राजनीति में धुर विरोधी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और भाजपा के शिवराज सिंह चौहान की सौजन्यता की राजनीति

 

खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही एक दूसरे के धुर विरोधी हों, लेकिन एक मामले में दोनों की राजनीति के अंदाज मिलते-जुलते से हैं। राजनीति का यह अंदाज सौजन्यता भरा है और यही सौजन्यता दोनों को समकालीन राजनेताओं से सर्वश्रेष्ठ बनाती है । 
दिग्विजय सिंह हमेशा राजनीति में अपने आपको चर्चित और सक्रिय बनाए रखते हैं । विगत चार साल से अगर दिग्विजय के प्रमुख कार्यो को देखा जाए तो नर्मदा परिक्रमा पैदल कर उन्होंने अपने आपको साफ्ट हिंदूत्व के पैरोकार के रूप में स्थापित करते हुए पूरी नर्मदा पट्टी में कांग्रेस को जीवित कर दिया । कमलनाथ के प्रदेशाध्यक्ष बनने के साथ ही पंगत में संगत का अभियान छेड़ते हुए कांग्रेस को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई । इसी के साथ ही दिग्विजय  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक अंदाजों पर तीखे प्रहार भी करते रहे। अब हाल ही में कोरोना संक्रमण काल की दूसरी लहर में जब कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी कांग्रेस केन्द्र की मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को अव्यवस्थाओं को लेकर हमलावर थी तो दिग्विजय महत्वपूर्ण विषयों पर सुझावात्मक पत्र मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखकर अपनी प्रासंगिकता साबित कर रहे थे। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की समाप्ति के बाद दिग्विजय ने अचानक पीड़ित परिवारों के दुःख में शामिल होने की शुरुआत कर लोगों को चौंका दिया । इसी के साथ ही जिन परिवारों में दिग्विजय सिंह जा नहीं पा रहे उन परिवारों की मृत आत्माओं के प्रति संयुक्त स्तर पर आयोजित शोक संवेदना और श्रद्धांजलि सभाओं में शामिल हो रहे हैं । राजनैतिक विषलेषज्ञ इसे दिग्विजय की राजनीतिक सक्रियता से जोड़कर देख रहे हैं ।
इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कोरोना संक्रमण काल में आम जनता के धैर्य और सहयोग को लेकर धन्यवाद सभा में शामिल हो रहे हैं । कोरोना संक्रमण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिस राजनीतिक कार्यकर्ता , अधिकारी, परिचित और पत्रकारों की या उनके परिजनों के पीड़ित होने की जानकारी लगी तो शिवराज ने व्यक्तिगत तौर पर आगे बढ़कर आवश्यक व्यवस्थाएं करने में सहयोग दिया । इस मामले में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान भी पीछे नहीं रही । शिवराज और उनके परिवार से प्राप्त सहयोग और संवेदनाओ को लेकर विरोधी दलों के कार्यकर्ता और विरोध में लिखने वाले पत्रकार भी हतप्रभ रह गए । ख़ासकर मीडिया जगत के साथियों को जब शिवराज और साधना सिंह में से किसी एक का फोन भी यह कहते हुए आया कि चिंता मत करिए हम आपके साथ हैं ।

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