आखिर प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने क्यों अनदेखी की 225 करोड़ के ठेके में आपत्ति
ताबड़तोड़ अनुबंध करवा बैठे ठेकेदार से
गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अफसर सुखवीर सिंह ने 225 करोड़ के ठेके में आपत्ति को अनदेखा कर दिया। सूत्रों के अनुसार आपत्ति को जानबूझकर अनदेखा किया गया। आपत्ति प्राप्त होते ही एक ही दिन में ठेकेदार और
लोक निर्माण विभाग के बीच अनुबंध का दबाव भी बना डाला।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में इन दिनों इंदौर के पीपल्या हाना में बन रहे जिला कोर्ट की बिल्डिंग को लेकर मामला विचाराधीन है।
कुछ दिन पूर्व "खबर नेशन" ने "न्याय के मंदिर की नींव में ही कर गए घोटाला " शीर्षक से खबर (इस खबर की लिंक नीचे दी है।) प्रकाशित की थी। जिसमें गड़बड़ियों को लेकर पूरा ब्यौरा था। निविदा में दूसरे नंबर पर रही कल्याण टोल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लि ने कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण कार्य कर रही आर्कन पॉवर इंफ्रा इंडियन प्रायवेट लिमिटेड को ठेका हथियाने में गलत दस्तावेज प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है। टेंडर स्वीकृत होते ही लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह के समक्ष 23/09/2023 को गड़बड़ियों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी। इसी दिन प्रमुख सचिव से लेकर इंदौर कार्यालय तक अनुबंध कराए जाने का निर्देश पहुंच गया। हालांकि अनुबंध पंद्रह दिन बाद कराया गया। लोक निर्माण विभाग के निचले स्तर के अधिकारियों पर इस हद तक दबाव बनाया गया कि लोक निर्माण विभाग के प्रदीप कुमार सक्सेना ने अवकाश के दिन अनुबंध करा डाला। इस मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
शासकीय प्रक्रिया के अनुसार 100 करोड़ से ऊपर के टेंडर मंत्री स्तर पर अनुमोदित किए जाते हैं। मंत्री के अनुमोदन के पूर्व टेंडर समिति की बैठक का एप्रूवल लिया जाता है। जिसके सदस्य विभाग के प्रमुख सचिव होते हैं। इस नाते भी जब गड़बड़ियों को लेकर आपत्ति लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह के समक्ष पहुंच चुकी थी तो फिर इसे रोका क्यों नहीं गया। आपत्ति और अनुबंध के बीच समय अंतराल भी पर्याप्त रहा। ऐसे में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह की भूमिका संदेहास्पद प्रतीत होती है।
सूत्रों का कहना है कि आर्कन पॉवर इंफ्रा इंडियन प्रा लिमिटेड कंपनी गुजरात की है और इस ठेके को दिलाने गुजरात के किसी नेता ने सिफारिश की थी। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार के कार्यकाल में मध्यप्रदेश के निर्माणकर्ताओं और सप्लायरों को गुजरात लॉबी के दबाव में काम दिया जाता था।
जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव रहे आय ए एस अधिकारी सुखवीर सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि अनुबंध प्रक्रिया शासन स्तर से क्रियान्वित नहीं होती है। यह विभागअध्यक्ष और मुख्य अभियंता स्तर का कार्य है । न मुझे इस शिकायत के वारे में कोई जानकारी है । उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में आप वर्तमान में पदस्थ अधिकारी से पूछिए।