अनर्गल बयानबाजी से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश न करें सरकार के मंत्री : सिसोदिया

एक विचार Oct 13, 2019

 

खबर नेशन / Khabar Nation

भोपाल। प्रदेश में अराजकता का माहौल है। भ्रष्टाचार चरम पर है और दूर-दूर तक विकास नजर नहीं आता। बिजली और खराब सड़कों से प्रदेश की जनता परेशान है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है और इस असफलता को छिपाने के लिए कांग्रेस सरकार के मंत्री और नेता  अनर्गल बयानबाजी कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजपाल सिंह सिसोदिया ने प्रदेश सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के बारे में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने 10 माह हो गए, इस दौरान प्रदेश सरकार ने एक किलोमीटर सड़क का निर्माण नहीं किया है। प्रदेश में 2003 के पूर्व कांग्रेस ने अपने 10 वर्षों के शासन में सिर्फ 44 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया था। उसमें भी यह पता नहीं चलता था कि कहां सड़क है और कहां पर गड्ढा है। 2004 में सत्ता में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार ने डेढ़ लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया था। केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में ऐसे काम हुए हैं, जो कांग्रेस की सारी सरकारें मिलकर भी नहीं कर पाई थीं।  
श्री राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बिना किसी राज्य से भेदभाव किए बराबर सहयोग कर रही है और इस सरकार का जो भी फैसला है, वह सामूहिक फैसला होता है। केंद्र सरकार जितना संभव है, मध्यप्रदेश के लिए भी कर रही है। सिद्धांतों पर आधारित एक संगठन है, जिसमें हर व्यक्ति की भूमिका निश्चित होती है। जब, जिसे जो जिम्मेदारी दी जाती है, वह उसे पूरी तरह निभाने का प्रयास करता है। ऐसे में नेताओं के बीच मतभेद सिर्फ ऐसे लोगों की कल्पना में ही संभव है, जो केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे कामों से भयभीत हैं और जिन्हें यह लगने लगा है कि अब उनका झूठ ज्यादा दिनों तक जनता से छिपा नहीं रह सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा प्रदेश की सड़कों के जर्जर होने और उखड़ने पर उनकी मरम्मत कराने के बजाय केंद्र सरकार  पर दोषारोपण कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
देते हैं।

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