संविधान एवं तिरंगे झंडे को साक्षी मान सात सूत्रीय संकल्प का अभियान शुरू

एक विचार Aug 16, 2020


खबर नेशन / Khabar Nation
मंडलेश्वर । मंथन विचार परिवार के संयोजक संजीव  मोयदे की पहल पर स्वतंत्रता दिवस के पावन उपलक्ष्य पर भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम सात सूत्रीय संकल्प पत्र भरने की योजना प्रारम्भ की गई । गौरतलब है कि मंडलेश्वर मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में स्थित है ।

स्थानीय घंटाघर चौक पर झंडा वंदन के ठीक पश्चात संकल्प पत्र का वाचन विजय बड़ोले ने किया । 

तत पश्चात उपस्थित नागरिको द्वारा संकल्प पत्र भरने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई । यह अभियान मंथन विचार परिवार गुड मॉर्निंग क्लब अक्षय पात्र समिति जन जागृति मंच द्वारा संयुक्त रूप से २६ जनवरी २०२१ तक चलाया जवेंगा।
मुहिम के सहयोगी संजीव मोयदे ने बताया कि देश के प्रत्येक भारतीय नागरिक होने के नाते अपने देश के संविधान एवं तिरंगे झंडे को साक्षी मान कर परिवार सहित शपथपूर्वक यह संकल्प लेना चाहिए। 

(1) मैं और मेरा परिवार राष्ट्रीय एकता, अखंडता एवं संप्रभुता के लिये प्रतिबद्ध होकर संपूर्ण निष्ठा के साथ सामाजिक समरसता की भावना का पालन करने हेतु सदैव संकल्पित रहेंगे।
( 2) मैं और मेरा परिवार शिक्षित, सुसंस्कृत, सुसभ्य बनकर देश के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास में सदैव सक्रिय रूप से सहयोग करता रहेगा।
(3) मैं और मेरा परिवार यथासंभव स्वदेवी वस्तुतओं का उपयोग करते हुए अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्वयं को आत्मनिर्भर बनावेगे, ताकि हम सरकारी मदद पर आश्रित ना रहे।

(4) मैं और मेरा परिवार यथासंभव स्थानीय भाषा, संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित कर उसका विकास करने में अपना पूर्ण सहयोग करेगें।

(5). मैं और मेरा परिवार जल, जमीन और वायु को शुद्ध व स्वच्छ रखते हुए पर्यावरण विकास में पूर्ण सहयोग करेंगे । साथ ही, प्राकृतिक संसाधनों का मितव्ययिता से उपयोग करेंगे।

(6). मैं और मेरा परिवार किसी भी प्रकार की वैमनस्यता न फैलाते हुऐ मोबाईल, इंटरनेट, सोशल मीडिया आदि का संतुलित रूप से उपयोग करेंगे। अपनी आय व समय को अनावश्यक कार्यो में बर्बाद नहीं करेंगे, अपितु उन्हें उत्पादक कार्यो में
लगा कर अपनी और देश की प्रगति में सहयोग करेगें।

(7). मैं व मेरा परिवार देश के कानून का सम्मान करते राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान नहीं करेंगे । हमारे लिये देश सर्वोपरी रहेगा न कि राजनैतिक, धार्मिक, जातीय प्रतिबद्धता।

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