सहकारिता के कमाऊ पूत ने मोदी की योजना में लगाया पलीता

विश्वास सारंग और अरविंद भदौरिया जानकर भी रहे अनजान
गौरव चतुर्वेदी/खबर नेशन / Khabar Nation
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित भोपाल ने थाना बागसेवनिया में दस्तावेज चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई ऐसा प्रतीत होता है कि दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं बल्कि चोरी करने का षड्यंत्र कराया गया है जन औषधि संघ पर पूर्व में भी कई आरोप एवं जांच चल रही हैं जिसके बचाव में यह षडयंत्र किया गया है|
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के नाम से मिलता जुलता नाम बनाकर सहकारी संस्थाएं के माध्यम से प्रधानमंत्री जी की परियोजना के विरुद्ध षड्यंत्र एवं जालसाजी और धोखाधड़ी की गई जिसकी शिकायत भारत सरकार के उपक्रम बीपीपीआई ने मध्य प्रदेश शासन के कई विभागों में सहकारिता विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रक खाद्य एवं औषधि,पुलिस विभाग एवं थाना बागसेवनिया में आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराए गए और जिनकी जांच चल रही है ट्रेडमार्क के उपयोग के लिए तीस हजारी कोर्ट दिल्ली में निषेधाज्ञा जारी की एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भोपाल ने आदेश जारी किए हैं|
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ ऐसी संस्था है जिसका पंजीयन करते समय भारत सरकार की प्रधान मंत्री जन औषधि परियोजना बीपीपीआई का अनुबंध एवं ट्रेडमार्क का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीयन कराया गया है|
जागृत प्रभात मिश्रा दिल्ली निवासी हैं स्वयं को फर्जी तरीके से शिव शक्ति सहकारि उपभोक्ता भंडार होशंगाबाद के सदस्य बनाए गए जिसकी शिकायत होने के बावजूद जागृत प्रभात मिश्रा ने फर्जी तरीके से मतदाता पत्र बनवाया और जब थाना बागसेवनिया में शिकायत की गई तो उसके बचाव में उन्होंने माननीय न्यायालय और उच्च न्यायालय में जमानत लेने के लिए अपने आप को दिल्ली में निवासी बताया फर्जी पते के आधार पर शिव शक्ति उपभोक्ता भंडार होशंगाबाद के सदस्यता समाप्त हो चुकी है उसके बावजूद भी संघ के अध्यक्ष बने हुए हैं अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के और अन्य संचालकों के सदस्यता की शपथ पत्र एवं आवेदन पत्र जांच की जावे|
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित के सभी के सदस्य समितियों में उप विधियों में दवा विक्रेता का संशोधन नियम विरुद्ध किया गया और इन उप विधियों में संशोधन का प्रस्ताव किस की अनुशंसा से किया |
जन औषधि नाम एवं ट्रेडमार्क के दुरुपयोग का भारत सरकार के उपक्रम बीपीपीआई ने दिल्ली तीस हजारी कोर्ट के माध्यम से न्यायालय द्वारा जन औषधि के उपयोग निषेधाज्ञा जारी की गई है|
बीपीपीआई द्वारा भोपाल थाना बागसेवनिया में F.I.R है जिसका प्रकरण खात्मे के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा थाना बागसेवनिया को पुनः विवेचना के लिए आदेश जारी किए गए हैं|
थाना शाहजहानाबाद में फर्जी ड्रग लाइसेंस निरस्तीकरण के बाद एफ आई आर होना बाकी है जन औषधि केंद्र खोलने के नाम पर ₹ 3 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस अधीक्षक सागर को की गई है भोपाल पुलिस कमिश्नर को 61 लाख रुपए की धोखाधड़ी के लिए मैस्कॉट हेल्थ सीरीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शिकायत की गई है सौर्य हाइजीनिक द्वारा एमएसएमई कोर्ट में 41 लाख रुपए कीधोखाधड़ी के लिए शिकायत प्रकरण लंबित |
जन औषधि संघ के अध्यक्ष जागृत प्रभात मिश्रा पंजीयन से ही धोखाधड़ी एवं भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उनका उद्देश्य सिर्फ इस संस्था को स्वयं के निजी लाभ के लिए चलाना है जिसमें उन्होंने जन औषधि कॉपीराइट को स्वयं की निजी संस्था कलर फ्रेम मीडिया प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली के नाम पर जन औषधि का कॉपीराइट कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर ले रखा है कॉपीराइट लेते समय सभी दस्तावेज मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ के आधार पर बनाए गए हैं|
इसकी जांच चल रही है|
जागृत प्रभात मिश्रा ने मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ के लघु नाम जो जन औषधि संघ की एक कंपनी दिल्ली में रजिस्टर्ड है जिसके निर्देशक जागृत प्रभात मिश्रा एवं पूजा कपिल मिश्रा है मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जनऔषधि विपणन संघ मैं दवाओं का व्यापार किया जाता है सभी कंपनियों एवं दवा निर्माताओं से शासकीय संस्था बता कर दवाइयां खरीदी जाती हैं और इन संस्थाओं के माध्यम से जो दवाइयां बेची जाती है उसका भुगतान दिल्ली में रजिस्टर्ड जन औषधि संघ के खाता क्रमांक
