भारत सरकार के कूटनीतिक कौशल से एच-वनबी वीजा नीति बरकरार

साढ़े सात लाख भारतीय कर्मियों को राहत
 

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व सांसद आलोक संजर ने कहा कि एच-वनबी वीजा पाॅलिसी में बदलाव करना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिबद्धता थी। इसका प्रभाव उन साढ़े सात लाख भारतीय कर्मियों पर पडना था जो विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका में काम करते हुए अपनी पहचान बना चुके हैं।
 

उन्होंने कहा कि भारतीयों को किसी भी दिन देश छोड़ना उनकी नियति बन चुकी थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की कूटनीतिक श्रेष्ठता से इस नीति की अच्छाईयों और बुराईयों दोनों का निष्कर्ष राष्ट्रपति ट्रंप को समझा दिया गया। साथ में ऐसे समय जब अमेरिका भारत को अपना सच्चा सहयोगी और मित्र घोषित कर रहा हैं। इस नीति के मायने भी समझा दिए गए जिससे अमेरिका प्रशासन को कहना पड़ा कि इस बारे में कोई अंतिम निर्णय लिए जाने के संकेत नहीं हैं। इससे साढ़े सात लाख भारतीय कर्मियों के अनिश्चित भविष्य को संबल मिला हैं। विदेश मंत्रालय की पहल सराहनीय हैं।
 

संजर ने कहा कि इस बात में दो राय नहीं हैं कि भारतीय कर्मी प्रतिभाशाली और परिश्रमी हैं। इस तथ्य को अमेरिकन सरकार भी भली भांति जानती हैं। फिर अमेरिका में इन क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मियों की कमी हैं जिसकी पूर्ति भारतीय कर्मियों ने की हैं। अमेरिका के लिए भारतीय वरदान साबित हुए हैं। ट्रंप जो ठान लेते हैं उसे पूरा करते हैं। तथापि एच-वनबी वीजा के मामले में भारतीयों के साथ साथ यह रियायत वास्तव में एक अपवाद और मोदी ट्रंप में मैत्री की सुखद परिणति हैं। (खबरनेशन / Khabarnation)
 

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