लाख टके का सवाल ; दो लाख से कम पर क्यों मचा रहे बवाल :मालू

एक विचार Dec 15, 2019


Khabar Nation / खबर नेशन
मध्यप्रदेश राज्य खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू ने एन.आर.सी. और कैब पर विरोधियों का बवाल देश हित में कदापि नहीं है।शरणार्थी और घुसपैठियों में अपने वोट बैंक के तुच्छ स्वार्थ ढूंढ़ने के बजाय,इनमें अंतर करना सीखें।नागरिकता देने के सकारात्मक सोच के कानून को नकारात्मक रूप से प्रस्तुत कर देश की फ़िजा खराब की जा रही है।
मालू ने कहा कि,संयुक्त राष्ट्र संघ की रिफ्यूजी एजेंसी की14वीं वार्षिक रिपोर्ट जो 8 दिसम्बर 2015 को जारी की गई थी, उनआंकड़ों के आधार पर 2014 तक भारत में 1,99,937 शरणार्थी रहें हैं,जबकि पाकिस्तान में 15 लाख और चीन,फ्रांस,जर्मनी,अमेरिका, सूडान,टर्की, युगांडा,यमन,इथियोपिया में 3 लाख के लगभग शरणार्थी निवास कर रहें है,जँहा उन्हें नागरिकता और सुविधाएं भी नहीं है।फिर हमारे मुल्क में बवाल क्यों?
मालू नें कहा अवैध सदैव अवैध है,जो शरणार्थी और घुसपैठियों में अंतर नहीं कर पा रहे वे देश के दुश्मन हैं।देश में दूसरे देश के लिए जासूसी करने,विध्वंस-अस्थिरता,अराजकता फैलाने के लिए घुस गए लोगों को पनाह देने का गुनाह कोई भारतीय कैसे कर सकता है,यह समझना चाहिए।
मालू ने कहा कि चन्द वोटों के लिए कांग्रेस सहित कुछ दल भारत में 1947 से रह रहे मुसलमानों को भड़का रहें हैं, जबकि सरहद पार के दुश्मन मुल्क भी इसी तरह भावना भड़का रहे हैं।इस तरह वे भारतीय मुस्लिम समाज को शंका के घेरे में लाकर ,भय पैदा कर सामाजिक ताने बाने को तोड़ने का जघन्य अपराध कर रहें हैं,जो किसी भी तरह देश विरोधी काम से कम नहीं है।
मालू नें कहा कि जँहा पडौसी देश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा भारत का दायित्व है,वहीं सुरक्षा,सम्प्रभुता, अखण्डता के लिए पाक के नापाक इरादों के एजेंटों,पडौसी मुल्कों के जासूसों ख़ुफ़ियागिरी करने वालों को भी भारत से खदेड़ना हमारा कर्तव्य है।जिसकी प्रतिपूर्ति में व्यापक जनादेश   सरकार कठोरता व दृढ़ता से सन्नद्ध है।

 

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