सरकारी फाईलों में गांव के मौसम गुलाबी हैं, यह आंकड़े झूठे हैं, यह दावा किताबी है

कांग्रेस विधायक श्री कुणाल चौधरी की पत्रकार वार्ता

खबर नेशन / Khabar Nation  

भोपाल, मध्यप्रदेश में रोज किसानों के नाम पर सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और सभी मंत्री किसानों के नाम पर रोज झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर बड़ी लूट को अंजाम दे रहे है। हाल ही में दो दिन पहले सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों के खातों में ओलावृष्टि को लेकर 160 करोड़ रू. डालने का दावा किया गया।

मैं चुनौती देता हूं सरकार को कि शाजापुर-कालापीपल के किसानों के खातों में एक भी पैसा पहुंचा हो। खेतों मंे बैठकर होली के दिन से ही मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह कर रहा हूं कि किसानों की फसलंे खराब हो चुकी हैं, पर न तो आज तक कोई सर्वे हुआ, न ही कोई राहत राशि किसानों को दी गईं। जहां एक ओर सरकार बड़े-बड़े दावे करती है कि प्रत्येक किसान को 32 हजार रू. प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि और बीमा दिलाया जायेगा। आज तक कोई सर्वें नहीं हुआ तो किस आधार पर सरकार किसानों को राशि आवंटित करेगी। मुझे तो आशंका है कि सरकार बीमा कंपनियों के दलाल के रूप में काम कर रही है।

एक तरफ सरकार कर्ज वसूली को स्थगित करने की बात करती है दूसरी तरफ सोसायटियां जबरदस्ती कर्जा वसूली करती है और जिन किसानांे ने कर्जा जमा कर दिया है, उनसे भी वसूली करती है। एक से डेढ माह हो गया आज तक किसानों का कोई सर्वे नहीं हुआ, झूठ की राजनीति मुख्यमंत्री करते है। जो फसले बची थी वह कट गयी, लेकिन इवेंटजीवी मुख्यमंत्री जी ने न राहत राशि दी और न ही सर्वें कराया,  मुख्यमंत्री इंवेट बनाकर जनता को गुमराह करने की राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक बयान दिया किसानों को हर हेक्टेयर पर 500 से 3000 रू. ज्यादा मुआवज देंगे, देगें किसको, आज तक सर्वे नहीं हुये, केवल शहर के लोगों को यह बताना चाहते हैं कि किसानों के प्रति हम काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी किसानों के नाम पर लूट के पैसों से विधायक खरीदने का काम कर रहे हैं, जनता की गाड़ी कमाई भाजपा नेताओं की जेबों में डालने का काम कर रहे हैं।

सवाल इस बात का है कि मुख्यमंत्री जी लिखते हैं कि किसानों का एक मात्र प्रदेश मप्र है जो किसानांे को राशि आवंटित कर रहा हैं, सरकार किसानों के नाम पर बीमा कंपनियों को हजारों करोड़ रू. दलाली के रूप में देगी, जो भाजपा नेताओं की जेब भरेगी। मुख्यमंत्री जी बड़ी बातें करते हैं, सहकारिता मंत्री अरविंद भदोरिया द्वारा एक बयान आता है किसान को कोई ब्याज नहीं देना होगा, सोसायटियांे में कोई दिक्कत नहीं आयेगी। किसान अपनी फसल बेचता है, किसानों की सूची जारी करते हुए बताया कि किसान ने सोसायटी से ऋण लिया, मंडियों के अंदर एमएसटी से नीचे कोई बिक्री नहीं होगी, लेकिन किसानांे से पाउती भरवा ली, किसान ओने पौने दामों में अपनी फसल बैचने के लिए मजबूर हैं। समर्थन मूल्य से खरीदे गयी फसल की कीमत किसानों को नहीं दी जा रही है। सोसायटियां जबरन वसूली कर रही है। किसान को महीनों फसलों की राशि नहीं मिल रही है। जब सरकार ने हमारी फसल के नगद भुगतान के बाद सोसायटी भर सकते थे, लेकिन उनके खातों में राशि नहीं आयी तो वह कर्जा कैसे भरेगा। गेहूं में से किसानों ने कर्जा काट लिया।

एक दुकानदार यदि आपको 100 रू. की वस्तु देता है तो उससे कहा जाता है कि 50 रू. ओर दे दीजिए। सरकार किसानों को फाईलांे में उलझाने का काम कर रही है। कहां हैं सरकार, मुख्यमंत्री, मंत्री जो बड़ी बड़ी बातें करके किसान हितेषी बनने के रोज प्रचार करती है।

किसानों की भावांतर की राशि आज तक क्यों नहीं दी। कांग्रेस सरकार ने किसानों को प्याज पर प्रोत्साहन राशि दी थी, लेकिन भाजपा ने आज तक प्रोत्साहन राशि नहीं दी। सरकार ने 160 करोड़ रू. किसानांे के खातों में डाले हैं, वे बतायें कि किस किसान के खातें में राशि डाली गई हैं। में यदि बात करूं तो शाजालपुर-कालापीपल के एक भी किसान के खाते में यह राशि नहीं आयी। सरकार ने जो राशि दी वह ऊंट के मुंह मंे जीरा है, सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करें। सरकार आंकड़े बताने के नाम पर लूट करने का काम कर रही है ओर किसान को डिफाल्टर बनाने का काम सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री जबाव दें लहसुन प्याज की जो फसलें खराब हो रही है कितना मुआवजा सरकार देगी, किसान के नाम पर लूट करने का काम भाजपा सरकार कर रही हैं।

किसानों की बात राहुल गांधी जी करते हैं तो उन्हंे संसद से बाहर कर दिया, मप्र मंे जीतू पटवारी जी करते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। हमारे बंडा विधायक ने मुख्यमंत्री की वीसी के अंदर जब किसानों की बात एक कार्यक्रम में रखी तो कलेक्टर ने उनका माईक छीन लिया गया। एक विधायक जो खाद बीज की बात करता है तो उसे जेल भेज दिया जाता है। विधायकों के साथ ऐसा बर्ताव भाजपा सरकार कर रही है। सरकार किसान के हक की बात नहीं करने देते विपक्ष को। क्या चाहते हैं मुख्यमंत्री जी, अंग्रेजो की हुकूमत नहीं बची तो आपकी क्या बचेगी। संसद से लेकर नीचे तक भाजपा ने एक अलग प्रक्रिया बना रखी है। विपक्ष को किसान के हक की बात नहीं करने दिया जाता। किसान को नफरत दी जा रही है। किसान के बेटे का दर्द नहीं समझा जा रहा है। बयानवीर मंत्री बतायें कि इंदरगढ़ में मासूम की जान क्यों चली गई। मुख्यमंत्री जी रोज नाटक नौटंकी करके बहनों की बात करते हैं। सरकार मौलिक अधिकारों का हनन कर लूटने का काम कर रही हैं मूल मुद्दों से भटककर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। गेहूं का एक्सपोर्ट रोक दिया गया। व्यापारियों द्वारा कालाबाजारी करायी जा रही है। किसान की हालात खराब है। सरकार झूठे आंकड़े देना बंद करें, लूट सके तो लूट योजना मप्र के अंदर बंद करे।

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