उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पाठ्यक्रम से आदि शंकराचार्य और पंडित दीनदयाल उपाध्याय को हटाने पर विश्वास सारंग ने शून्यकाल में उठाया मामला
खबर नेशन/Khabar Nation
नरेला विधायक विश्वास सारंग ने मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अपने पाठ्यक्रम से आदि शंकराचार्य जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के पाठ को हटाने पर आज राज्य विधानसभा में शून्यकाल में उठाते हुए विरोध दर्ज कराया। उन्होंने मामले को शून्यकाल में उठाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने अपने पाठ्यक्रम का कैलेण्डर जारी किया है और उसमें बहुत आपत्तिजनक तरीके से आदि शंकराचार्य जी और पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी का जो पाठ्यक्रम है, उसको हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
सारंग ने कहा कि आदि शंकराचार्य जी ने इस देश की एकता, अखण्डता के लिए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और अटक से लेकर कटक तक इस देश को एक सूत्र में बांधने के लिए काम किया है। वे हिन्दू धर्म के तो पूज्यनीय हैं ही, इस देश की संस्कृति, विरासत को संभालने का काम भी उन्होंने किया था। उसी तरह पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का विचार, उनका एकात्म मानव दर्शन केवल एक पार्टी का दर्शन नहीं है, पूरी दुनिया में आर्थिक विषय में और सामाजिक चेतना के विषय में उन्होंने काम किया। इस तरह से केवल दलगत राजनीति को ऊपर रखते हुए इह पाठ्यक्रम से हटाना, जहां बहुसंख्यक समाज, हिन्दू समाज के विरोध का परिचायक है, उसके साथ-साथ इस देश की संस्कृति को मिटाने का भी कृत्य है। माननीय अध्यक्ष महोदय, इसमें जरूर संज्ञान लेना चाहिए और आसन्दी से इसका निर्देश होना चाहिए।