मध्यप्रदेश में सबसे खुशहाल, राजस्थान में बदहाल हैं बेटियां: कविता पाटीदार
प्रदेश महामंत्री ने कहा- राजस्थान की बेटियों की चीखों को क्यों अनसुना कर रही कांग्रेस
खबर नेशन/ Khabar Nation
भोपाल। मध्यप्रदेश की हम सभी बहनों और बेटियों का यह सौभाग्य है कि यहां शिवराज मामा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जो हर भांजी की समस्याओं और हर बहन की तकलीफों को समझती है तथा इसके लिए जरूरी कदम भी उठाती है। यही वजह है कि प्रदेश में बेटियां सबसे ज्यादा सुरक्षित और खुशहाल हैं। लेकिन कांग्रेस की गहलोत सरकार के शासन में राजस्थान की बेटियां बदहाली की शिकार हो रही हैं। आश्चर्य की बात है कि कांग्रेस पार्टी को भाजपा शासित राज्यों में तो बेटियों की स्थिति दिखाई देती है, लेकिन वो राजस्थान में लगातार गूंज रही बेटियों की चीखों को अनसुना कर देती है। यह बात भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश महामंत्री व सांसद सुश्री कविता पाटीदार ने कांग्रेस महिला संगठन की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल की पत्रकारवार्ता पर टिप्पणी करते हुए कही।
शिवराज सरकार की नीतियों से आ रहा सामाजिक बदलाव
सुश्री पाटीदार ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद मध्यप्रदेश महिला सशक्तीकरण के मामले में पूरे देश के लिए मॉडल बन गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा लागू की गई लाडली लक्ष्मी योजना ने न सिर्फ बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदला है, बल्कि प्रति हजार बेटों पर जन्म लेने वाली बेटियों की संख्या भी बढ़ रही है, जो एक सुखद सामाजिक बदलाव है। बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, विवाह, रोजगार तक के क्षेत्र में प्रदेश सरकार सहारा बन रही है। सुश्री पाटीदार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हाल ही में लाडली बहना योजना लांच की है, जिसका लाभ प्रदेश की 12500000 बहनों को मिल रहा है। विवाहित बहनों की आर्थिक समस्याओं को दूर करने में यह योजना मील का पत्थर साबित होगी। चाहे पुलिस या शिक्षा विभाग की नौकरी हो या फिर पंचायत और नगर निकायों का निर्वाचन शिवराज सरकार ने हर जगह बेटियों को सहूलियतें दी हैं। प्रदेश महामंत्री सुश्री कविता पाटीदार ने कहा कि मध्यप्रदेश में महिला अपराधों की बात करने से पहले कांग्रेस को यह देख लेना चाहिए कि मध्यप्रदेश बेटियों के गुनहगारों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करने वाला देश का पहला राज्य है और यहां अब तक 40 अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। बेटियों पर जुल्म करने वाले अपराधियों के घर बुलडोजर से गिराए जा रहे हैं।
बेटियों पर बर्बरता चुपचाप देख रही निकम्मी गहलोत सरकार
सुश्री कविता पाटीदार ने कहा कि राजस्थान के करौली में सामूहिक दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाई गई दलित बेटी को अभी न्याय भी नहीं मिला था कि अब भीलवाड़ा में एक बच्ची को दुष्कर्म के बाद दरिंदों ने कोयले की भट्टी में डालकर राख बना दिया। दिल्ली के तंदूर कांड की याद दिलाने वाली इस वीभत्स घटना की जितनी निंदा की जाए, वो कम है। आश्चर्य की बात यह है कि बच्ची के परिजनों की शिकायत के बाद भी न तो गेहलोत सरकार जागी और न ही पुलिस ने कोई कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं कांग्रेस की सरकार आने के बाद से तेजी से बढ़ी है। अशोक गहलोत की सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में महिलाओं के साथ 1 लाख 61 हजार से ज्यादा अपराध हुए हैं। 27 हजार से ज्यादा बेटियां दुष्कर्म की शिकार हुई हैं। रोजाना औसतन 19 बलात्कार हो रहे हैं। हर रोज 19, मतलब हर महीने 570 और हर साल 6840 से अधिक बेटियां,कांग्रेस की निकम्मी गहलोत सरकार की बलि चढ़ रही हैं। गहलोत सरकार के नकारापन से अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ चुके हैं कि विवाहिताओं से लेकर दुधमुंही बच्चियों तक और बुजुर्ग महिलाओं से लेकर स्कूली छात्राओं तक को हवस का शिकार बनाया जा रहा है।
महिलाओं से दुर्व्यवहार और बर्बरता कांग्रेस की संस्कृति
सुश्री कविता पाटीदार ने कहा कि ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा बुलंद करने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी पर्यटन के लिए राजस्थान जाती हैं, लेकिन न किसी पीड़ित परिवार के आंसू पोंछती हैं और न अपनी ही सरकार के मुखिया से बेटियों पर हो रहे जुल्मों का जवाब मांगती हैं। शायद उन्हें राजस्थान की बेटियां, इस लायक नहीं लगती कि उनके लिए लड़ा जा सके। राजस्थान बलात्कारों की राजधानी बन गया है, लेकिन कांग्रेस का कोई नेता इस बारे में मुंह नहीं खोलता। सुश्री पाटीदार ने कहा कि इसकी वजह कांग्रेस की वो संस्कृति है, जिसमें महिलाओं से दुर्व्यवहार और बर्बरता को गलत नहीं समझा जाता। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की महिला विंग की प्रमुख सरला मिश्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर हुई मौत का मामला हो, या फिर दिल्ली में एक कांग्रेस नेत्री को टुकड़े-टुकड़े करके तंदूर में जला देने का मामला हो, आरोप कांग्रेस के नेताओं पर ही लगे हैं। ऐसे में अशोक गहलोत जैसे कांग्रेसी मुख्यमंत्री से बेटियों के प्रति न्याय की उम्मीद रखना ही बेकार है।
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गौरव चतुर्वेदी
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