रिवर्स माइग्रेशन
KHABAR NATION
गांव खाली हो रहे हैं। ग्रामीणजन रोजगार को लेकर बड़े शहरों में पलायन कर रहे हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश से वास्ता रखने वाले प्रसिद्ध घुमंतू पत्रकार के तौर पर ख्याति अर्जित करने वाले विजय मनोहर तिवारी इन दिनों रिवर्स माइग्रेशन के साथ काम कर रहे हैं। भोपाल से 150 किलोमीटर दूर अमरुद की अत्याधुनिक तकनीक के साथ खेती कर रहे हैं। तिवारी ने अपनी टीम में छह लोगों को ग्रामीण स्तर से अधिक पैकेज पर गांव में रहने के लिए मना लिया है जो इन दिनों उनके साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रहे हैं। अमरुद ताजे हैं मां ने भेजे हैं के स्लोगन के साथ VNR ब्रांड के नाम से बेच रहे हैं। पैंकिग बॉक्स पर भी उन्होंने गर्व के साथ प्रिंट करवा रखा है खेत मां ने खरीदे थे, हमनें शहर से गांव लौटकर एक बाग लगाया है। तिवारी हाल ही में मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त के पद पर रह चुके हैं। अपने कॉन्सेप्ट को लेकर तिवारी अपने साथियों से कमिट कर चुके हैं कि उनके बच्चों की बेहतर शिक्षा का खर्च वे अपने मुनाफे में से देंगे।
एम पी भवन पर पूर्व सीएम का कब्जा
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्र में मंत्री बन गए हैं। शपथ ग्रहण के दौरान चौहान के परिजन और साथी दिल्ली पहुंचे तो उन लोगों की रुकने की व्यवस्था मध्यप्रदेश भवन सहित प्रदेश के अन्य गेस्ट हाउस में भी करवा दी। शपथ के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और मध्यप्रदेश भवन हाउस फुल चल रहा है। विधायक, पूर्व सांसदों और अफसरों को कक्ष नहीं मिल पा रहे हैं।
दाम मिले पर बदनाम ना हों
मध्यप्रदेश के एक कद्दावर मंत्री के व्यावसायिक कामकाज को संभालने परिजनों ने ऐजेंसी सिस्टम पर काम करना शुरु कर दिया है। कद्दावर विभाग के मंत्रीजी की पत्नी भी इस काम में पीछे नहीं है। वे ऐसे काम हाथ में ले रही हैं जिनमें दाम तो भरपूर हो पर बदनाम होने की गुंजाइश नहीं रहे।
चार बजे और बी पी हाई
मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठतम भारतीय वन सेवा के अफसर का शाम चार बजते ही ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है। इस दौरान इनका स्टाफ भी मुस्तैदी के साथ साहब की सेवा में जुट जाता है। हाई ब्लडप्रेशर की वजह इस समय के आसपास पत्नी का फोन आना रहता है। जिससे इन्होंने प्रेम विवाह किया है। पत्नी का खौफ फाइलों में भी नजर आने लगा है। जिसको लेकर साथी अफसरों ने समझाने का प्रयास भी किया है पर साहब समझते नहीं हैं। चर्चा तो इस बात की भी है कि पति-पत्नी के बीच लंबे समय से खट-पट चल रही है। जो फोन पर निकाली जाती है।
रघुनंदन के निशाने पर अफसरशाही क्यों ?
मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी में रघुनंदन शर्मा से सब परेशान रहते हैं। शासन शिवराज का रहा हो या अब मोहन का, संगठन पर तोमर काबिज रहे हों या वर्तमान में विष्णु दत्त शर्मा। सभी को गरियाने से बाज नहीं आए। इन दिनों अफसरशाही को भ्रष्ट और चाटूकार बताकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि शासन या प्रशासन के पास उनका कोई बड़ा काम अटका हो। कार्यकर्ता के दर्द के बहाने वे एक मंत्री के मददगार बने हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी मालवांचल से आते हैं जहां से रघुनंदन आते हैं। एक वजह सीएम हाउस से अभी तक किसी भी प्रकार की तव्वजो नहीं मिल पाना भी मानी जा रही है।