले में आयोग ने कलेक्टर अशोकनगर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

पैसों से खरीदकर पी रहे लोग पानी
मप्र मानव अधिकार आयोग ने राजगढ़ जिले की सारंगपुर तहसील के दो हजार परिवार वाले पड़ाना कस्बे के लोगों द्वारा सालों से पानी की समस्या से बुरी तरह जूझने और यहां तक की अपने पैसों से पेयजल खरीदकर पीने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक लंबे समय से पड़ानावासी पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। पीएचई विभाग को इनकी कोई भी चिंता नहीं है। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, राजगढ़ से प्रकरण की जांच कराकर पेयजल की समस्या के समाधान हेतु की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।

कुबेरेश्वर धाम समिति वालों ने महिला को चोर बताकर पीटा, 50 हजार रूपये जमा करवाने के बाद ही छोड़ा
मप्र मानव अधिकार आयोग ने नीमच जिले के मनासा निवासी एक महिला ने सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम प्रबंधन समितिवालों द्वारा उसके साथ मारपीट किये जाने के आरोपों के संबंध में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक सीहोर के मंडी थाने पहुंची श्रीमती इंदिरा मालवीय ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह कुबेरेश्वर धाम दर्शन करने आई थी, तभी समितिवालों ने बुलाकर उसके साथ मारपीट कर चैन देने को कहा। जब उसके पास चैन नहीं मिली तो घरवालों के नंबर मांगकर उन्हें धमकी दी कि दस मिनिट में 50 हजार रूपये दे दो। अन्यथा चोरी का केस लगाकर जेल में डाल देंगे। घरवालों ने समिति के खाते में रूपये डाले तब ही उन्हें छोड़ा गया। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सीहोर से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

बागेश्वर धाम में दस वर्षीया बच्ची की मौत
मप्र मानव अधिकार आयोग ने छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम में एक दस साल की बच्ची की मौत हो जाने के मामले में संज्ञान लिया है। राजस्थान के बाड़मेर से एक मां अपनी बच्ची को लेकर पहुंची थी। बागेश्वर महाराज ने बच्ची को भभूति भी दी और कहा कि यह शांत हो चुकी है, इसे ले जाओ। मौत के बाद बच्ची को सरकारी एंबुलेंस भी नहीं मिली। परिजन उसे 11,500 रूपये में प्राइवेट एंबुलेंस से राजस्थान ले गये। मामले में आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक, छतरपुर से प्रतिवेदन मांगा है।

जिला अस्पताल कटनी के प्रसूति वार्ड में लगी आग
मप्र मानव अधिकार आयोग ने जिला अस्पताल कटनी के प्रसूति वार्ड के कक्ष क्रमांक दो में अचानक आग लगने के कारण हड़कंप मच जाने और अत्यधिक धुआं फैलने से आस-पास के लोगों का दम घुटने के मामले में संज्ञान लिया है। अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूति वार्ड के उस कमरे को सील कर दिया है, जहां आग लगी थी। आग लगने से कोई भी हताहत नहीं हुआ है। अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं के लिये एक नवीन कक्ष आवंटित कर दिया गया है। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कटनी से प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि अस्पताल में अग्निशमन की क्या व्यवस्था है ? घटना के समय प्रसूति वार्ड में कितने लोग थे ? घटना से यदि कोई हताहत हुआ हो तो उसकी जानकारी दें। फायद ड्रिल की स्टाॅफ में कोई ट्रेनिंग हुई है ? आईसीयू व अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर फायर अलार्म की क्या कोई व्यवस्था है ?

खंडवा: भांग व खिचड़ी खाने से तीस लोगों को हुई फूड पाॅयजनिंग, अस्पताल में भर्ती
मप्र मानव अधिकार आयोग ने खंडवा जिले के अहमदपुर गांव में भांग व खिचड़ी खाने से तीस लोगों को फूड पाॅयजनिंग हो जाने और अस्पताल में भर्ती होने के मामले में संज्ञान लिया है। डाॅक्टरों ने बताया कि सभी को फूड पाॅयजनिंग के कारण सभी प्रभावितों को उल्टी-दस्त की शिकायत है। सभी का इलाज किया जा रहा है। मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खंडवा से घटना के संबंध में प्रतिवेदन मांगा है।


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