एडुजीलाइफ करेगा योग में साधनारत तपस्वी और कर्मठ "योगिनियों" का सम्मान


खबर नेशन/Khabar Nation

नई दिल्ली के त्रिमूर्ति भवन में 11 दिसम्बर को होगा आयोजन

भोपाल। बेटियों के उन्नत जीवन के लिए प्रयत्नशील देश की जानीमानी संस्था एडुजीलाईफ संपूर्ण देश में योग में साधनारत तपस्वी और कर्मठ योगिनी बहनों को उनके अतुलनीय योगदान के लिए योगिनी पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया। एडुजीलाईफ संस्था की संस्थापक एवं विक्की योगा काउंसिल की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा आरएच लता ने आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 11 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में लगभग 60 से ज्यादा "योगिनियों" को सम्मानित किया जायेगा। डॉ लता ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ यह है कि जिससे यह स्वस्थ और निरोगी जीवन की धारा लोगों के बीच प्रवाहित होती रहे। डॉ लता 1996 से भोपाल में सक्रिय रहकर योग पर कार्य कर रही हैं। इसके साथ अब वह राष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह सक्रिय हैं। डा आरएच लता ने कहा कि आजादी के 75 वें वर्ष पर पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। महोत्सव देश की आजादी के बाद की प्रगति, समृद्धि और विकास की गति को और भी बढ़ाने के वैश्विक प्रयास के लिए। जहां विकास की सहस्त्र योजनाओं को एक साथ लागू कर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेकों क्षेत्रों में अनेक संभावनाओं को खोल दिया है, वही मनुष्य की क्षमता और सामर्थ्य के लिए भी एक खुली चुनौती दी है। डॉ लता ने कहा कि आज समय तेजी से बदल रहे वातावरण में अपने मनुष्यत: को बचाते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। ऐसे प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में महिलाएं अछूती कैसे रह सकती हैं। आधी आबादी के साथ अपने कर्तव्यों सहित उन्हें भी जीवित रहना है। इसीलिए आज महिलाएं हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। ऐसे में उनका शारीरिक और मानसिक संतुलन  बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बदलते सामाजिक परिवेश के बीच आज महिलाएं पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वाकांक्षी और जागरूक हो गई हैं वो चाहे बात उनके भविष्य की हो या फिर किसी कार्यक्षेत्र की। आज महिलाओं की भूमिका उनकी पारंपरिक घरेलू महिलाओं  मां और बेटी की भूमिका से बिल्कुल अलग हो चुकी है। आज महिलाएं घर की चार दीवारी से निकलकर सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक जगत में किये जा रहे फैसलों में बराबर की भूमिका अदा कर रही हैं।

महिलाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने योग महत्वपूर्ण :

डॉ लता ने कहा कि महिलाओं को अपनी सभी भूमिकाओं का ठीक तरीके से निर्वहन करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे, मानसिक तौर पर शांति हो और संतुलित जीवन हो। लेकिन ये कैसे संभव हो।  जाहिर है कि ये सब योग के चमत्कार से ही पूरा हो सकता है। जो लोग योग के विषयों में पूरा जानते हैं और नियमित तौर पर योग करते हैं वो जरूर इसके लाभ से परिचित होंगे। प्रकृति के लिहाज से कई मायनों में महिलाओं की भूमिका आज पुरूषों से भी ज्यादा बढ़कर है। पुरुष जहां आज भी बाहरी भूमिका में ही रहता है, वही महिलाएं घर और बाहर दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभा रही हैं।

महिलाओं के लिए योग अति महत्वपूर्ण :

एडुजीलाईफ संस्था की संस्थापक एवं विक्की योगा काउंसिल की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा आरएच लता ने कहा कि महिलाओं के लिए योग के महत्व की बात करें तो किशोरावस्था से लेकर मातृत्व, मोनोपोज वाली उम्र से लेकर बुढ़ापे तक महिलाएं कई दौर से गुजरती है, जिसमें योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। महिलाओं में शारीरिक बदलाव आने के बाद उसकी मानसिक परेशानी बढ़ सकती है और जीवन में असंतुलन आ सकता है। ऐसे में महिलाओं के जीवन के हर फेज में उनके लिए नियमति तौर पर योग से जहां शारीरिक तौर पर संतुलित बनाए रखता है तो वहीं इससे मानसिक तौर पर शांति भी मिलती है।

सरकार भी दे रही योग पर ध्यान :

डॉ लता ने कहा कि नियमित तौर पर योगासन, प्रणायम ना सिर्फ महिलाओं के स्वास्थ्य को ठीक रखता है बल्कि मानिसिक परिवर्तन और शारीरिक असंतुलन जैसी आनेवाली समस्याओं से निपटने में भी बेहद कारगर है। लक्ष्य निर्धारण, मन पर नियंत्रण, धैर्य संयम, आत्मविश्वास और शारीरिक सुदृढ़ता जैसे गुणों की खान है योग। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समस्त देशवासियों के शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए योग को न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनाने पर जोर दिया और यूएन में इसकी महत्ता को स्थापित किया। वहीं मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से हाल ही में प्रदेश में योग आयोग बनाने की भी घोषणा की है।

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