शरीयत-ए-इस्लामी ज़िन्दगी में अनुशासन लाती है: हज़रत फखरुद्दीन अशरफ साहब

नन्दनवन कॉलोनी में मख़दूमे सिमना कांफ्रेंस

खबरनेशन/Khabarnation  

इंदौर। शरीयते इस्लामी यानी धार्मिक आचार संहिता ज़िन्दगी में अनुशासन पैदा करती है। अल्लाह से मजबूत वास्ता ही रूहानियत का रास्ता है। रूहानियत से जिस्म ही नहीं बल्कि रूह भी पाक हो जाती है।उक्त विचार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हज़रत फखरुद्दीन अशरफ साहब ने व्यक्त किए। 

रूहानियत से जोड़ने और इस्लाम को लेकर जो गलतफहमियां है उसे दूर करने  के मकसद से माणिकबाग स्थित नन्दनवन कॉलोनी नमक गोदाम पर मख़दूमे सिमना कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें विद्वानों की तक़रीर हुई।आयोजक मोहम्मद अज़हर अशरफी ने जानकारी देते हुए बताया कि बतौर ख़ास मेहमान उत्तरप्रदेश से किछौछा शरीफ के गद्दीनशीन और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष हज़रत सैय्यद फखरुद्दीन अशरफ साहब इंदौर तशरीफ़ लाए।उन्होंने कांफ्रेंस में नूरानी व रूहानी पैग़ाम देते हुए कहा आज बुज़ुर्गों से हमारी दूरी बढ़ने से परेशानी आ रही है, हम बुज़ुर्गों के क़रीब जाएं, उलमाओं की बात सुने और रूहानियत से जुड़ें।क्योंकि रूहानियत इबादत से मिलती है और इबादत रब से ताल्लुक रखती है। आपस के टकराव को दूर करें।ये बात अच्छी तरह समझ लीजिए कि इंसानियत की तलाश, अमन की ख्वाहिश और अपने मालिक को राजी करने की जुस्तजु में लगे लोगों को सच्चा सुकून मिलता है,जो पैसों से हासिल नहीं हो सकता,ये सुकून ईमान की दौलत से ही मिलेगा। प्रमुख वक्ता मुबारकपुर के मौलाना सदरुलवरा क़ादरी साहब ने कहा इस्लाम अमन का पैग़ाम देता है। उन्होंने कहा सबके लिए मोहब्बत का जज्बा रखें। उत्तरप्रदेश से मौलाना जलालुद्दीन साहब ने संबोधित करते हुए कहा हक व सच की शमां को हर हाल में जलाए रखना है। मौलाना तबरेज़ आलम साहब ने मेहमानों का परिचय करवाया। 

कांफ्रेंस में मौलाना अज़हरुद्दीन क़ादरी,मौलाना सलमान रज़ा,मौलाना जावेद अख़्तर, मोहम्मद रिज़वान क़ादरी सहित अनेक समाजजन मौजूद थे।समापन मुल्क की खुशहाली व सलामती की दुआ के साथ हुआ।

Share:


Related Articles


Leave a Comment