किसान संघर्ष समिति के 2020 के संकल्प -एड. आराधना भार्गव

एक विचार Dec 31, 2019


Khabar Nation / खबर नेशन
किसान संघर्ष समिति कि स्थापना 25 दिसम्बर 1997 में हुई, तभी से किसानों के बीच में लगातार संघर्ष करते हुए किसानों के हक में भू-राजस्व संहिता में अनेक बदलाव करवाने में सफल हुई। किसान संघर्ष समिति 12 जनवरी को हर वर्ष मुलताई तहसील में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित करती है। अब किसान संघर्ष समिति अपना यह दायरा बढ़ाकर प्रदेश के हर जिले में जहाँ पर किसान संघर्ष समिति कि ईकाई कार्यरत है, प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित करेगी। म.प्र. में जल, जंगल, जमीन के लिये संघर्ष करने वाले साथियों का चयन कर उनका भी सम्मान करेगी। ऐसे अधिकारी जिन्होंने सत्ता के सामने अपने सिद्धान्तों के खातिर अपने घुटने नही टेके और अपना स्थान्तरण करवाना पसन्द किया उन्हें सम्मानित करेगी। किसान संघर्ष समिति प्रदेश के ऐसे अधिकारियों को भी सम्मानित करेगी जिन्होंने दुष्कर्म कि शिकार गरीब युवति कि शिकायत पर किसी बढ़े राजनेता के खिलाफ केश दर्ज किया। ऐसे टेक्सी, बस या रेल्वे के कर्मचारी जिन्होंने वाहन या ट्रेन में छूटे सामान को मालिक तक पहुँचाया उनका सम्मान भी किसान संघर्ष समिति करेगी। सिविल सर्विसेज एग्जाम में टाॅप पर आईएएस बना या आईआईटी की कठिन परीक्षा में बना या जिले में अव्वल आने वाले, या सब्जी बेचने वाले, या रिक्सा चलाने वाले या घरेलु काम कारने वाले गरीब के बच्चे को भी सम्मानित करने का काम किया जायेगा।
किसान संघर्ष समिति समाज में नया काम करने वाले लोगों को अपना प्रतिमान (आईकाॅन) बनाना चहाती है। समाज जिसे अपना प्रतिमान बनाती है समाज वैसे ही बनने लगाता है। अगर हमने जाने-अनजाने में गलत प्रतिमान बनाये तो हमारा समाज भी उसी के अनुरूप ढलने लगता है। फोब्र्स ने विगत सप्ताहांत में हर साल कि तरह भारत के 100 सेलिब्रिटीज के नाम और उनकी रैकिंग दी है। इस लिस्ट में शीर्ष पर अधिकांशतः फिल्मी दुनिया या क्रिकेट के खिलाड़ी है। विराट कोहली ने इस बार सलमान को पीछे छोड़ दिया, नम्बर 2 पर अक्षय कुमार है और टाॅप टेन में आलिया और दीपिका क्रमशः 8वें और 10वे स्थान पर। चयन का आधार ही स्पष्ट करता है कि अगर देश में समाज के लिये संघर्ष करने वाले सिद्धांतों पर चलने वाले या किसी वैज्ञानिक ने नई खोज की है, ऐसे लोगों का नाम उन 100 सेलिब्रिटीस मे शामिल नही है। आखिर इस विषय पर किसान संघर्ष समिति ने पूंजीवाद और बाजारवाद के बादलों में छिपे होनहार देश के सच्चे नागरिकों का सम्मान करने कि बात इसलिये सोची कि गलत प्रतिमान देश कि दिशा किस तरीके से बदल रहे है। जब माँ-बाप बच्चे को शाम को पढ़ने को कहते है तो बच्चे उन्हें यह सोचकर देखता है कि तरकी की तो कमर नाचने से होती है। क्योंकि मेरिट में आने वाले बच्चे का नाम टाॅप टेन कि लिस्ट में नही है लेकिन उसी मोहल्ले के बच्चे को टी.वी. के डांस काम्पटीशन में आने पर उसे कांधे पर उठाने का बिजुअल अखबारों  और चैनलों में दिखाया जाता है। शायद इसी तरह की सोच के शिकार हो हम सब खूंखार अपराधी को भी चुनाव में चुनकर भेजते है। अब देश या प्रदेश में कोई ऐसा गांव या शहर नही बचा जहाँ प्रतिदिन महिला दुष्कर्म कि खबरें सुनने को नही मिलती, किन्तु समाज महिला के साथ नही बल्कि दुष्कर्म करने वाले के साथ खाड़ा दिखाई देता है।
म.प्र. सरकार हनी ट्रैप मामलों में फंसे अधिकारियों को बचाने में लगी है, उन्हें अपराधी भी मानने को तैयार नही है, और इस बात की भी जाँच कराने को तैयार नही है, कि अधिकारी तथा सफेद पौश अपराधियों के पास अरबों रूपये कि सम्पत्ति कहाँ से आई । अपराध तो महिला और पुरूष दोनों ने मिलकर किया है महिला अकेले को अपराधी बनाकर जेल के अन्दर क्यों ठूंसा गया ?
छिन्दवाड़ा जिले में माॅचागोरा बाँध बनाया गया है, इस बाँध में ग्राम बारह बरियारी के सरपंच का इकलौता बेटा, ग्राम भूला मोहगांव के अनील साहू तथा मानेगांव के एक व्यक्ति की मौत टाटा सूमों सहित बाँध में 25 फिट गहरे पानी मे गिरने के कारण हो गई। अखबारों में तथा इलेक्ट्रानिक मिडिया में मारपीट करने, वाहन तोड़ने कि खबर के बीच में यह खबर दबकर रह गई, कि हिवर खेड़ी के एक होनहार सब इन्सपेक्टर ने घटना की जानकारी मिलते हि ठंड में बाँध में छलांग लगा दी उसी प्रकार यह खबर भी दबकर रह गई कि किसान संघर्ष समिति के चैरई ब्लाॅक के उपाध्यक्ष कन्हैयराम वर्मा ने रात्रि 12 बजे कड़कड़ाती ठंड में 25 फिट गहरे पानी में डूब कर लाश को बाहर निकाला। किसान संघर्ष समिति इन्हें अपना प्रतिमान (आईकाॅन) मानती है और उन्हें नए वर्ष में सम्मानित भी करेगी।
किसान संघर्ष समिति नए वर्ष में प्रयास करेगी कि बाजार कि ताकतों के बस में होकर गलत प्रतिमान न बनाए जाएं बल्कि, बच्चों के भविष्य के लिये समाज में ईमानदारी और सकारात्मक पहल करने वालों को अपना प्रतिमान बनाए ताकि भारत एक बेहतर समाज बन सके।

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