आनंद शर्मा के प्रति मुख्यमंत्री के इस प्रेम से आयएएस लॉबी से लेकर नेता तक अचंभित

 

सामान समेटने के साथ ही इंदौर में बसने का मूड बना चुके थे उज्जैन कमिश्नर 

कीर्ति राणा। खबर नेशन/ Khabar Nation
 कहां तो अप्रैल में रिटायर होने वाले उज्जैन कमिश्नर आनंद शर्मा इंदौर में सेटल होने का मन बना चुके थे लेकिन यकायक जारी हुए सेक्रेटरी सीएम के आदेश से न सिर्फ वे बल्कि आयएएस लॉबी से लेकर मालवा-निमाड़ के नेता भी अचंभित हैं।अगले सप्ताह रिक्त होने वाले कमिश्नर उज्जैन के पद के लिए अब वरिष्ठ आयएएस मुकेश शुक्ला और अलका श्रीवास्तव के नाम चल रहे हैं। नाम तो रेणु तिवारी का भी चल रहा था लेकिन आनंद शर्मा के साथ जिन चार आयएएस की पदस्थापना के आदेश जारी हुए उनमें रेणु तिवारी का भी नाम था। 
विभिन्न जिलों में कलेक्टर और वल्लभ भवन में विभिन्न विभागों के प्रमुंख रहे आनंद शर्मा 30 अप्रैल को कमिश्नर पद से रिटायर होने वाले थे। इसी के तहत उन्होंने सामान समेटना भी शुरु कर दिया था कि अचानक यह नया आदेश जारी हो गया। आनंद शर्मा अगले सप्ताह  सेक्रेटरी सीएम का पदभार ग्रहण कर लेंगे। सीएम हाउस से जुड़े सूत्रों की माने तो  इस पद पर जा रहे शर्मा का 30 अप्रैल के बाद नया आदेश मुख्यमंत्री के ओएसडी (विशेष कर्त्व्स्थ अधिकारी) का जारी हो जाएगा। 
यह भी संयोग है कि सीएम के ओएसडी के रूप में ग्वालियर कमिश्नर पद से रिटायर हुए बीएम शर्मा पदस्थ किए गए थे। इसी दौरान राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की घोषणा होने पर उन्होंने ओएसडी पद से तत्काल इस्तीफा दे दिया था ताकि इस राजनीतिक नियुक्ति को लेकर सरकार को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। माना तो यह जा रहा था कि चुनाव परिणाम के बाद पुन: बीएम शर्मा को ओएसडी पदस्थ कर दिया जाएगा लेकिन इस बीच वे ग्वालियर में सेटल हो गए, उन्होंने  अनिच्छा जाहिर कर दी। 
अब इस पद के लिए वो नहीं तो दूसरे शर्मा के आदेश हुए हैं।संयोग यह भी है कि बीएम शर्मा की तरह आनंद शर्मा भी विदिशा में कलेक्टर रहे हैं।ग्वालियर कमिश्नर रहे एमडी ओझा के रिटायरमेंट के बाद सरकार उन्हें ओएसडी बनाना चाहती थी महेश चंद्र चौधरी की तरह उन्होंने इंकार कर दिया। यह भी कि ओएसडी पद पर नियुक्त किए जाने वाले रिटायर आयएएस ब्राह्मण वर्ग से ही रहेंगे।ओझा कमिश्नर उज्जैन भी रहे हैं। 
महाकाल मंदिर के विकास कार्यों पर भी नजर रहेगी सीएम के सेक्रेटरी की 
संभागायुक्त आनंद शर्मा को सेक्रेटरी सीएम बनाए जाने के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होने वाले 
महाकाल मंदिर के विकास संबंधी कार्यों पर भी आनंद शर्मा की नजर रहेगी, क्योंकि इसका जो सारा प्रोजेक्ट कलेक्टर आशीष सिंह ने तैयार किया और सीएम की मंगलवार को सम्पन्न हुई यात्रा के दौरान जो प्रेजेंटेशन दिया, उस प्रोजेक्ट को एप्रुवल कमिश्नर कार्यालय से दी जाकर भोपाल भेजा गया था। 
शिवराज ने और दो सौ करोड़ अधिक मंजूर किए
कमलनाथ ने 300 करोड़ की स्वीकृति दी थी 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज (मंगलवार) की यात्रा में महाकाल मंदिर क्षेत्र विकास के लिए 500 करोड़ की घोषणा की है। इससे पहले प्रदेश में रही पंद्रह महीने की कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल मंदिर क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए 300 करोड़ रु की मंजूरी दी थी।

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