उत्तरप्रदेश में ‘रामराज्य’ चलाने की बात कहने वाले, आज चला रहे हैं ‘रावणराज्य’: शोभा ओझा
उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में 10 आदिवासियों के साथ हुए नरसंहार की घटना बेहद दुःखद और निंदनीय
प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोकना, योगी सरकार का असंवैधानिक और दुर्भावनापूर्ण कदम
खबर नेशन/Khabar Nation
भोपाल. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में भूमाफियाओं और दबंगों द्वारा 10 आदिवासी ग्रामीणों के साथ हुई भीषण नरसंहार की घटना को अत्यंत दुखद और निंदनीय बताते हुए कहा कि इस घटना के पश्चात कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवारों से मिलने जाने से रोकना न केवल असंवैधानिक बल्कि, प्रियंका गांधी की लोकप्रियता से डर कर राजनैतिक हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तरप्रदेश की असंवेदनशील योगी सरकार द्वारा उठाया गया एक दुर्भावनापूर्ण कदम है।
आज जारी अपने बयान में उक्त विचार व्यक्त करते हुए ओझा ने आगे कहा कि कांग्रेस की लोकप्रिय जननेता प्रियंका गांधी द्वारा सोनभद्र की घटना को लेकर जिस तरह से त्वरित प्रतिक्रिया दी गई, यह संवेदनशीलता और भावना उन्हें इंदिरा जी से विरासत में मिली है, जिन्होंने बिहार के बेलची में हुए नरसंहार के बाद, तत्कालीन प्रदेश सरकार द्वारा खड़े किये गये तमाम अवरोधों के बावजूद भी पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी अदम्य इच्छाशक्ति का परिचय दिया था। यही नहीं राहुल गांधी ने भी अपनी इसी भावना का परिचय भट्टा परसौल के भूमि अधिग्रहण मामले और मंदसौर में किसानों के साथ हुए नरसंहार के बाद दिया था।
ओझा ने कहा कि उत्तरप्रदेश में भाजपा की योगी सरकार के द्वारा चलाए जा रहे जंगलराज का इससे बड़ा उदाहरण, कोई दूसरा नहीं हो सकता कि लगभग 32 ट्रैक्टर-ट्राॅलियों में भरकर 200 से अधिक हथियारबंद दबंग सरेआम जाकर अंधाधुंध फायरिंग के द्वारा 10 ग्रामीणों की हत्या और अनेकों को घायल करे दें और पुलिस व प्रशासन को इसकी भनक तक न लगे। साफ है कि उत्तरप्रदेश में जो लोग ‘रामराज्य’ स्थापित करने की बात कहते थे, वे ही आज ‘रावण-राज्य चला रहे हैं।
अपने बयान के अंत में ओझा ने कहा कि प्रियंका गांधी द्वारा केवल 4 लोगों को अपने साथ ले जाने की गुहार के बाद भी बिना किसी ठोस आधार के उनको रोकना और फिर उनकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि केन्द्र की मोदी और उत्तरप्रदेश की योगी सरकार न केवल प्रियंका गांधी की अपार लोकप्रियता से डर गई है, बल्कि यह भी साफ हो गया है कि केन्द्र और उत्तरप्रदेश की दोनों ही सरकारें लोकतंत्र का किस तरह से मखौल उड़ाते हुए आम नागरिकों और विपक्षी दलों के दमन में पूरी तन्मयता से लगी हुई हैं।