कालोनी विकास के कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र का सरलीकरण तथा एकीकृत किया जाना जरूरी

रेरा अध्यक्ष डिसा द्वारा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी कार्यशाला का शुभारंभ

खबर नेशन/Khabar Nation  

भोपाल, भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) अन्टोनी डिसा ने कहा कि कालोनी विकास के लिए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कालोनी विकास के कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र का  सरलीकरण तथा एकीकृत किया जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पूर्णता प्रमाण पत्र समय पर, आसानी से और यर्थात के अनुरूप जारी होने से आवंटी और बिल्डर के हितों का संरक्षण होता है।  नियम में कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र की विसंग‍ति को दूर किया जाना भी अत्यंत जरूरी है। डिसा आज यहां प्रशासन अकादमी में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा "कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र" के संबंध में आयोजित महत्वपूर्ण कार्यशाला का शुभारंभ कर रहे थे।

प्रदेश स्तरीय इस एक दिवसीय कार्यशाला में नगरीय विकास एवं आवास विभाग की इस महत्वपूर्ण विषय से जुड़े करीब 21 विभागों के अधिकारी भाग ले रहे हैं। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास गौरी सिंह, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग श्री संजय दुबे, संचालक नगर तथा ग्राम निवेश राहुल जैन सहित अन्य विभागों के अधिकारी तथा क्रेडाई, चाटर्ड एकाउंटेट के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

डिसा ने कहा कि वर्तमान में कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने में नियमों तथा व्यवहारिक प्रक्रियाओं में काफी भिन्नता देखते में आती है। इसके कारण शासन, आवंटियों तथा बिल्डर को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि रियल स्टेट सेक्टर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में महत्पूर्ण योगदान करता है। कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र प्रक्रिया में उसका प्रत्यक्ष हित् रहता है। रेरा अध्यक्ष डिसा ने कहा कि ऐसे में रियल स्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने तथा आवंटियों को आसानी से सुनिश्चित आवास उपलब्ध कराने के लिए यह आवश्यक है कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की वर्तमान प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन करने के साथ ही एकरूपता लाई जाए।

अध्यक्ष रेरा डिसा ने कहा कि प्रदेश में रेरा की स्थापना के दो वर्ष पूरे कर लिए है। रेरा की स्थापना का उद्देश्य आवंटियों के साथ ही बिल्डरों के हितों का ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि कालोनी विकास का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, समानता तथा आश्वासन है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता  के उद्देश्यों की पूर्ति तो हुई है परन्तु आश्वासन का उद्देश्य पूरी तरह से सार्थक नहीं हो पाया है। श्री डिसा ने कहा कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र की जटीलता राज्य स्तरीय बड़ी समस्या है। इसके नियमों में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने इससे संबंधित नियमों में संशोधन के संबंध में अपने विचार भी व्यक्त किए।

कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास गौरी सिंह ने कहा कि शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से विकास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि  आवंटी के हित के साथ ही एकीकृत विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने आशय शुल्क के उचित और समय पर उपयोग बाबत् अपने विचार रखे ।

प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर मनु श्रीवास्तव ने कहा कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में संशोधन करते समय शासन के हित का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है।

प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास संजय दुबे ने कहा कि आवंटी तथा बिल्डर की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र के नियम में संशोधन की आवश्यकता मेहसूस की जा रही थी। वर्तमान में अनुमतियों के लिए अनेक विभाग में संपर्क करने को सरल बनाया जाना जरूरी है। इसी  उद्देश्य की पूर्ति के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

संचालक नगर तथा ग्राम निवेश राहुल जैन ने कहा कि कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र संबंधी कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कार्यशाला से जुड़े सभी विभागों की भी जानकारी दी।

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