यूं ही सर्वश्रेष्ठ नहीं हो शिवराज

शख्सियत Jun 11, 2021


गौरव चतुर्वेदी / खबर नेशन / Khabar Nation

भारतीय जनता पार्टी के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में अगर कोई सर्वश्रेष्ठ बनकर उभरा है तो अव्वल नंबर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रहे हैं । सर्वश्रेष्ठ की वजह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की असफल कवायद रहना रहा है।  जहां उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की कवायद में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सीधा सीधा दखल रहा तो मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन की कवायद में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अपरोक्ष समर्थन । दोनों ही जगह पर मोदी-शाह की जोड़ी को मात खाना पड़ी।
मध्यप्रदेश में शिवराज शांत संयत और सहज बने रहे लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ योगी अपने अक्खड़ स्वभाव को लेकर चर्चा का केंद्र बिंदु बन गये ।
मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के भोपाल आगमन के साथ हुई । कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर लगभग एक घंटे एकांत में चर्चामग्न रहे । बाहर निकलकर मीडिया से उन्होंने कह दिया कि राजनैतिक व्यक्तियों के मिलने पर राजनीति पर चर्चा स्वाभाविक है। तब तक मध्यप्रदेश में शिवराज से असंतुष्ट नेताओं के समर्थको ने अपरोक्ष तौर पर पूरे प्रदेश में इस बात को जमकर हवा दी कि शीघ्र ही मध्यप्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन किया जा सकता है  । कैलाश इसके बाद प्रभात झा, वीडी शर्मा, प्रहलाद पटेल से भी मिले।
गौरतलब है कि ये सारे नेता किसी न किसी रूप से शिवराज से असंतुष्ट हैं या इनकी महत्वाकांक्षा है । इस पूरे घटनाक्रम में शिवराज और कैलाश की मुलाकात नहीं हुई जबकि शिवराज भोपाल में ही मौजूद रहे । 
माहौल को पक्ष में जानकर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कैबिनेट में अपने उग्र तेवरों का प्रदर्शन कर गये । नाराज़गी और असंतोष की बहती गंगा में हाथ धोने ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भोपाल दौरे पर अपनी बात संघ और संगठन से कहकर निकल गये । 
इस दौरान शिवराज का शांत रहना फिर एक बार लुभा गया । राजनीति में साम दाम दण्ड भेद जैसे अस्त्रों का उपयोग अमूमन सभी नेता करते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति हमेशा करने के लिए मजबूर रहता है । सफल वही रहता है जो उचित समय पर इनका उपयोग करें । इसका खुलासा तो भविष्य में ही होगा कि शिवराज इस बार किस अस्त्र का उपयोग कर सफल रहे । भविष्य में यह देखना भी उत्सुक भरा रहेगा कि शिवराज अपने से असंतुष्ट नेताओं से किस तरह से पेश आते हैं लेकिन मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम दिलचस्प रहेंगे। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है ।

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