भाजपा को फायदा, मोदी का नुक्सान ?

 

खबर नेशन / Khabar Nation

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से उपजी जनसहानभूति भारतीय जनता पार्टी को फायदा देती नजर आ रही है । भाजपा भी अटल जी के नाम को भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने की तैयारी शुरू कर चुकी है।लेकिन जिस तरह से आम जनमानस के बीच चर्चा और सोश्यल मीडिया पर जो ट्रैंड नजर आ रहे है उनसे अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल , राजनैतिक शैली , सामान्य व्यवहार की तुलना नरेन्द्र मोदी के साथ की जा रही है। जो मोदी की आक्रामक शैली पर प्रहार करती भी नजर आ रही है। विपक्ष के नेता खासकर काँग्रेस कुछ उन मुद्दों के साथ सोश्यल मीडिया पर ट्रोल करती नजर आ रही हैं जो अटल और मोदी के बीच एक बड़ी रेखा के तौर पर हमेशा नजर आती रही।
इतिहास के जिन पन्नों को कुरेदकर मोदी काँग्रेस को डिफेंसिव मोड में धकेलने का काम करते रहे काँग्रेस उसी शैली में मोदी पर प्रहार करने की मुद्रा में आ गई। हाँलाकि मोदी को इससे लगातार फायदा भी मिला। मोदी भारतीय जनमानस के बीच इस मुद्दे की पैठ बनाने में सफल रहे । इस काम में मोदी को सोश्यल मीडिया पर उनकी पैड ट्रौल आर्मी के साथ साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं का साथ भी मिला ।
अटल से तुलना के मामले में भाजपा कार्यकर्ता संभवतः उस आक्रामकता के साथ अपना पक्ष न रख पाएंगे । जो मोदी को नुकसान पहुंचा सकती है।
             बकौल वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर यह भावना प्रधान देश का मामला है। यहां तो कई घटिया सितारों का किसी फिल्म में अभिनय महज इसलिए सराह दिया जाता है कि उसका किरदार बहुत अच्छा था। 
लेकिन कई अच्छे किरदारों को इस देश में पलक झपकते ही नजरों से उतारने की प्रथा भी प्रचलन में रही है । जिसके चलते आपके पूर्वज भले जी उठे लेकिन वर्तमान पीढी खडे होने के बावजूद गिरी हुई नजर आती है । और संभवतः यही मोदी के लिए खतरा है क्योंकि मोदी के दुश्मन सिर्फ विपक्ष में ही नहीं हैं , भारतीय जनता पार्टी में भी उनकी लंबी फेहरिस्त हैं। हाँलाकि वे वर्तमान हालात में नजर नहीं आ रहे हैं।

Share:


Related Articles


Leave a Comment