गोविन्द मालू की सरकार से गुहार, किसानों को फल सब्जी का पूरा मूल्य मिले, दलालों से बचाओ
किसान को उसकी सब्जी फल की फसल का लागत मूल्य ही नही मिल रहा है, उपर से कोरोना महामारी के चलते अपनी फसल औने पोने दामो में बेचने को मजबूर हो रहा हैं। पूरा फायदा आढ़तियों एवं मध्यस्थों को मिल रहा है।प्रशासन फल सब्जी के भाव निर्धारित करे जो, किसानों से सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचे। खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने कृषि मंत्री श्री कमल पटेल और संभागायुक्त से चर्चा कर कहा कि " जैसे तरबूज में किसानों की प्रति क्विंटल लागत मजदूरी के अलावा 500 से 600 रुपए आती हैं,लेकिन किसान को ३००-४०० रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है ।इसी माल को बिचोलिए १२००- १५०० रुपए प्रति क्विंटल बेच रहे हैं।बगैर मेहनत एवं समय लगाए सीधे सीधे किसान से कहीं अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। किसान कमाना तो छोड़ अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं निकाल पा रहा है। ऐसे ही हाल सभी कच्ची फसलों, सब्जियों एवं फलों, फूलों का है। जिला प्रशासन ने घर पहुँच राशन व आलू प्याज़ योजना में जिस तरह दाम तय किये उसी तरह सब्जी फल में भी तय कर किराना गाड़ी के साथ भेजे। आपने कहा कि "अभी तक गांव से 3 रु kg में तरबूज 2 रु kg केले,5 से 10 रु तक मे सभी तरह की सब्जियां खरीदी जा रही है इन्हें शहरों व अन्य जगह ओर अब बाहरी राज्यो व विदेश तक सौदा कराने वाले व्यापारी वर्ग दस गुना ज्यादा में बेच रहे है। यह अन्नदाता के साथ अन्याय और मजबूरी का फायदा उठाने का कष्टप्रद अन्याय पूर्ण मामला है।