श्रमिक सुनीता, संध्या और शशि को मिले पक्के घर

 

 

खबरनेशन/Khabarnation                                                                                                                                                                                                                                  भोपाल : सिवनी जिले के ग्राम बींझावाड़ा की श्रमिक सुनीता कुशवाह, दतिया जिलामुख्यालय की श्रमिक संध्या सेन और शशि अहिरवार को प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के घर मिल गये हैं। इन्हें मिट्टी-खपरैल के कच्चे मकानों की परेशानियों से हमेशा के लिये छुटकारा मिल गया है।

श्रमिक सुनीता कुशवाहा पति बसंत कुशवाह और दो बच्चों के साथ मिट्टी के छोटे से कच्चे मकान में रहती थी। पति-पत्नि दोनों मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। बच्चों की अच्छी परवरिश और एक पक्के मकान की इनकी परिकल्पना रही। प्रधानमंत्री आवास योजना में सुनीता के परिवार की पक्के मकान की परिकल्पना साकार हुई। ग्राम पंचायत के माध्यम से उसे पक्का मकान बनाने के लिये वित्तीय सहायता मिली, तो पति-पत्नि ने बच्चों की सहूलियत के हिसाब से अपना पक्का घर बनवाया। अब बच्चों की परवरिश में जुट गये हैं।

दतिया शहर की आसोमाई गली में रहने वाली संध्या सेन श्रमिक है। उसके पति अशोक सेन छोटा-मोटा काम करते हैं। पति-पत्नि मिलकर भी इतना नहीं कमा पाते कि अपने लिये पक्का मकान बनवा सकें। इस वर्ष बारिश में लगातार 15 दिन तक कच्चे झोपड़े की जिन्दगी संध्या सेन के परिवार के लिये काफी कष्टदायक रही। हाल ही में दतिया के विधायक और शासन के जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने संध्या को प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के घर का कब्जा सौंपा। अपने घर की चाभी पाकर संध्या के परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। अब यह परिवार इस बात से निश्चिंत है कि पक्की छत का घर मिल जाने के कारण अगली बारिश में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।

दतिया शहर के ही छल्लापुरा वार्ड-2 में रहती है श्रमिक शशि अहिरवार पत्नि स्व. ब्रजकिशोर अहिरवार। इस बारिश में शशि के झोपड़े में छत और जमीन दोनों ओर से पानी आया, जिस कारण उसका जीना दूभर हो गया था। पक्का मकान चाहती थी लेकिन हैसियत नहीं थी। प्रधानमंत्री आवास योजना ने शशि के पक्के मकान की अभिलाषा को पूरा किया। जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने उसे मकान बनाने के लिये योजनान्तर्गत समुचित धनराशि प्रदान की। शशि का पक्का घर बन रहा है। वह निश्चिंत है कि इस सर्दी और अगली बरसात में उसे पक्की छत का सहारा मिल जायेगा।

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