मौतों का शिव तांडव कब तक ?

एक विचार Mar 30, 2023

 

शिवराज में 597 मौतों के दोषी प्रमोशन पाते रहे , किसी को भी सजा नहीं हुई 

 

यह कैसा सिस्टम ?

गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन Khabar Nation  

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हजारों मौतों के दोषी पदोन्नति पाते रहे किसी को सजा नहीं हुई । आखिर क्यों ? यह कैसा सिस्टम ? जहां जीरो टॉलरेंस की बात होती है , पर प्रदेश का हर व्यक्ति टॉलरेटेड नजर आता है । इंदौर के हादसे से सामने आया कि ऐसे ही सामूहिक हादसों में लगभग 597 मौतें हुई । इनके दोषियों में से एक को भी सजा नहीं हुई ।

कल इंदौर के पटेल नगर में रामनवमी पर हवन के दौरान एक बावड़ी धसक गई । 35 निरीह मासूम धर्मभीरू असमय काल कवलित हो गए । नगर निगम के अनुसार उक्त बावड़ी पर अवैध निर्माण किया गया था ।उक्त अवैध निर्माण करने वाले श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के कर्ताधर्ता सेवाराम गलानी भाजपा नेता है ।अब उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है ।

उक्त हादसे के मद्देनजर जब पुराने हादसों पर नजर डाली तो पता चला कि दतिया जिले के रतनगढ़ में दो बार भगदड़ मची । एक बार 117 और दूसरी बार 17 मौतें हुई । देवास जिले के धराजी में नर्मदा नदी में बिना अलर्ट पानी छोड़ा गया। 200 लोगों की मौत हो गई।पन्ना जिले में बस में आग लग गई । 50 यात्री जिंदा जल मरे। पेटलावद विस्फोट में 100 लोगों की मौत हुई ।विदिशा जिले के बासौदा में  कुआं धसकने से 11 लोग मर गए ।जहरीली शराब पीकर 70 लोग मर गए । नेमावर में बलात्कार के बाद एक परिवार मार डाला गया। और अब इंदौर में 36 ।यह सिर्फ बड़े हादसे हैं ।सरकारी तंत्र की लापरवाही से कोई मौतों का आंकड़ा अलग है।

 एक नजर दोषियों पर कार्रवाई की ।

दतिया जिले के रतनगढ़ में 13 अक्टूबर 2013 को हुए हादसे में कलेक्टर, एसपी ,एसडीएम डीएसपी ,थाना प्रभारी और पुलिस बल को क्लीन चिट दे दी गई।115 मौतों के दोषी आज सभी अधिकारी अच्छी जगह पर पोस्टेड है।

 अप्रैल 2004 में देवास जिले के धाराजी में भूतडी अमावस्या पर लापरवाही पूर्वक बांध का पानी छोड़ दिया गया ।70 मौतें हुई। तत्कालीन एसडीओपी ,एसडीएम के खिलाफ शासन ने अभियोजन चलाने की अनुमति तक नहीं दी ।

12 सितंबर 2015 को झाबुआ जिले के पेटलावद में विस्फोट के बाद 105 लोगों की मौत हो गई ।यह विस्फोट अवैध तरीके से संग्रहित किए गए। विस्फोटक सामग्री के चलते हुआ था ।पुलिस जांच की लापरवाही के चलते सभी आरोपी कोर्ट से बरी हो गए। 

पन्ना जिले में बस हादसे में 50 यात्री जिंदा जल मरे। ड्राइवर और मालिक पर सजा हुई। लेकिन परमिट जारी करने वाले परिवहन अधिकारी को कोई सजा नहीं ।

देवास जिले के नेमावर में ही एक परिवार के 5 लोगों की हत्या कर काट दिया गया । मध्य प्रदेश सरकार ने जांच में कुछ ना मिलने पर सीबीआई से इस केस की जांच करने का आग्रह कर लिया ।

यह एक नमूना है । शासन तंत्र की विफलता का ।जहां दोषियों को पदोन्नति देकर पुरस्कृत किया जाता है । सवाल खड़ा होता है जिम्मेदारों को छोड़ने की संस्कृति कब तक चलेगी ? और मौतों का यह शिव तांडव कब थमेगा ?

 

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गौरव चतुर्वेदी

खबर नेशन

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