Account Name: Jan Aushadhi Sangh
Account Number: 135305002314
Bank: ICICI Bank Ltd
IFSC Code: ICIC0001353
Account Type: Current Account
MICR Code: 110229154
Branch Name: Delhi-Netaji Subhash Place संबंधित पेमेंट को रिसीव करता है इसके अलावा दिल्ली में उनकी पांच अन्य संस्थाएं मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के अंतर्गत पंजीकृत संस्था जन औषधि संघ रजिस्ट्रेशन क्रमांक 371227 CIN-U85300DL2020NPL371227 नई दिल्ली
जन औषधि फार्मेसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रजिस्ट्रेशन क्रमांक 349058 नई दिल्ली CIN-U33100DL2019PTC349058
जन औषधि जन औषधि हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड रजिस्ट्रेशन क्रमांक 360241नई दिल्ली CIN-U74999DL2020PTC360241
जन औषधि डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड रजिस्ट्रेशन क्रमांक 085317 सेक्टर 49 गुरुग्राम हरियाणा CIN-U85100HR2020PTC085317
जन औषधि फार्मेसी प्राइवेट लिमिटेड रजिस्ट्रेशन क्रमांक 081054 CIN-U33309HR2019PTC081054 सेक्टर 49 गुरुग्राम हरियाणा अलग-अलग पते के संस्था मैं संचालक पूजा कपिल ,श्रीमती दिव्या उपाध्याय एवं जागृत प्रभात मिश्रा सभी संस्थाओं में संचालक हैं|
संचालकों के द्वारा जन औषधि संघ का नाम का जागृत प्रभात मिश्रा ने इस लघु नाम जनऔषधि संघ से नाम का दुरुपयोग करने के लिए षड्यंत्र किया और वर्तमान में पांच कंपनियां रजिस्टर्ड करा ली जन औषधि का नाम का उपयोग करने का अधिकार प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना की पीएसयू फार्मास्यूटिकलस एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पूर्व नाम बी.पी.पी.आई) के पास रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क करने वाले संस्था भारत सरकार के व्यापार चिन्ह रजिस्ट्री द्वारा व्यापार चिन्ह संख्या 3296371 दिया गया है रजिस्टर ट्रेडमार्क भारत सरकार के उपक्रम के प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के पास होने के बावजूद भी उक्त प्राइवेट लिमिटेड संस्थाएं इसका नाम का उपयोग फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी के लिए किया जा रहा है|
कई राज्यों में इन के माध्यम से व्यापार कर रहे हैं और दवा निर्माता कंपनियों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है इस विषय की जांच की जावे की दवा निर्माताओं कंपनियों के भुगतान रोके गए हैं जिनके विरुद्ध कई शिकायतें हुई हैं कंपनी के पिछले 3 साल के टर्नओवर में लगभग 40 करोड़ों रुपए का व्यापार किया गया है और लगभग ₹20 करोड़ की देनदारी दवा निर्माता कंपनियों की है और कई कंपनियों के साथ छल कपट करके उनका पैसा नहीं दिया जा रहा है जिसकी शिकायत माननीय पुलिस कमिश्नर भोपाल को की गई है|
खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा जन औषधि संघ का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर औषधि अनुज्ञप्ति लाइसेंस निरस्त किया गया स्वास्थ्य विभाग इसकी जांच कर रहा है जिसके लिए अपर मुख्य सचिव को बीपीपीआई द्वारा पत्र भी लिखा गया है|
जन औषधि संघ की अंश पूंजी मात्र ₹21000 होने के बावजूद संस्था को ₹500000 का अंशदान दिलाया गया जो पूर्णता फर्जी तरीके से एवं नियम विरुद्ध किया गया अंशदान पूंजी के पश्चात अभी तक शासकीय कर्मचारियों की नियुक्ति क्यों नहीं हुई और संस्था को शासकीय बताकर दवा निर्माताओं से टेंडर के माध्यम से उनको दवाओं को सस्ते रेट पर खरीदा जाता है और इसकी कालाबाजारी अन्य राज्यों में दवाइयों को बेचकर की जाती है जन औषधि संघ का संपूर्ण कार्यक्षेत्र मात्र मध्यप्रदेश है उसके बावजूद भी यह संस्था अन्य राज्यों में दवाओं की कालाबाजारी कर रही है और मध्य प्रदेश की जनता को जन औषधि संघ बनाने के लाभ एवं उद्देश्य से वंचित किया जा रहा है |
संस्था में अनियमितताओं भ्रष्टाचार एवं निरंतर शिकायतों के निराकरण के लिए प्रशासक की नियुक्ति होना आवश्यक है|
संचालकों के विरुद्ध पूर्व में भी कई शिकायतें सहकारिता विभाग,नियंत्रण खाद्य एवं औषधि प्रशासन एवं पुलिस विभाग को दी सभी शिकायतों की जांच चल रही है संस्था के चोरी हुए दस्तावेजों के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी द्वारा कोई सूचना थाने में क्यों नहीं दी गई गैर पदाधिकारी द्वारा दोषियों को बचाने के लिए पुलिस दस्तावेज चोरी होने के झूठी प्रकरण दर्ज कर जांच को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है|
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