अभा कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय उपाध्याय जी की पत्रकार वार्ता

राजनीति Jan 25, 2023

खबर नेशन / Khabar Nation  
भाजपा राज में देश के संसाधनों को कुछ मुट्ठीभर बीजेपी के मित्र पूँजीपतियों को सौंपाने का षड्यंत्र किया जा रहा है : अजय उपाध्याय
भोपाल:
अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. अजय उपाध्याय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा आज देश को हर स्तर पर कमजोर करने की, संवैधानिक संस्थानों की निष्पक्षता को प्रभावित करने की, धर्म को धर्म से, क्षेत्र को क्षेत्र से और जाति को जाति से लड़वा कर देश के बुनियाद को तोड़ने की साज़िश की जा रही है। देश के संसाधनों को कुछ मुट्ठीभर बीजेपी के मित्र पूँजीपतियों को सौंपाने के षड्यंत्र किए जा रहे है। देश की सारी संपति कुछ लोगों के हाथों में निरंतर संकेन्द्रित होती जा रही है और इस क्रम में गरीब और अमीर के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है, जो बेहद दुःखद, देश के लोगों के लिए चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
विश्व के सबसे युवा देश के युवाओं को भाजपा सरकार निरंतर रोज़गार से वंचित करती जा रही है। बेरोज़गारी के कारण चौतरफ़ा हाहाकार मचा हुआ है। वही दूसरी तरफ़ महंगाई की मार ने प्रत्येक परिवार की कमर तोड़ डाली है। याद कीजिए किसानों की आमदनी को कैसे दोगुनी करने का कोरा झाँसा दिया गया था, पर हुआ क्या? किसानों की आर्थिक हालत दिन-ब-दिन दयनीय होती जा रही है और आज आय के नाम पर प्रतिदिन मात्र 27 रू की कमाई रह गई है। समाज का हर वर्ग-चाहे पिछड़े वर्ग की बात हो, दलित-आदिवासी वर्गों के उत्थान की बात हो या फिर सामान्य ग़रीबों की प्रगति की बात हो; आज सब के सब एक लाइन से ठगा महसूस कर रहें है। उनके तरक्की के पर्याप्त अवसर की बात तो कोसों दूर, उन्हें जीवन की बुनियादी चीजों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। हाँ, ऐसा भी नहीं कि सरकार ने विगत 9 वर्षों में कुछ ना किया हो। कुछ तो किया है जैसे-अपने ख़ास पूँजीपति मित्रों के लिए अनेक अवसर सृजित किए है। तभी उनकी दौलत कोरोना काल में भी बेशुमार बढ़ी है। इसके अलावा मोदी सरकार ने एक और काम बखूबी किया है। अपनी सभी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए व्यवस्थित ढंग से हमारे प्यारे वतन को नफ़रत, हिंसा और निराशा के दलदल में धकेला है।
भाजपा के इसी पाखंड से देशवासियों को अवगत कराने और महात्मा गांधीजी के सत्य-अहिंसा के विचारों को जन-जन तक ले जाने के लिए हमारे नेता राहुल गाँधी जी कन्याकुमारी से कश्मीर तक सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकले है और भाजपाई सत्ता के नफ़रती एजेंडे को ख़त्म कर प्रेम, अहिंसा, सद्भाव और सकारात्मकता के दीपक को जलाने का सार्थक प्रयास कर रहें हैं। ताकि निराशा से डूबते भारत को फिर से एकता के सूत्र में पिरोकर लोगों में आत्मविश्वास का संचार किया जा सके, मोहब्बत का पैग़ाम घर-घर में फिर से फैलाया जा सके। जैसा कि आप सभी को पता है, राहुल गांधी जी के संग भारत जोड़ो यात्रा में लाखों लोग पैदल चल रहे हैं। कन्याकुमारी से शुरू हुई यह पदयात्रा अब जम्मू पहुंच गई है और 3,900 किलोमीटर लम्बी यात्रा का आज 131 वां दिन पूरा हुआ है।
‘‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान :-’’
अब कांग्रेस पार्टी इस ‘भारत जोड़ो’ अभियान को और अधिक व्यापकता प्रदान करने के लिए समूचे देश में 26 जनवरी से 26 मार्च तक एक जनसंवाद कार्यक्रम जो पूर्णतः राजनीतिक कार्यक्रम है- ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ चलाएगी। इसका नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां करेंगी। इस अभियान के तहत भारत के 6 लाख गाँवों, 2.50 लाख ग्राम पंचायतों और 10 लाख मतदान बूथों तक पहुँचकर राहुल गाँधी जी का संदेश और मोदी सरकार की नाकामियों की चार्जशीट हर घर तक पहुँचाई जाएगी। ‘‘हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा’’ भारत जोड़ो यात्रा की अगली कड़ी है, पर दोनों में एक मौलिक भिन्नता है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जहां विशुद्ध रूप से एक वैचारिक ग़ैर-राजनीतिक यात्रा है। इसमें आम जन सामान्य की सक्रिय भूमिका व सहभागिता है। वही ‘हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा’ पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा चलाया जानेवाला एक राजनीतिक अभियान है। इस कार्यक्रम के द्वारा भाजपा के जन विरोधी नीतियों को कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के द्वारा आगामी दो महीनों में प्रत्येक गाँव के प्रत्येक घर तक ले जाया जाएगा।
आइये जानते हैं ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ क्यों ज़रूरी है :-  
1. ‘‘महंगाई के मकड़जाल को तोड़ो - हाथ से हाथ जोड़ो।’’

मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, महंगाई से देश के नागरिकों की कमर टूटती जा रही है। 2014 में जो गैस का सिलेंडर 410 रु. का था, आज वह 1,050 रु. के पार है। पेट्रोल के दाम 70 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 100 रु. प्रति लीटर के पार हो गए हैं। जबकि डीज़ल के दाम 55 रु. प्रति लीटर से बढ़कर 90 रु. प्रति लीटर के क़रीब पहुंच गए हैं। खाने के तेल और दाल की कीमत 70 रु. और 60 रु. प्रति किलो थी, वह आज 200 रु. प्रति किलो को पार कर गई है। खाने का तेल, पकाने का तेल या चलने का तेल आसमान छू रहें है। इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उन पर भी 5 फ़ीसदी जीएसटी लगा दिया गया। होटल के 1,000 रु. के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी! जीने के लिए सभी आवश्यक चीज़ों पर जीएसटी लगाकर चैन नहीं मिला तो श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमतें लगातार घट रही हैं मगर मोदी सरकार पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें कम नहीं कर रही है। बीते 8 सालों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कर लगाकर 29 लाख करोड़ रुपए जनता की जेब से निकाले गए हैं।  
2. ‘‘सिर्फ़ मित्रों को बार- २ मौक़ा-देश को असमानता व कर्ज़ की आग में झोंका।’’
हाल ही में आई ‘आक्सफ़ैम’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 5 प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा संपत्ति है और नीचे के 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की मात्र 3 प्रतिशत संपत्ति। विडंबना यह है कि नीचे के इन 50 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी 64 प्रतिशत है और ऊपर के 10 प्रतिशत लोगों की जीएसटी में हिस्सेदारी केवल 3 प्रतिशत है जबकि उनके पास देश की 70-80 प्रतिशत संपत्ति है, ‘आक्सफ़ैम’ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की विभीषिका में भी देश के 100 बड़े पूंजीपतियों ने 13 लाख करोड़ रुपए कमाए पर 12 करोड़ मेहनतकश लोगों ने अपना रोज़गार खो दिया। मोदी जी के कई मित्रों की आय तो 1,000 करोड़ प्रतिदिन बढ़ रही है।  
महामारी की विभीषिका में 84 करोड़ लोगों की आमदनी घट गई लेकिन सरकार की मेहरबानी धन्नासेठों पर रही। उनका 10 लाख करोड़ रु. से अधिक का बैंक कर्ज़ बट्टे खाते में डाल दिया गया। मोदी सरकार की सरपरस्ती में 5,35,000 करोड़ रु. के बैंक फ्रॉड हुए और नियोजित रूप से विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ऋषि अग्रवाल और संदेसरा बंधु जैसे कई लोगों को देश से भगा दिया गया। आज़ादी के बाद से मई 2014 तक देश पर कुल कर्ज़ 55 लाख करोड़ रुपए था जो मोदी सरकार के बीते आठ साल के कार्यकाल में बढ़कर 155 लाख करोड़ रुपए हो गया है। हाल में आई ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट’ ने बताया कि भारत में भुखमरी के हालात ये हैं कि हम पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ गए हैं । 116 देशों की सूची में हमारा देश 101 वें पायदान पर लुढ़क गया है।  
3. ‘‘किसानों की घटती आमदनी का रुख़ मोड़ो - हाथ से हाथ जोड़ो।’’
