समाज में अनुशासन बनाये रखने के लिए कानून ज़रूरी

शख्सियत Oct 05, 2019

 

 

राष्ट्रीय मूट कोर्ट कॉम्पिटिशन का उद्घाटन

खबर नेशन / Khabar Nation

इंदौर l कानून समाज में अनुशासन व व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है l समाज में जब से इंसान ने एक साथ रहना शुरू किया तब ही किसी ना किसी रूप में कानून की बुनियाद पड़ गई थी l कानून के छात्र ना केवल अपनी जिरह से किसी केस को जीतने की कोशिश करते हैं बल्कि अपनी जिरह और तर्को से समाज के सामने ऐसे तर्क और दायरे रखते है जिन पर समाज की नींव खड़ी होती है। जो आपसी संबंधों के लिए एक मापदंड बनते हैं l 

यह बात मलेशिया सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश  आरिफिन बिन ज़कारिया ने प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट के डिपार्टमेंट ऑफ लॉ मे तीन दिनी नेशनल मूट कोर्ट कॉम्पिटिशन के उद्घाटन समारोह मे कही l देश भर के 40 से ज़्यादा प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को संबोधित करते हुए श्री ज़कारिया ने कहा कि मूट कोर्ट छात्र-छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान देते हैंl इससे ज़मीनी स्तर पर  कोर्ट के दाव पेंच समझने में आसानी मिलती है। मूट कोर्ट अभ्यास में वास्तविक तर्क देने का अनुभव होता है। मूट कोर्ट अभ्यास के द्वारा छात्रों में कानूनी कौशल, अदालत शिल्प, व्यावसायिक नैतिकता और वकालत करने के लिए दृष्टिकोण विकसित होता है l मूट कोर्ट प्रतियोगिता में छात्रों को एक काल्पनिक घटनाक्रम बताया जाता है। जिसको वास्तविक मानकर छात्रों को उसपर शोध कर अपने नतीजे दूसरे पक्ष के सामने उसी तरह प्रस्तुत करने होते हैं। जिस तरह एक वास्तविक न्यायलय में बहस होती है l

कार्यक्रम मे श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश  मोहन पेरिस ने कहा कि  समाज मे आज बदलाव जरूरी है और ला के छात्रों की बदलाव मे बड़ी भूमिका रहती है l लॉ बस पैसे कमाने का माध्यम नही है बल्कि बदलाव का बड़ा जरिया है l एक अच्छे वकील का काम बस केवल कोर्ट की कागजी कार्यवाही तक ही सीमित नही होना चाहिए पर उनमे मानवता भी जरूरी है l उन्होंने कहा कि लोगो को उनके मानव अधिकार के बारे में पता होना जरूरी है। कानून की ज़िंदगी एक तर्क नही बल्कि एक सामाजिक कार्य भी है। इस तरह के मूट कॉम्पिटिशन हमेशा केवल जीतना ही मकसद नही बल्कि कुछ सीखकर जाना जरूरी है। ये एक बहुत अच्छा मौका है पूरे भारत के स्टूडेंट्स से मिलने जुलने का। प्रेस्टीज एजुकेशन सोसायटी के वाइस चेयरमैन डॉ डेविस जैन ने कहा कि ज्ञान से ज्यादा विवेक का मूल्य है l आज बड़ी समस्या ज्ञान को व्यवहारिक बनाने की है l बच्चों के पास ज्ञान है पर उसे व्यावहारिक धरातल पर उतारने का विवेक नहीं है l जरूरत इसी व्यवहारिक ज्ञान की है l स्वागत भाषण देते हुए विभाग प्रभारी डॉ निशांत जोशी ने मूट कोर्ट कॉम्पिटिशन एवं प्रेस्टीज ग्रुप की शैक्षणिक यात्रा की जानकारी दी l डॉ. जोशी ने बताया कि समापन समारोह 6 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 12 बजे आयोजित होगा, जिसमें भारतीय सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश  दीपक मिश्रा अतिथि के रूप शामिल होंगे l इस अवसर पर डायरेक्टर डॉ. योगेशवरी फाटक, डॉ. आर. के. शर्मा, प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर  अनिल वाजपेयी भी मौजूद थे l

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