प्रदेश में विद्युत वितरण में कोई भी कोताही व लापरवाही सहन नहीं होगी, जवाबदारी सुनिश्चित हो: कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विद्युत उपलब्धता, वितरण और कटौती की पिछले एक माह की रिपोर्ट तलब की 

आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए 10 घंटे बिजली मिलना सुनिश्चित हो

खबरनेशन/Khabarnation  

भोपाल, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विद्युत कटौती की मिल रही शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री, प्रमुख सचिव ऊर्जा को निर्देशित किया है वे प्रदेश में विद्युत उपलब्धता, वितरण और कटौती के बारे में पूरे प्रदेश की पिछले एक माह की रिपोर्ट उन्हें तत्काल दे। साथ ही कहा है कि अगर कटौती हुई है तो उसके कारण भी बताएं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बिजली वितरण में किसी भी तरह की लापरवाही और कोताही सहन नहीं होगी।जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदारी सुनिश्चित की जाये। 

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने विद्युत वितरण के संबंध में प्राप्त हो रही शिकायतों के संबंध में उर्जा विभाग को सख्त हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम है इसमें विद्युत सप्लाई में कोई बाधा नहीं होना चाहिए। कृषि कार्य के लिये भी किसान भाइयों को बिजली पर्याप्त उपलब्ध हो। मुख्यमंत्री ने बिजली कम्पनियों से इस बात का भी जवाब मांगा है कि जब बिजली सरप्लस में उपलब्ध है तब कटौती की शिकायतें क्यों आ रही हैं। 

उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाये कि चुनाव के समय ही कटौती की शिकायतों क्यों आ रही है? क्या इसके पीछे कुछ साजिश-षड्यंत्र तो नहीं है? इसकी भी जानकारी ली जाये। कुछ स्थानो पर आँधी-बारिश से वितरण में व्यवधान की बात सामने आयी है, जिसे तत्काल दुरुस्त भी कर लिया गया लेकिन जहाँ बिना कारण से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आ रही है, वो गम्भीर मसला है। उस पर तत्काल ध्यान देवे। उन्होंने ऊर्जा विभाग से मांग और आपूर्ति के संबंध में भी जानकारी माँगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कटौती के संबंध में बिजली कर्मियों को संवेदनशील और तत्पर बनाने की आवश्यकता है। 

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि इसके लिए अतिरिक्त संसाधन जरूरी हो तो वह भी बिजली महकमे को तत्काल उपलब्ध करवाएं जाये लेकिन आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए हर हाल में 10 घंटे बिजली मिले यह सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी प्रकार की शिकायत व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों, विधायकों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली वितरण पर सतत निगरानी रखें। किसी भी तरह की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल बिजली कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क कर वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाएं।

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