मध्यप्रदेश विधान सभा समीक्षा

Uncategorized Jan 16, 2020

 

रमेश ठाकुर / खबर नेशन / Khabar Nation

राज्य विधान सभा के आज से प्रारंभ हुए दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन की बैठक कुछ माह पूर्व सदन के दो भूतपूर्व सदस्यों के निधन के कारण उनके सम्मान में अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

सदन की कार्यवाही स्थगित होने से लोक सभा एवं राज्य सभा द्वारा पारित संविधान के अनुच्छेद 334 के खण्ड .ख. में संषोधन से संबंधित प्रस्ताव आज सदन में प्रस्तुत नहीं हो सका। यह प्रस्ताव आज की कार्यसूची में शामिल था। 

आज सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर राष्टगीत के बाद विधान सभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने सदन के दो पूर्व सदस्य सर्वश्री बनवारी लाल शर्मा और रूगनाथ सिंह आंजना के निधन की सूचना देते हुए अपनी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 

विधान सभा अध्यक्ष प्रजापति ने बनवारी लाल शर्मा के निधन का उल्लेख करते हुए कहा कि शर्मा का जन्म 1 जनवरी 1957 को प्रदेश के मुरैना जिले के ग्राम जापथाप में हुआ था। सक्रिय राजनीति में आने पर वे सरपंचए जनपद सदस्य और बाद में सहकारी विपणन समिति के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। चम्बल बीहड़ बचाओ आन्दोलन एवं शुगर फैक्टी कैलारस बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक भी रहे। 

पन्द्रहवी विधान सभा के लिए जौरा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर वे इस सदन के सदस्य बने। उनके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय जनसेवी खो दिया है। 

विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि जावरा विधान सभा क्षेत्र से नौवी विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए रूगनाथ सिंह आंजना के निधन से भी प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है। आंजना का जन्म 18 फरवरी 1940 को रतलाम जिले के ग्राम माउखेड़ी में हुआ था। वे ग्राम पंचायत के सरपंचए कृषि उपज मंडी समिति जावरा के संचालक और रतलाम जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष रहे। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दोनों दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि बनवारी लाल शर्मा ने अपना राजनीतिक जीवन सरपंच से शुरू किया और इस सदन के भी सदस्य बने। वे अपने विधान सभा क्षेत्र के लिए इतने संवेदन शील थे कि अस्वस्थ्य होने के बावजूद लोगों के कार्यों के लिए चिंता करते थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सदन के सदस्य रहे रूगनाथ सिंह आंजना ने भी राजनीति में अपना स्थान बनाया था। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगतों के परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। 

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने श्री शर्मा और श्री आंजना के निधन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ईष्वर का विधान है। संसार से सभी को जाना हैए लेकिन इस पर विचार होना चाहिए कि राजनेताओं के असामयिक निधन का कारण क्या है। इस संबंध में कई समाजषास्त्रियों और मनोचिकित्सकों से चर्चा हुई। उनका कहना है कि राजनेताओं की जिन्दगी आपा.धापी और अनिश्चितता से भरी होती है। 

नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा कि मेरा भी मानना है कि राजनीति में रह कर चाहें विधायक होंए चाहे सांसदए पक्ष में हो या विपक्ष में जितना कठोर परिश्रम और मानसिक.शारीरिक तनाव होता है इस कारण भी राजनेताओं की आयु का क्षरण होता है। वे अस्वस्थ्य होते हैं और इस संसार से चले जाते हैं। उन्होंने सभी से अपेक्षा की कि वे राजनीति में रहते हुए तनावपूर्ण जीवन जीने से बचें।  

नेता प्रतिपक्ष ने दिवंगतों के नामों का का उल्लेख करते हुए कहा कि वे जमीन से जुड़े जननेता थे। उन्होंने भी ईश्वर से प्रार्थना की कि शोकाकुल परिवारों को दुख सहन करने की शक्ति दें। इस के साथ पूरे सदन द्वारा दो मिनिट मौन खड़े रह कर दिवंगतों के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित करने के बाद कार्यवाही अगले दिन शुक्रवार 17 जनवरीए 2020 तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

सदन में आज अध्यक्षीय और अधिकारियों की दीर्धाओं के साथ ही अन्य दीर्धाओं में लोगों की उपस्थिति कम थी। सदन की कार्यवाही भी आज 5 मिनिट विलम्ब से प्रारंभ हुई। 

सदन में आज ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 334 के खण्ड .ख. में संधोधन से संबंधित संकल्प प्रस्तुत होना था। यह संकल्प अब कल सदन में प्रस्तुत होगा और चर्चा के बाद उसे पारित किया जाएगा। 

इस संविधान संशोधन में अनुसूचित जाति और जनजाति को प्राप्त आरक्षण की अवधि अगले 10 साल तक के लिए और बढ़ाये जाने का प्रावधान है।

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