नारी शक्ति की आधुनिक प्रतिमूर्ति: डॉ. अनामिका जैन

Khabar Nation
इन्दौर
लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर भारतीय इतिहास की वह विलक्षण विभूति हैं जिन्होंने महिला शिक्षा, प्रशासन, सेवा और धर्म के क्षेत्र में महिला नेतृत्व की एक आदर्श परंपरा की नींव रखी। आज जब हम उनकी 300वीं जयंती मना रहे हैं, तो यह आवश्यक हो जाता है कि हम उन आधुनिक नारियों का भी उल्लेख करें, जो लोकमाता की प्रेरणा से जनसेवा, शिक्षा और समाज-संस्कार में अद्वितीय योगदान दे रही हैं। उन्हीं में से एक हैं इंदौर के ऐतिहासिक और गौरवशाली शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय की प्रथम महिला प्राचार्य डॉ. अनामिका जैन।
डॉ. जैन एक प्रखर शिक्षाविद, समर्पित एनसीसी अधिकारी और नारी सशक्तिकरण की प्रेरक शक्तियों में से एक हैं। उन्होंने 30 वर्षों तक गर्ल्स एनसीसी कैडेट्स को प्रशिक्षित किया, जिनमें से कई आज भारतीय सशस्त्र बलों, प्रशासनिक सेवाओं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का नाम रोशन कर रही हैं।
लोकमाता अहिल्या बाई से प्रेरित उनका जीवन कर्तव्यनिष्ठा और करुणा का सशक्त उदाहरण है। उन्होंने अपने पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए शासकीय सेवा में उत्कृष्टता प्राप्त की और छात्राओं को न केवल शिक्षा बल्कि जीवन मूल्यों और आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों से आई हुई छात्राओं को उन्होंने आत्मविश्वास और स्वाभिमान की उड़ान दी — जैसे देवी अहिल्या बाई ने अपने काल में उपेक्षित वर्गों को सहारा दिया था।
डॉ. जैन रसायन विज्ञान में पर्यावरण रसायन, हरित रसायन और नैनोमटेरियल्स जैसे आधुनिक और प्रासंगिक विषयों की विशेषज्ञ हैं। उन्होंने 8 पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन किया है और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें डीजी एनसीसी पुरस्कार, रक्षा सचिव प्रशंसा पत्र, फ्री प्रेस अहिल्या पुरस्कार, और फेलो सदस्यता पुरस्कार (ICCE) जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं।
आज भी वे होलकर विज्ञान महाविद्यालय में छात्राओं के लिए निःशुल्क सशस्त्र बल प्रशिक्षण जैसे विशेष कार्यक्रम संचालित कर रही हैं। उनका मानना है कि हर शिक्षित बेटी , जागरूक पीढ़ी की नींव होती है। एक महिला शिक्षक केवल पढ़ाती नहीं, बल्कि समाज का भी निर्माण करती है।
डॉ. अनामिका जैन का संपूर्ण व्यक्तित्व लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की सेवा, समर्पण और नारी गरिमा के मूल्यों की जीवंत अभिव्यक्ति है। इस ऐतिहासिक अवसर पर उनका जीवन, नारी नेतृत्व और शिक्षा की शक्ति का प्रतीक बनकर समाज को एक नई दिशा दे रहा है।