शिव के इशारे पर शुक्ला का खेल


 पुरातत्व में नियमों की अनदेखी से मीडिया में बंदरबांट की तैयारी 


मोहन की आंखों के तारे का करोड़ों रुपए की घपलेबाजी का कारनामा 


खबर नेशन / गौरव चतुर्वेदी 


 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की आंखों का तारा बने प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग शिवसशेखर शुक्ला का नया कारनामा सामने आया है । संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव के मातहत आने वाले पुरातत्व विभाग ने इंटरनेशनल पीआर और सोशल मीडिया के टेंडर में मनचाहे व्यक्ति को काम देने नियमों की अनदेखी कर डाली । सूत्रों के अनुसार जिस संस्था को इस काम के लिए चुना जा रहा है वह शिवशेखर शुक्ला के नजदीकयों में शुमार की जाती है। 

 इस मामले को लेकर भोपाल में आयोजित पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी और प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला की संयुक्त पत्रकार वार्ता में जब सवाल किया तो उन्होंने इसे विषय से हटकर बताते हुए जवाब देने से इनकार कर दिया । पत्रकार वार्ता के बाद जब व्यक्तिगत तौर पर शिव शेखर शुक्ला से मिलकर सवाल किया तो उनका तल्ख लहजे में जवाब रहा ।

खबर नेशन के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार संचालनालय  पुरातत्व ,  अभिलेखागार एवं संग्रहालय भोपाल द्वारा इंटरनेशनल पी आर और सोशल मीडिया के कामों को लेकर 9 अगस्त तक ऑनलाइन प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे।  इसके पूर्व 24 जुलाई को प्री बिड निर्धारित की गई थी।  प्री बिड में तीन कंपनियां शामिल हुई।  जिनमें विंजन ग्राफिक्स गोवा ,  परफेक्ट मीडिया एंड कम्युनिकेशन एंटरटेनमेंट मुंबई और कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन भोपाल शामिल थी। प्री बिड मीटिंग के बाद मात्र दो संस्थाओं ने ही ऑनलाइन निविदा में भाग लिया।  जिनमें विंजन ग्राफिक्स गोवा एवं परसेप्ट मीडिया एंड कम्युनिकेशन एंटरटेनमेंट मुंबई शामिल रही । 

मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022) के अनुसार टेंडर फिर से बुलाए जाना थे । नियमानुसार निविदा खोले जाने की प्रक्रिया में कम से कम तीन फर्मो द्वारा  भाग लिया जाना अनिवार्य है। इस नियम का पालन नहीं किया गया।  जबकि देश में इंटरनेशनल लेवल पर प्रचार प्रसार का काम करने वाली कई कंपनियां मौजूद हैं ।

इस मामले में पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय आयुक्त श्रीमती उर्मिला शुक्ला का जबाब और भी हास्यास्पद रहा । जब उनसे यह पूछा गया कि इस टेंडर मे मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 (यथा संशोधित 2022);का पालन क्यों नहीं किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में नहीं पता। टेंडर कमेटी से पूछकर बताएंगी।

प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला और आयुक्त उर्मिला शुक्ला का जवाब या तो इस गड़बड़ी को छुपाने का प्रयास कर रहा है या फिर उनका यह कहना कि मुझे नहीं मालूम उनके विभाग पर पकड़ कमजोर होने की ओर इशारा कर रहा है।

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