शिक्षक दिवस पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित होगी श्रीमती सरोज प्रजापति
राघवेन्द्र सिंह , सागर / खबर नेशन / Khabar Nation
विद्यालयीन स्तर पर बच्चों की शिक्षा एक महत्वपूर्ण सरोकार है जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास के साथ में लचीले एवं रचनात्मक तरीके से नवीन परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करना है और स्वयं के साथ समाज के प्रति संवेदनशीलता को विकसित कराना भी आवश्यक है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक सिर्फ शिक्षार्थी को ज्ञान प्रदान नहीं करता अपितु उनके संज्ञानात्मक कौशलों के साथ व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर प्रभावी ढ़ग से संवाद के कौशलों को भी प्रदान करता है।
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित हो रही श्रीमति सरोज प्रजापति ने जो सागर ब्लॉक के शास. मा. शाला घाटमपुर में पदस्थ है। इनके द्वारा विद्यालय के वातावरण व विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर एवं सामाजिक गुणों के उत्थान हेतु विगत कुछ वर्षो में अभिनव प्रयोग किये गए जो कम लागत से तैयार और आनंददायक हैं जिनसे बच्चे आत्मानुशासन एवं आकषर्ण के साथ सीखने के लिए तैयार रहते हैं यूट्यूब चैनल डिजिटल घाटमपुर पर शिक्षण सामग्री एवं विद्यालयीन गतिविधियां उपलब्ध कराई जा रही हैं एवं वाट्सएप पर प्रतिदिन अध्ययन अध्यापन कार्य जारी है, शैक्षिक भ्रमण कराकर भूगोल, इतिहास, विज्ञान, पर्यावरण जैसे विषय को अध्ययन कराया जा रहा हैं, सामूहिक चार्ट अध्ययन, मॉडल का TLM के रूप में प्रयोग , ICT का प्रयोग कर शैक्षणिक गुणवत्ता पर कार्य, विभिन्न क्षेत्र की जानकारी से अवगत कराने के लिए उद्यमियों जैसे डॉक्टर, बैंक मैनेजर, पुलिस अधिकारी, शिक्षाविद आदि को आमंत्रित कर बच्चो को मार्गदर्शन दिया जा रहा हैं, प्रतिदिन प्रार्थना सभा आयोजन, योग अभ्यास आदि कराया जाता है। श्रीमति प्रजापति ने विद्यार्थियों में स्वतन्त्र सोच का विकास करने के लिए विद्यालय स्तर पर बच्चों द्वारा हस्तलिखित पत्रिका ‘बाल-मनोविचार’ का प्रकाशन किया गया जिसमें बच्चों में छिपी बाल-प्रतिभाओं एवं अपार रचनात्मक क्षमताओं को निखाने का प्रयास किया गया।
इनके द्वारा विद्यालय में नामांकन बडाने हेतु प्रवेशोत्सव के द्वारा पम्पलेट वितरण आदि कार्य किये गये है और लम्बे समय से छात्र-छात्रायें कक्षा संचालन के समय लगभग 95% विद्यार्थी उपस्थित रहे है। इसके पीछे का कारण लगातार प्रतिमाह विद्यार्थी-गृह सम्पर्क कार्यक्रम रहा है। इसके साथ ही पालक शिक्षक मीटिंग में महिला पालकों की उपस्थिति भी बडी है। इनके प्रयासों से विद्यालय में सभी प्रकार की पाठ्य सहगामी गतिविधायों का आयोजन कराया जाता रहा है। इनके प्रयासों एवं जनसहयोग के माध्यम से शाला हेतु खेल मैदान का समतलीकरण एवं वाऊड्रीवाल का निर्माण कार्य करवाया गया है।
विगत वर्षो में अनेकों प्रयासों एवं सफलताओं के साथ इन्होनें शासन एवं प्रशासन के द्वारा आदेशित सभी योजनाओं का पालन पूर्ण मनोयोग से पालन किया गया है जिसके फलस्वरूप इनके लिए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित होने का अवसर प्राप्त होने जा रहा है।