आतंकवाद बनाम विकास में जीत भारत की हुई : गहरवार
Khabarnation
"धारा 370 से जम्मू और कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान अलग कर भारतीय संविधान उसकी पूर्णता में लागू करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिना जाएगा। यह न केवल प्रधानमंत्री मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की राजनीतिक इच्छाशक्ति दर्शाता है बल्कि देश को एक सूत्र में पिरोने के वचन को अभूतपूर्व रूप से स्थापित करता है। एक ओर जहां जम्मू और कश्मीर लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से ग्रस्त रहा, वहीं दूसरी ओर धारा 370 वहां के आम जनजीवन की प्रगति में बाधक बनती रही। राज्य के विशेष दर्जे के कारण हमेशा वहां के प्रांतीय दलों ने सम्पूर्ण भारत से कश्मीर को विभाजित रखा और केंद्र सरकार को ब्लैकमेल किया। तुष्टिकरण की राजनीति ने आज तक सभी दलों को इस मसले पर कमज़ोर बना कर रखा, जिसका खामियाज़ा पूरा देश आंतरिक सुरक्षा और आर्थिक रूप से झेलता रहा। विशेष दर्जे की लम्बी अवधि विशेष समस्याओं को जन्म देती है।
जम्मू और कश्मीर, और लद्धाख को केंद्रशासित प्रदेश बना कर मोदी सरकार ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। इस फैसले से भविष्य में दो काम प्रभावी रूप से ज़मीन पर दिखेंगे। पहला, कश्मीर के प्रांतीय और अलगाववादी नेताओं का ब्लैकमेलिंग पावर खत्म होगा। दूसरा, जब ब्लैकमेलिंग पावर खत्म होगा तो पाकिस्तान की तरफ से अलगाववादियों की फंडिंग कम होगी, क्यों कि उनके पास कश्मीर की राजनीतिक स्थिति को बिगाड़ने की शक्ति नहीं रहेगी।
पाकितान भारत में कश्मीर के आंतरिक मामलों में इस्लामिक आतंकवाद और अलगाववाद के माध्यम से दशकों से दखल देता आया है। कश्मीर की सुरक्षा की स्थित बिगाड़ने में इसकी प्रथम भूमिका रही है। अब जब राज्य की सारी कानून और सुरक्षा व्यवस्था सीधा केंद्र सरकार के हाथ मे रहेगी तो पत्थरबाज़ों से निपटना और भड़काऊ भारत विरोधी प्रदर्शनों पर लगाम लगाना अधिक आसान होगा। हो सकता है कि सड़क पर उपद्रव कुछ लंबे समय तक चलें, लेकिन कुछ सालों में स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में आ जायेगी। दवा जितनी कड़वी है, इलाज भी उतने ही लंबे समय के लिए हो रहा है।
स्थिति नियंत्रण में आने का कारण सिर्फ नई कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था नहीं, बल्कि भविष्य में आम कश्मीरी लोगों को भारत सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से मिलने वाला लाभ भी होगा, जिससे धारा 370 की वजह से अभी तक सभी कश्मीरी वंचित थे। जम्मू और कश्मीर में सरकारी भ्रष्टाचार पर जवाबदेही तय होना इसकी एक और विशिष्टता होगी।
दो केंद्रशासित राज्यों में विभाजन से सबसे खुश लद्दाखी लोग हैं। दशकों से लद्दाखी लोग लद्दाख को केंद्रशासित राज्य बनाने के लिए आवाज़ उठाते रहे जो अब जा कर सफल हुई। लद्दाख अपने आप में एक विशिष्ट सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान रखता है जो कि पूरे जम्मू और कश्मीर से भिन्न है। लद्दाख के विकास के लिए अब केंद्र से उसे सीधा और पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही साथ कश्मीर घाटी की राजनीति की चलते उन्हें आजतक जो तिरस्कार और अपमान झेलना पड़ रहा था, उससे मुक्ति मिलेगी। अब लद्दाख के लोग सिर ऊंचा उठा कर बिना किसी से विनती किये अपने अधिकार ले सकते हैं। लद्दाख में सोलर पावर से ले कर विंड पावर तक की असीम संभावनाएं है। सही दिशा में विकास होने पर संभव है कि लद्दाख आने वाले समय में अक्षय ऊर्जा का केंद्रबिंदु बन जाये। एक बार फिर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जी को देश हित में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय पर बधाई। उनके नेतृत्व में भारत नित नई ऊंचाइयों पर पहुँच रहा है। निर्णायक जनादेश पर निर्णायक कदम उठाने का यह दुर्लभ अवसर इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।"
सुरेन्द्र सिंह गहरवार
पूर्व विधायक- चित्रकूट
जिला- सतना, मध्य प्रदेश
9425810341