और मध्यप्रदेश में मेनका बनी ऐश्वर्या

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मेनका बनी मध्यप्रदेश की ऐश्वर्या

मध्यप्रदेश के एक खूबसूरत और दमदार मंत्री को ऐश्वर्या की पदवी दी गई है । ज्ञानवान मंत्री संसदीय नियमों के भी ज्ञाता हैं । जिसका वे समय समय पर अहसास कराते हुए कांग्रेस को तगड़ा झटका दे चुके हैं । बुरा हो पशुओं से प्रेम जताने वाली भाजपा सांसद मेनका गांधी का जिनका इन दिनों एक डॉक्टर को फटकार लगाने का आडियो वायरल हो गया और वे आम जनता की नजर में अपनी छवि खराब कर बैठी । भाजपा के ही एक पूर्व मंत्री ने मेनका को घटिया औरत तक कह डाला । इस विवाद को पनपते देखते  मध्यप्रदेश के ऐश्वर्या विरोधियों ने उनका एक ऑडियो क्लीपिंग वायरल कर दिया । मार्केट में वायरल ऑडियो लंबे समय से मजाक मस्ती का साधन बना है । इसे अब क्यों हवा दी जा रही है यह राजनीतिक लड़ाई का संकेत दे रहा है ।मीडिया और मंत्री आपस में एक दूसरे को जबरदस्त प्रेम करते हैं सो मामला दबा हुआ है । ऑडियो में मंत्री जी अपने एक समर्थक को पिस्टल लायसेंस के लिए जबरदस्त तरीके से गरिया रहे हैं । इस वार्तालाप के मजेदार बनने की वजह मंत्री जी का भोपाली लहजे में गाली देना रहा है।

इकबाल भी परेशान शिवराज भी परेशान

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की परेशानी बढ़ा दी है । प्रधानमंत्री ने मन की बात में बैतूल के एक नागरिक से बात कर ली । जिसने कोविड वैक्सीनेशन को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों से संबंधित विरोधी टिप्पणी कर दी । कोई और कलेक्टर होता तो अभी तक इकबाल और शिवराज काला पानी की सजा सुना देते लेकिन न इकबाल कुछ कर पा रहे हैं और न ही शिवराज । वजह बैतूल कलेक्टर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के पुत्र हैं और इकबाल तो बरसों से शिवराज का इकबाल बुलंद किए हुए हैं । सो शिवराज भी कोई कदम नहीं उठा पा रहे। कलेक्टर बनने की राह तक रहे कई आय ए एस अधिकारी और इकबाल सिंह बैंस से असंतुष्ट अधिकारी शिवराज के कदम की और देख रहे हैं ।

ईमानदार प्रमुख सचिव , भोले मंत्री के बीच तकरार का षडयंत्र

मध्यप्रदेश की ईमानदार आय ए एस अधिकारी प्रमुख सचिव दीपाली रेस्तोगी और विभाग के भोले मंत्री जगदीश देवड़ा के बीच आबकारी विभाग के कुछ अधिकारी विष बोने का प्रयास कर रहे हैं । गौरतलब है कि कुछ अधिकारी मनचाही मतलब मलाईदार पोस्टिंग चाहते हैं । आबकारी विभाग के कई प्रमुख निर्णय मुख्यमंत्री की इच्छा शक्ति पर टिके रहते हैं। अब न मंत्री कुछ कर सकते हैं और न विभागीय प्रमुख सचिव पर पी एस का अनुमोदन आवश्यक है। बस इसी की आड़ में आबकारी के अधिकारी षड़यंत्र करने में जुटे रहते हैं।

मध्यप्रदेश में कलेक्टर का एक्सटार्शन

छरहरा बदन पर बड़ा पेट रखने वाले मध्यप्रदेश के एक कलेक्टर अपने जिले में एक्सटार्शन वसूली के लिए चर्चित हो उठे हैं । कलेक्टर की डिमांड सुनकर काम कराने वाला चारों खाने चित्त हो जाता है । एक बड़े आदमी की दो फाईलों पर कुंडली मारकर बैठे कलेक्टर साहब का भाव सुनकर बड़ा आदमी कह उठा कि दस प्रतिशत राशि में तो इनका ट्रांसफर करा दूंगा । मामला करोंड़ों का है और दो डिजिट का है । अब देखना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चहेता अफसर जीतता है या बड़ा आदमी ।

मेहमान कमलनाथ के मेजबानी कर बैठे भाजपा विधायक

नेमावर कांड को लेकर सरकार को घेरने कमलनाथ लाव लश्कर के साथ पहुंचे । कार्यक्रम सफल बनाने भोपाल से पत्रकारों को भी ले गए । कांग्रेस से कहां चूक हुई समझने वाला विषय । कार्यक्रम समाप्ति तक सारे पत्रकार कव्हरेज में जुटे रहे । इसी दौरान एक पत्रकार के पेट में चूहे कूद पड़े कांग्रेस के मैनेजरों की अव्यवस्था या फिर सौजन्यता वश उस पत्रकार ने क्षेत्रीय विधायक आशीष शर्मा को फोन लगाकर मुलाकात कर ली। विधायक ने मौके की नज़ाकत भांपते महफ़िल लूट ली । सारे पत्रकारों को आमंत्रित कर लिया जमकर आवभगत की । कमलनाथ को मीडिया कवरेज मिला पर वैसा नहीं जैसा उन्हें मिलना चाहिए था।

विंध्य का सत्ता संग्राम

मध्यप्रदेश का विंध्य क्षेत्र अलग ही राजनीतिक अंदाज वाला है । विवादों से दूर रहने वाले अब दो सौम्य ब्राह्मण राजनेता आमने-सामने आ गए हैं । एक पूर्ववर्ती सरकार में ताकतवर हैसियत रखते थे तो दूसरे वर्तमान सरकार में ताकतवर हैसियत पर काबिज हो गये हैं । मजेदार बात यह है कि दोनों ही किसी गलत काम को करने का नहीं कह रहे बस दो ठेकेदार आमने-सामने आ गए हैं । देखना है सरकारी रीति नीति में कौन भारी पड़ता है ।

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