हाल ही में छैव् की रिपोर्ट में ख़ुलासा हुआ कि देश में किसानों की औसत आमदनी मात्र 27 रू. प्रतिदिन रह गई है, जो मनरेगा मज़दूरी से भी कम है। वादे आय दोगुनी करनी के और असलियत में किसान की आय दसियों गुना कम कर दी गई।छैव् की रिपोर्ट में यह भी चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि देश के हर किसान पर औसत 74,000 रू का कर्ज़ है। एक तरफ़ सरकार किसानों का कर्ज़ माफ़ करने से इंकार करती है, दूसरी तरफ़ पार्लियामेंट्री कमेटी ने यह खुलासा किया है कि 2020-21 में मोदी सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कमी करके देश को 1,84,000 करोड़ रु. का नुकसान पहुँचाया है। यह परिस्थितियाँ इसलिए निर्मित हुईं क्योंकि मोदी सरकार ने बीते 8 सालों में डीज़ल व खाद के दाम बढ़ाकर और कृषि यंत्रों, खाद व कीटनाशक पर जीएसटी लगाकर खेती की लागत 25,000 रु. हेक्टेयर बढ़ा दी।  
4. ‘‘आत्महत्या के दंश से नाता तोड़ो-हाथ से हाथ जोड़ो।”
बीते साढ़े 8 वर्षों में भारत के नागरिकों के मनोबल को तोड़ा गया है। उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। हाल ही में आई केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में कुल 1,64,033 लोगों ने आत्महत्याएं कीं, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा रोज़ कमाकर आजीविका चलाने वालों का है, जो 42,004 है। उनके अलावा 23,179 गृहिणियाँ, 13,714 बेरोज़गार, 13,089 छात्र और 10,881 किसान भी आत्महत्या को मजबूर हुए हैं।  
5. ‘‘चीनी घुसपैठ की बाँह मरोड़ो - हाथ से हाथ जोड़ो।’’
भारत की अक्षुण्णता और भूभागीय अखंडता को भी तोड़ा जा रहा है। चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत की सीमा में न सिर्फ़ 2,000 किलोमीटर घुसा हुआ है, बल्कि स्थाई सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ पूरी रिहाइशी कॉलोनी भी बना रहा है और सत्ताधीश आँख मूंदकर बैठे हुए हैं। इतना ही नहीं, सरहदों के साथ-साथ चीन को व्यापार की हदें भी पार करा दी गई हैं। आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक 118.5 बिलियन डॉलर का आयात कर भारत के डैडम् सेक्टर को तबाह किया जा रहा है और चीन से हमारा व्यापार घाटा पहली बार 100 बिलियन डालर पार कर गया है।
6. ‘‘साम्प्रदायिक विद्वेष से नाता तोड़ो - हाथ से हाथ जोड़ो।’’
मोदी सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालकर सत्ता हासिल करने के लिए देश को जाति, धर्म, भाषा, प्रांत, पहनावे और खान-पान के आधार पर बांट रही है। हम समूचे देश से आग्रह करते हैं कि अपने गौरवशाली अतीत को स्वर्णिम भविष्य में बदलने के लिए हम सब कदम से कदम मिलाकर भारत को जोड़ने का संकल्प लें और ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। आज बेरोज़गारी के आलम में डूबे हर युवा का हाथ काम चाहता है, आज मेहनतकश किसान अपने हाथों में फसलों के सही दाम चाहता है, आज हर गृहिणी का हाथ महंगाई से निजात चाहता है। आज भाजपा की सत्ता की भूख ने देश को साम्प्रदायिक उन्माद की आग में झोंक दिया है। देश में निर्मित इस माहौल में आज हर धर्म-सम्प्रदाय एक दूसरे का साथ और हाथ में हाथ चाहता है। देश की इसी दिशा और दशा को बदलने के लिए हम हाथ बढ़ाएंगे, राहुल गांधी जी का संदेश हर घर तक पहुंचाएंगे। भारत को जोड़ा है, अब हर हाथ से हाथ को जोड़ते जाएंगे।

 

लिखें और कमाएं        
मध्यप्रदेश के पत्रकारों को खुला आमंत्रण आपके बेबाक और निष्पक्ष समाचार जितने पढ़ें जाएंगे उतना ही आपको भुगतान किया जाएगा 1,500 से 10,000 रुपए तक हर माह कमा सकते हैं अगर आप इस आत्मनिर्भर योजना के साथ जुड़ना चाहते हैं तो संपर्क करें:
गौरव चतुर्वेदी
खबर नेशन
9009155999

 

 

 

 

Share:


Related Articles


Leave a Comment