बच्चो की परवरिश के लिये माता-पिता की काउंसलिंग आवश्यक- मंत्री चिटनिस
महिला बाल विकास तथा उच्च शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से विकसित करेंगे माड्यूल
भोपाल। महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा हैं कि बच्चों की परवरिश (पेरेन्टिग) के लिये माता-पिता की काउंसलिंग की आवश्यकता हैं। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से मॉडयूल विकसित किये जायेंगे। इस संबंध में चिटनिस तथा उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में बताया गया कि मॉडयूल विकसित करने में स्वास्थ्य विभाग, आनंद विभाग, गायत्री परिवार, गुजरात में संचालित बाल विश्वविद्यालय सहित पेरेन्टिग के क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सेवी संगठनों तथा विषय विशेषज्ञों का सहयोग लिया जायेगा।
बैठक में चिटनिस ने कहा कि परिवार और समाज के बदलते परिवेश तथा प्राथमिकताओं को देखते हुए यह आवश्यक हैं कि बच्चों के प्रति दायित्व के बेहतर निर्वहन के लिये माता-पिता को मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चो के पोषण, मनोविज्ञानिक आवश्यकताओं, सामाजिक व्यवहार, शारीरिक विकास, सुरक्षा तथा अन्य घटकों पर माता-पिता को आवश्यक तथ्य परक जानकारी उपलब्ध कराते हुए इसे व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जायेगा। वातावरण निर्मित करने के लिए कार्यशाला एवं सेमीनार आयोजित किये जाएंगे। चिटनिस ने कहा कि आँगनवाडी स्तर पर गर्भवती महिलाओं तथा बच्चो की जानकारी उपलब्ध रहती हैं। इसलिये आँगनवाड़ी के माध्यम से इस प्रकार की काउंसिलंग की व्यवस्था को समाज में व्यापक विस्तार दिया जा सकता हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री पवैया ने महाविद्यालीन कक्षाओं के आधारभूत पाठ्यक्रम में इन मॉडयूल्स को शामिल करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि माड्यूल विकसित करने में शहरी, ग्रामीण तथा सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश का विशेष ध्यान रखा जाये।
बैठक में प्रमुख सचिव महिला बाल विकास जे.एन. कन्सोटिया, उच्च शिक्षा आयुक्त नीरज मंडलोइ, अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामदेव भारद्धाज, राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. विनय दुबे तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। (खबरनेशन / Khabarnation)