शिवराज के बहना प्रेम पर किसकी वक्र दृष्टि?

शहला मसूद हत्याकांड के संदिग्ध पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह की टिकट पर शिवराज मौन क्यों? पार्टी में चर्चा

गौरव चतुर्वेदी/खबर नेशन/KHABAR NATION

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना के प्रेम पर भारतीय जनता पार्टी में वक्र दृष्टि पढ़ना शुरू हो गई है। भाजपा कार्यालय में इस बात को लेकर चर्चा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लाडली बहना प्रेम असल है या शहला मसूद हत्याकांड में संलिप्त रहे पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह से पार्टी का प्रेम। 

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर 39 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। इनमें पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह का नाम चौंकाने वाला है। उल्लेखनीय है कि ध्रुव नारायण सिंह 2008 में भाजपा के टिकट पर भोपाल के मध्य से विधायक चुने गए थे।  विधायक बनने के बाद भोपाल में इवेंट मैनेजर और आर.टी.आई एक्टीविस्ट के तौर पर चर्चित शहला मसूद की हत्या 16 अगस्त 2011 को उनके घर के बाहर कर दी गई। हत्या की वजह प्रेम त्रिकोण रही। हत्या के संदिग्ध के तौर पर ध्रुव नारायण सिंह का नाम भी सामने आया था। सी.बी.आई. जांच में हत्या का आरोप ध्रुव नारायण की एक अन्य महिला मित्र जाहिदा परवेज पर न्यायालय में सिद्ध हो गया।  सी.बी.आई. ने ध्रुव नारायण को क्लीन चिट दे दी। सूत्रों के अनुसार ध्रुव नारायण सिंह ने सी.बी.आई. से क्लीन चिट को लेकर राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए कुछ समझौते किए थे। जाहिदा के दफ्तर से सी.बी.आई. को कुछ पुख्ता सबूत मिले थे और जाहिदा परवेज ने सी बी आई जांच में ध्रुव नारायण सिंह के शामिल होने का दावा किया था। जांच में जाहिदा अपने पक्ष में ऐसे सबूत नही ज़ाहिर कर सकी। जिससे ध्रुव नारायण की संलिप्तता उजागर हों। सो सी.बी.आई. ने ध्रुव नारायण को क्लीन चिट दे दी।

अब भाजपा कार्यालय में इस बात की चर्चा हैं कि आखिर महिलाओं के साथ विवादित रहने वाले ध्रुव नारायण सिंह का नाम विधानसभा प्रत्याशी के तौर पर क्यों घोषित किया गया? 

पार्टी में इस बात की भी चर्चा हैं कि शुचिता और अनुशासन के नियमो का पालन  करने वाली भाजपा में इसे क्या पार्टी नेताओं का साहस माना जाए कि एक ऐसे मामले में जहां मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला शक्ति के आधार पर चुनाव में अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हुए हैं वहां पहली ही सूची में ऐसे विवादित चेहरे ध्रुव नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया गया हों?

 पार्टी में यह भी चर्चा हैं कि जिस व्यक्ति की संदिग्धता के आधार पर दावेदारी पर ही विचार नही किया जाना चाहिए था आखिर उस नाम को बतौर प्रत्याशी हरी झंडी कैसे दे दी गई? क्या इस नाम पर शिवराज की सहमति है और सहमति नहीं है तो शिवराज ने अपना विरोध पार्टी में दर्ज क्यों नहीं कराया?

सबसे बड़ा सर्वे :

मध्यप्रदेश का सबसे भ्रष्ट मंत्री कौन?

जवाब देगी जनता 

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव नवंबर 2023 में संभावित हैं। विपक्षी दल कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहा है। खबर नेशन यह नहीं कहता कि सभी मंत्री भ्रष्ट हैं।

जनता जनार्दन भी कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार का शिकार हुई है। आखिर क्या है वस्तु स्थिति?

कौन है मध्यप्रदेश का भ्रष्ट मंत्री

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गौरव चतुर्वेदी

खबर नेशन

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