विकास और जनकल्याण कार्यों में अग्रणी राज्य हैं मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री चौहान से मिले कर्नाटक राज्य के पत्रकार 
 

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हैं कि वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मरमेंस का नया चलन प्रारंभ हुआ हैं। इसमें विकास करने वालों को ही सफलता मिलेगी। मध्यप्रदेश आज विकास और जनकल्याण कार्यों में अग्रणी राज्य हैं। डेढ़ दशक पूर्व इसकी पहचान पिछड़े और बीमारू राज्य के रूप में थी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश विकसित और तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य हैं। कृषि, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, लोक सेवा गांरटी एक्ट, पर्यटन, सौर ऊर्जा, स्वच्छता सर्वेक्षण, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं, सड़क, बिजली, सिंचाई, महिला शक्तिकरण और किसान कल्याण के कार्यों में देश का अव्वल राज्य हैं। चौहान आज विधानसभा परिसर में कर्नाटक राज्य के पत्रकारों के साथ अनौपचारिक चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा और आयुक्त जनसम्पर्क पी. नरहरि भी मौजूद थे।
 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने विकास और जनकल्याण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी हैं, अनेक नवाचार किये हैं, प्रभावी योजनाएं बनाई हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए स्थानीय स्वशासी सरकारों तथा शिक्षकों के पदों में 50 प्रतिशत और अन्य सभी शासकीय सेवाओं में 33 प्रतिशत (वन विभाग को छोड़कर) आरक्षण की व्यवस्था की गई हैं। बेटियों को परिवार बोझ नहीं मानें, शिक्षा की उचित सुविधा उपलब्ध हो; इसके लिए वर्ष 2006 में मध्यप्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई। आज प्रदेश में 37 लाख लाड़ली लक्ष्मियां हैं। समय-समय पर शिक्षा के लिए और 21 वर्ष की होने पर 1 लाख रूपये से अधिक की राशि इन लाड़लियों को दी जा रही हैं। महिला सशक्तिकरण प्रयासों के सुखद परिणाम भी दिखने लगे हैं। लैंगिक अनुपात में प्रदेश का भिंड जिला सबसे पिछड़ा था, आज वहां का लैंगिक अनुपात भी सुधर रहा हैं। महिलाओं के प्रति अपराधों के दोषियों को कड़ा दंड देने, बेटियों के साथ बलात्कार का जघन्य अपराध करने वाले को मृत्यु दंड देने संबंधी विधेयक विधानसभा से पारित कर राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिये भेजा गया हैं।
 

इसी तरह किसानों को प्रदेश में जीरो प्रतिशत पर ऋण दिया जाता हैं। प्राकृतिक आपदा के समय राज्य सरकार द्वारा भरपूर मदद की जाती हैं। भावांतर योजना आदि राहत के अनेक प्रभावी कदमों के साथ ही फसलों की क्षति पूर्ति भी की जाती हैं। क्षति आंकलन 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से किया जाता हैं। प्रयास हैं कि किसान विपरीत परिस्थितियों में भी हताश नहीं हों। राज्य में कानून बनाकर गरीब को रहने की जमीन का मालिक बनाया गया हैं। गरीब प्रतिभाओं को प्रगति के अवसर मिलें, धन का अभाव प्रतिभा के विकास में बाधा नहीं बने; इसके लिये मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी छात्रवृत्ति योजना शुरु की गयी हैं। इसमें मेधावी बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस राज्य सरकार भरती हैं।
 

चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश को विगत पांच वर्षों से कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा हैं। कृषि वृद्धि दर औसतन बीस प्रतिशत बनी हुई हैं। सिंचित क्षेत्र साढ़े सात लाख से बढ़ाकर चालीस लाख हेक्टेयर हो गया हैं। इसे अस्सी लाख हेक्टेयर तक ले जाने पर तेजी से कार्य हो रहा हैं। नदी जोड़ो परियोजनाओं में नर्मदा-क्षिप्रा जुड़ गयी हैं। नर्मदा-गंभीर का कार्य पूर्णता पर हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रथम हैं। पर्यटन में बेस्ट राज्य का पुरस्कार भी मिला हैं। लोक सेवा गारंटी प्रदाय कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य हैं। गत वर्ष के स्वच्छता सर्वेक्षण में चयनित सौ शहरों में बाईस शहर मध्यप्रदेश के थे। पर्यावरण संरक्षण की जागरुकता और कर्तव्य बोध में भी देश का अग्रणी राज्य हैं मध्यप्रदेश। नर्मदा सेवा यात्रा के रुप में नदी संरक्षण का दुनिया का सबसे बड़ा अभियान यहां संचालित हुआ हैं। नर्मदा नदी के तटों पर बारह घंटों की अवधि में 6.73 करोड़ पौधों का रोपण प्रदेशवासियों ने किया हैं।

चौहान ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए देश में एक साथ चुनाव करवाये जाने के पक्ष का पुरजोर समर्थन किया। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को अभिनंदनीय बताते हुए उन्होंने कहा कि अलग-अलग चुनाव होने से विकास बाधित होता हैं। चुनाव एक साथ कराना देश के हित में हैं। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्रियों की शीघ्र ही होने वाली बैठक में वे स्वयं इस संबंध में चर्चा करेंगे। (खबरनेशन / Khabarnation)

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