पाकिस्तान को मिलने वाली मदद पर रोक नरेन्द्र मोदी की कूटनीतिक जीत

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का अंग बनाने वाले पाकिस्तान को वर्ष के पहले दिन अमेरिका ने जोर का झटका दिया हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता पर रोक लगाते हुए कहा कि उसने अमेरिका के साथ छल कपट किया हैं। पाकिस्तान दहशतगर्दो पर रोक लगाने में अमेरिका का सहयोगी बनने का नाटक करता रहा और अफगानिस्तान तथा भारत में आतंकवाद का निर्यात भी करता रहा। पाकिस्तान पिछले 15 वर्षों में दो लाख दस हजार करोड़ रूपए जैसी भारी भरकम मदद आतंकवाद से लड़ने के नाम पर ले चुका हैं। जो बात भारत अमेरिका से कहता आया हैं उस आरोप पर अमेरिका ने खुद मोहर लगा दी हैं। पाकिस्तान की मदद पर लगी रोक से नरेन्द्र मोदी की कूटनीतिक जीत हुई हैं।
 

नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि पाकिस्तान के फौजी हुक्मरानों ने भारत के साथ हुए अनुबंधों की न केवल अवज्ञा की अपितु उसने फौजियों के शिविरों पर आक्रमण के साथ शांति भंग करने की बार-बार गुस्ताखी की। एक ओर पाकिस्तान भारत के साथ वार्तालाप करने का ढिंढोरा पीटता हैं वहीं दूसरी ओर भारत के विरूद्ध छद्म युद्ध छेड़े हुए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने करारा जवाब दिया हैं कि जब तक पाकिस्तान सीमा पर शांति स्थापित नहीं करता और दहशत गर्दो को भेजना बंद नहीं करता न तो पाकिस्तान से वार्ता संभव हैं और न क्रिकेट खेलना संभव हैं।
 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जब आतंकवादियों का सरगना ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने मार गिराया था तभी से साबित हो चुका था कि पाकिस्तान दोगलापन कर रहा हैं। भारत ने लगातार अमेरिका को आगाह किया। ट्रंप प्रशासन से पिछले अमेरिकी प्रवास में नरेन्द्र मोदी ने फिर यह मुद्दा उठाया और पाकिस्तान की हकीकत से अमेरिका को रूबरू कराया। ट्रंप ने अब जैसी सख्ती दिखायी हैं पाकिस्तान ने हड़बड़ी में ग्लोबल आतंकी के गिरोह द्वारा चंदा वसूली पर रोक लगा दी। फौरी तौर पर अमेरिका की सख्ती दुनिया के लिए संकेत और पाकिस्तान के लिए चेतावनी हैं। इससे पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब हो गया हैं। (खबरनेशन / Khabarnation) 
 

 

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