गाडरवारा अरहर खरीदी फर्जीवाड़े मामले में खरीदी करने वाली फर्मों पर कार्यवाही हो - आम आदमी पार्टी

राजनीति Oct 19, 2020

 


नरसिंहपुर,गोटेगांव खरीदी मामले के आरोपी जेल में तो गाडरवारा के मामले में ढील क्यों ?
अमर नोरिया /खबर नेशन /Khabar Nation

 

नरसिंहपुर- जिले में वर्ष 2017-18 व 2018-19 में नरसिंहपुर व गोटेगांव में हुए चना आदि की खरीदी के मामले में कार्यवाही करते हुए कई कर्मचारियों सहित अधिकारियों को तक जेल भेजा गया है पर न जाने ऐसा क्या है कि गाडरवारा कृषि उपज मंडी में वर्ष 2015-16 में की गई अरहर खरीदी को लेकर हुये भ्रष्टाचार के मामलेेे में अभी तक किसी पर भी कार्यवाही नहीं की गई है करोड़ों रुपये के इस फर्जीवाड़े में कार्यवाही की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम आज कलेक्टर नरसिंहपुर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा ।  मामला जवाहर कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर की गई अरहर खरीदी का था जिसमें तत्कालीन जिला कलेक्टर, नरसिंहपुर ने 2 सदस्यीय  जांच समिति का गठन कर इस मामले इस जांच के आदेश दिये थे तब की  इस जांच समिति में  मुकेश सिंघई,प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम,नरसिंहपुर व जे पी सैयाम अनुविभागीय दंडाधिकारी गाडरवारा को इस मामले का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था जिनके द्वारा इस पूरे अरहर घोटाले की जांच की गई थी । 

गौरतलब है कि जवाहर कृषि उपज मंडी गाडरवारा में 11 जनवरी 2016 से 26फरवरी 2016 तक कृषकों से अरहर खरीदी की गई थी  खरीदी को लेकर इसमें भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायत जनप्रतिनिधियों सहित कृषक संगठनों के द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को की गई थी जिसको लेकर  जांच अधिकारियों ने इस मामले में किसी व्यक्ति को इस संबंध में साक्ष्य,सूचना या अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी  कार्यालय अनुविभागीय दंडाधिकारी गाडरवारा के पास  दिनांक 4 अप्रैल 2016 तक प्रस्तुत किये जाने की बात कही गई थी । 

जवाहर कृषि उपज मंडी गाडरवारा में अरहर खरीदी के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय सरकार की दलहन खरीदी (बफर स्टाक कार्यक्रम खरीफ -2015 ) के तहत म. प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड,अरेरा हिल्स,भोपाल द्वारा के द्वारा भोपाल की ही एक कम्पनी द्वारा गाडरवारा कृषि उपज मंडी में दलहन उपार्जन की खरीदी के लिये  कंपनी के द्वारा आवेदन देने पर प्राथमिकता के आधार पर मंडी अनुज्ञप्ति प्रदान करने  एवं दलहन खरीदी हेतु मंडी स्तर से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। जवाहर कृषि उपज मंडी में अरहर खरीदी का अनुबंध जिस कम्पनी के नाम से हुआ था उसने ही अरहर की खरीदी गाडरवारा तहसील की स्थानीय 2 फर्मों के माध्यम से की थी और की गई शिकायतों पर संबंधित जांच अधिकारियों ने जब जांच की तो उन्होनें अपने जांच प्रतिवेदन में कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र क्रं. 973/प्रवा-1/अ.वि.अ./2016 गाडरवारा दिनांक 14.7.2016 के माध्यय से बताया गया कि जवाहर कृषि उपज मंडी गाडरवारा में की गई अरहर खरीदी की जांच में पाया गया कि कंपनी द्वारा बाहर से क्रय किये गये दलहन की मंडी शुल्क का भुगतान किये जाने के दस्तावेज पेश नहीं किये गये थे व कृषकों के रकबे की जांच के दौरान रकबे से औसत से दो गुने से तीन गुने तक अरहर विक्रय दर्शित पाई गई थी । 

इस पूरे अरहर घोटाले को लेकर जो सबसे बड़ी गड़बड़ी पाई गई थी वह यह थी कि जांच के दौरान एजेंट सहकारी समितियों के रिकार्ड में संधारित कृषक का नाम कृषक के पिता का नाम एवं निवास ग्राम का नाम मिलान करने पर जांच में कृषकों का नाम व निवास स्थान की पुष्टि नहीं हो सकी थी वहीं अरहर खरीदी के अंतगर्त एजेंसी का नियंत्रण एजेंट सहकारी संस्थाओं पर होना नहीं पाया गया तथा किसान से कम दर पर अरहर लेकर दलालों के माध्यम से कृषकों को फर्जी नाम पर क्रय करने में एजेंट सहकारी समिति की भूमिका संदेहास्पद पाई गई और जिस आधार पर इस पूरे प्रकरण की जांच करने वाले अधिकारियों ने अपने जांच प्रतिवेदन मे स्पष्ट दर्शाया कि इसमें गंभीर अनियिमिततायें की जाना जांच के दौरान परिलक्षित हुआ था,अत: इसके बाद जिला प्रशासन ने इस मामले में थाना गाडरवारा में एफआईआर दर्ज किये जाने के निर्देश दिये थे बावजूद इसके लगभग 4 साल बीत जाने के बाद भी किसानों के नाम पर बेची गई हजारों क्विंटल अरहर को जिस तरह से फर्जीवाड़ा कर समर्थन मूल्य की आड़ में बेचा गया उसपर किसी पर भी कार्यवाही नहीं की गई । अरहर खरीदी के इस करोड़ों रुपये के घोटाले में शीघ्र ही कार्यवाही नहीं होती तो आम आदमी पार्टी ने आनेवाले समय मे इस मामले को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है ज्ञापन सौंपने वालों में आप पार्टी जिलाध्यक्ष बाबूलाल पटैल, महिला जिला अध्यक्ष श्रीमती रीना लमानिया,राकेश झारिया,जमील खान,कंछेदी लाल डेहरिया, राधेश्याम पटैल, शैलेन्द्र जाट,रामकुमार शास्त्री,ओम झारिया एवं अन्य लोग उपस्थित रहे ।

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