संसद की संचार और सूचना प्रौद्योगिकी स्थाई समिति ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का किया दौरा

वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा इको सिस्टम की तकनीकों की हुई समीक्षा

Khabar Nation

भोपाल

राज्यसभा की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्रबंधन की स्थाई समिति के सभापति निरंजन बीशी और सदस्य गुलाम अली ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों के संरक्षण तथा इको सिस्टम के संरक्षण हेतु अपनाई जाने वाली उन्नत तकनीकों की समीक्षा की। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों एवं जैव-विविधता के संरक्षण हेतु अपनाई जाने वाली तकनीकों पर संतोष व्यक्त किया। स्थाई समिति के दल ने विदेशों में अपनाई जाने वाली तकनीकों का अध्ययन कर उन्हें अपनाने का सुझाव दिया।

अपर पीसीसीएफ श्री कृष्णमूर्ति ने बताया कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 1563 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें कोर एरिया 716 वर्ग किलो मीटर तथा बफर एरिया 820 वर्ग किलो मीटर है। यहाँ 165 बाघ निवास करते है। मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने बताया कि बाघों के संरक्षण के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उपयोग की जाने वाली तकनीकों का अनुसरण अन्य रिजर्व पार्क भी करते है। यहाँ एआई तकनीक, एलर्ट तकनीक, ड्रोन तकनीक, रिमोट सेंसिंग तकनीक, सेटेलाइट कॉलरिंग, पेट्रोलिंग, बघीरा ऐप तथा आग से संरक्षण एवं वन्य जीव-मानव अर्न्तद्वंद्व को बचाने के लिये अन्य तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।

बैठक में आयुक्त शहडोल संभाग सुरभि गुप्ता, उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, संसदीय स्थाई समिति के दल में अधिकारी श्री एस.के. मरवाह, सुश्री कविता भाटिया, श्री संदीप कुमार, श्री विनोद कुमार, श्री सुधीर रेड्डी, श्री राजीव शर्मा, श्री जे.पी. भास्कर, श्री वीरेंद्र कुमार, उप संचालक बीटीआरपी श्री के. वर्मा सहित विभिन्न विभागों के राज्य एवं सम्भाग स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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