प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहें कांग्रेस प्रत्याशी, एक साथ दस गाड़ियों से कर रहें प्रचार
बिना अनुमति वाले प्रचार वाहनों का हो रहा धड़ल्ले से उपयोग, निर्वाचन आयोग ओर जिला प्रशासन बना मुक दर्शक
आरती की थाली में पैसे डालने कि भी निर्वाचन आयोग की मनाही का कर रहे हैं उल्लंघन
अजीत लाड़ / खबर नेशन / Khabar Nation
मांधाता!! उपचुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा। मांधाता के प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ रही है। प्रत्याशी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए अब चुनाव आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ाते भी दिख रहें। इसी कड़ी में कांग्रेस प्रत्याशी उत्तम पाल सिंह बिना परमिशन के प्रचार के लिए गाडियां दौड़ा रहें हैं। प्रशासन गहरी नींद में सोया नज़र आ रहा है। ग़ौरतलब हो कि प्रशासन के आदेश के मुताबिक प्रत्याशी उन्हीं गाड़ियों के साथ प्रचार कर सकता। जिसपर परमिशन पत्र चस्पा हो। इन नियमों के बावजूद मान्धाता से कांग्रेस प्रत्याशी बिना परमिशन लैटर लगी गाड़ियों के काफ़िले के साथ मतदाता के बीच जा रहें। उत्तम पाल सिंह एकसाथ दस से अधिक गाड़ियों के साथ प्रचार कर रहें। जिसमें प्रशासन द्वारा परमिशन लैटर सिर्फ तीन पर चस्पा मिला। ऐसे में प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में क्यों? जब आदेश तीन गाड़ियों का ही होता फ़िर कांग्रेस प्रत्याशी उत्तम पाल सिंह किसकी इजाज़त पर एक साथ 10 से अधिक गाड़ियों के काफिले से प्रचार कर रहें है। उत्तम पाल सिंह के चुनावी काफ़िले में एक साथ निम्न नम्बरों की गाड़ी क्रमशः Mp12T0758, Mp12CA2291, Mp12T1347, Mp12BC0966, Mp68C0099, Mp12TC9002, Mp09BC8028, Mp09BD1584
Mp09CU8799 और Mp12CA4750 चल रही और प्रशासन आंखें बंद किए हुए है, आख़िर ऐसा क्यों?
कांग्रेस प्रत्याशी जहां मंदिरों में जा रहे हैं वही आरती की थाली में धड़ल्ले से नोट डाल रहे हैं जबकि निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी प्रकार की रैली या जनसंपर्क के दौरान आरती की थाली धर्मस्थल आदि पर रुपए चड़ाने की मनाई है । बावजूद इसके गांव में आरती उतारने वाली बच्चियों और महिलाओं के थाली में कांग्रेस प्रत्याशी नोट डालते हुए लगातार देखे जा रहे हैं ।ऐसे में निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन का पालन कहां हो रहा है ।यह देखने वाली बात है जनसंपर्क और नुक्कड़ सभाओं में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी एवं उनके सहयोगी नेता कहीं मतदाताओं को लालच दे रहे हैं तो कहीं धमका रहे हैं । ऐसे में स्वच्छंद मतदान एक मारा मात्र नजर आ रहा है । जरूरत है निर्वाचन आयोग और स्थानीय प्रशासन शक्ति के साथ चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का पालन कराएं । देखें वीडियो
https://youtu.be/anEzJMHqRx8