कांग्रेस को न माया मिली ना राम यह सिद्ध हो गया है

एक विचार Jan 18, 2024

वाम मार्गी नेहरु – इन्दिरा की कांग्रेस से

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गोविन्द मालू के तीखे सवाल

Khabar Nation

श्रीराम जन्म भूमि पर ऐतिहासिक राम मंदिर २२ जनवरी को लोकार्पित हो जाएगा। इस पर वाम मार्गी कांग्रेस फिर राजनीति कर, प्राण प्रतिष्ठा को विवादित करने का कुत्सित, अक्षम्य प्रयास कर भारत के इतिहास को कलंकित कर रही है।

मैं नेहरू-इंदिरा कांग्रेस के वोट बैंक और तुष्टिकरण के भाट- चारणो से प्राण प्रतिष्ठा तक जनता के तर्कपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यपरक  सवालों को पूछूँगा, कुतर्क के बगैर जवाब दें या वे अपने नेताओं की भूलों पर, षड्यंत्रों पर माफ़ी मांगे।

1.  कांग्रेस दुविधा में क्यों रहती है ? न्यायालय के आदेश से ताला खुलने के बाद राजीव गाँधी चुनाव अभियान की शुरुआत अयोध्या से कर रामराज्य लाने का उदघोष करते हैं, फिर कांग्रेस विहिप को शिलान्यास की अनुमति देती है ? बातचीत के बजाय न्यायालय के फैसले से इस विवाद के हल की घोषणा भी करती है फिर सुप्रीमकोर्ट के फैसले का स्वागत भी करती है,लेकिन कोर्ट के आदेश से गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निमंत्रण को ठुकरा देती है राम मंदिर निर्माण पर सवाल खड़े करती है क्यों?इसलिए कांग्रेस को न माया (मायावती) मिलती है,न राम ही |

2.  मार्च 1983 उ.प्र.के मुजफ्फरनगर में आयोजित हिन्दू सम्मेलन में कांग्रेसी नेता स्व.दाउदयाल खन्ना एवं देवकीनंदन ने राम भक्तों को आव्हान किया था कि “अयोध्या,मथुरा और काशी के स्थानों को मुक्त कराओ और हिन्दुस्तान का गौरव वापस लाओ” क्या कांग्रेस को तब जन भावना समझ में नहीं आई थी ?

3.  अपने बच्चों को क्या खुले में ठण्ड में,गर्मी की धूप में,वर्षाकाल की तेज बौछारों के बीच रख सकते है क्या ? तो फिर क्या कांग्रेस ने रामलला को टाट – टेंट में इतने सालों तक रखने का अक्षम्य अपराध नहीं किया ? कोर्ट का फैसला सही या राम मंदिर में अड़ंगे का कांग्रेस सरकारों का फैसला सही ?

4.  कम्युनिस्ट कांग्रेसी बताएँ कि क्यों ? मास्को में लुझिनिकी स्विमिंग पूल को तोड़कर वहां फिर से “त्राता ईसा मसीह” का गिरजाघर इसलिए बनाया गया क्योंकि स्टालिन ने 1931 में वहां इसी नाम से प्रसिद्ध भव्य गिरजाघर तोड़कर पहले सोवियत प्रासाद,बाद में स्विमिंग पूल बनाया था | क्या पुरानी सांस्कृतिक विरासतों और मानबिंदुओं  का पुनर्निर्माण अनुचित है ?

5.  क्या 1948 में फ़ैजाबाद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बाबा राघवदास ने जनता से वादा नहीं किया था कि वो श्रीराम जन्मभूमि को विधर्मियों से मुक्त कराएँगे | समाजवादी नेता आचार्य नरेन्द्रदेव को इसी वादे के कारण वे  1312 वोटों से हरा पाए | क्या कांग्रेस ने राम नाम का दुरुपयोग चुनाव के लिए नहीं किया था ?

6.  रूस ने वारसा पर कब्ज़ा किया था,वहां एक चर्च बनाया लेकिन पोलेंड स्वतंत्र हुआ उसने चर्च ध्वस्त किया | इतिहासकार टायनबी भारत आए तो उन्होंने कांग्रेस और सरकार पर तंज कसा “केवल भारत में ही सम्भव है,मंदिर गिराकर मस्जिद बना दी जाए लेकिन कांग्रेस को शर्म क्यों नहीं आई ?         

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