हाईकोर्ट से मामला वापस लेने पर मध्य प्रदेश सरकार ने दिया तोहफा 

मामला प्रतिनियुक्ति का जिसे अधिकारी ने बना लिया था प्रतिष्ठा का विषय 

 दोनों विभागों के सुपर आईएएस अब नहीं दे पा रहे जवाब 

गौरव चतुर्वेदी /खबर नेशन / Khabar Nation

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ मामला वापस लेने के बाद प्रतिनियुक्ति के एक मामले में शासन ने हरी झंडी दे दी।  हाई कोर्ट एक बार पूर्व में अपने आदेश में उक्त अधिकारी की रिट पिटिशन को खारिज कर चुका था।  जिसके बाद उक्त अधिकारी डबल बेंच में गया लेकिन वहां से उक्त अधिकारी ने अपनी अपील वापस ले ली । 

गौरतलब है कि हाल ही में सागर नगर निगम में उपायुक्त के पद पर डॉक्टर सुनील सिंह बघेल को प्रतिनियुक्ति पर उपायुक्त के पद पर पदस्थ किया गया है।  डॉक्टर बघेल जिला समन्वयक के पद पर उद्यमिता विकास केंद्र (सेटमैप) में पदस्थ थे। उधमिता विकास केंद्र (सेटमैप) मध्यप्रदेश शासन की एक ऑटोनामस संस्था है । पूर्व में डॉक्टर बघेल मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और माननीय न्यायाधीश पुष्पेंद्र कुमार कौरव की बेंच के समक्ष रिट अपील 184 / 2019 दायर की थी । बघेल ने यह अपील 22 मार्च 2022 को वापस ले ली । 

बघेल इसके पूर्व रिट पिटिशन 1954 / 2016 के माध्यम से हाईकोर्ट की शरण में गए थे।  इस मामले में माननीय न्यायाधीश सुजाय पौल ने फैसला दिया था । 

गौरतलब है कि यह याचिका बघेल प्रतिनियुक्ति के लिए अनुमति न दिए जाने को लेकर मध्य प्रदेश शासन के खिलाफ कोर्ट गए थे। तब डॉक्टर बघेल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते थे । शासन का तर्क था कि प्रतिनियुक्ति के विज्ञापन में उल्लेख है कि कर्मचारी शासन के अन्य विभागों में कार्य कर रहा हूं । सैडमैप विभाग नहीं एक ऑटोनॉमस संस्था है।  माननीय न्यायाधीश ने विभाग के तर्कों को सुनकर डॉक्टर सुनील सिंह बघेल को प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए योग्य और अधिकारिक ना मानते हुए रिट पिटीशन खारिज कर दी थी । जिसको लेकर डॉक्टर सुनील बघेल हाई कोर्ट की डबल बेंच में अपनी अपील लेकर गए पर बाद में उन्होंने अपील वापस ले ली । 

सागर नगर निगम में उपायुक्त के पद पर पदस्थापना को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्य प्रदेश के आयुक्त भरत यादव से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रतिनियुक्ति का आदेश शासन से अप्रूव होकर आया था । नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के अनुमोदन के पश्चात ही पदस्थापना आदेश निकाला गया है।  अगर वह इस पद के योग्य नहीं है तो हम परीक्षण कराएंगे । 

मध्य प्रदेश शासन के सूक्ष्म ,लघु और मध्यम विभाग सह आयुक्त उद्योग पी नरहरि से माननीय उच्च न्यायालय की कार्यवाही का हवाला देते हुए प्रतिनियुक्ति दिए जाने पर जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि जिस रिट पिटीशन और अपील की बात आप कर रहे हैं वह मेरी जानकारी में नहीं है । वे उपायुक्त पद के योग्य हैं या नहीं यह परीक्षण करने के उपरांत ही बताया जा सकता है। 

 इस पूरे मामले का मजेदार पहलू यह है कि नगरीय प्रशासन विभाग ने सागर उपायुक्त के पद पर प्रतिनियुक्ति पदस्थापना का कोई विज्ञापन भी जारी नहीं किया है । जबकि इसके पूर्व वाले मामले में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने विज्ञापन के माध्यम से प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया का पालन किया था।  सूत्रों का कहना है कि आखिर डॉक्टर सुनील सिंह बघेल की प्रतिनियुक्ति नगरीय विकास विभाग में और वह भी विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह के गृह जिले में किया जाना आश्चर्यजनक है।

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गौरव चतुर्वेदी

खबर नेशन

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